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31 March 2025 Panchang (31 मार्च 2025 का पंचांग)

31 March 2025 Panchang (31 मार्च 2025 का पंचांग)

Aaj Ka Panchang: आज 31 मार्च 2025 का शुभ मुहूर्त, राहुकाल का समय, आज की तिथि और ग्रह


Aaj Ka Panchang 31 March 2025: आज 31 मार्च 2025 चैत्र माह का पन्द्रहवां दिन है और आज इस पंचांग के अनुसार चैत्र माह के शुक्ल पक्ष तिथि द्वितीया और तृतीया है। आज का दिन बेहद ही खास रहने वाला है क्योंकि आज चैत्र नवरात्रि का दूसरा और तीसरा दिन एक साथ है। इसके अलावा मत्स्य जयंती, गणगौर और गौरी पूजा भी की जाएगी। वहीं आज सोमवार का दिन है। आज यानि द्वितीया और तृतीया तिथि के दिन वैधृति और विष्कम्भ योग है। आज चंद्रमा मेष राशि में रहेंगे। आज वार के हिसाब से आप सोमवार का व्रत रख सकते हैं। सोमवार का व्रत भगवान भोलेनाथ को समर्पित होता है। आइए भक्त वत्सल के इस लेख में हम विस्तार से आपको आज के पंचांग के बारे में बताएंगे कि आज आपके लिए शुभ मुहूर्त क्या है। किस समय कार्य करने से शुभ परिणाम की प्राप्ति हो सकती है। साथ ही आज किन उपायों को करने से लाभ हो सकता है और आज के दिन किन मंत्रों का जाप करने से लाभ हो सकता है। 


आज का पंचांग 31 मार्च 2025


  • तिथि- चैत्र शुक्ल पक्ष द्वितीया तिथि, तृतीया तिथि (क्षय)
  • नक्षत्र - अश्विनी
  • दिन/वार- सोमवार 
  • योग-  वैधृति और विष्कम्भ योग 
  • करण- कौलव और तैतील 


शुक्ल पक्ष द्वितीया तिथि प्रारंभ- 30 मार्च दोपहर 12:49 बजे 

शुक्ल पक्ष द्वितीया तिथि समाप्त- 31 मार्च दोपहर 09:11 बजे

शुक्ल पक्ष तृतीया तिथि (क्षय तिथि) प्रारंभ- 31 मार्च सुबह 09:11 बजे 

शुक्ल पक्ष तृतीया तिथि समाप्त- 01 अप्रैल सुबह 05:42 बजे 


नोट- शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि क्षय तिथि है इसलिए इस बार नवरात्रि आठ दिन की होगी। 


सूर्य-चंद्र गोचर-  


  • सूर्य- मीन राशि में रहेंगे। 
  • चंद्र- मेष राशि में रहेंगे। 


सूर्य और चंद्रमा का मुहूर्त


  • सूर्योदय- सुबह 06 बजकर 12 मिनट पर 
  • सूर्यास्त- शाम 06 बजकर 38 मिनट पर 
  • चन्द्रोदय- सुबह 07 बजकर 12 मिनट पर   
  • चन्द्रास्त- रात्रि 09 बजकर 31 मिनट पर 


आज का शुभ मुहूर्त और योग 31 मार्च 2025


  • सर्वार्थ सिद्धि योग - 30 मार्च शाम 04:35 बजे से 31 मार्च सुबह 06:23 बजे तक। 
  • ब्रह्म मुहूर्त - प्रात: 04:40 बजे से सुबह 05:26 बजे तक।
  • अमृत काल - सुबह 07:24 बजे से सुबह 08:48 बजे तक।  
  • अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:01 बजे से दोपहर 12:50 तक।
  • विजय मुहूर्त - दोपहर 02:30 बजे से दोपहर 03:19 बजे तक।
  • गोधूलि मुहूर्त - शाम 06:37 बजे से शाम 07:00 बजे तक।
  • निशिता मुहूर्त - 01 अप्रैल रात्रि 12 बजकर 02 मिनट से 01 अप्रैल रात्रि 12 बजकर 48 मिनट तक।
  • संध्या मुहूर्त - शाम 06:38 बजे से शाम 07:48 बजे तक।


आज का अशुभ मुहूर्त 31 मार्च 2025


  • राहुकाल - सुबह 07:46 बजे से सुबह 09:19 बजे तक।
  • गुलिक काल  - दोपहर 01:59 बजे से दोपहर 03:32 बजे तक।
  • यमगंड - सुबह 10:52 बजे से दोपहर 12:25 बजे तक।
  • दिशाशूल - पूर्व दिशा, इस दिशा में यात्रा करने से बचना चाहिए।
  • दुर्मुहूर्त - दोपहर 12:50 बजे से दोपहर 01:40 बजे तक। 


31 मार्च 2025 पर्व/त्योहार/व्रत


आज आप सोमवार का व्रत रख सकते हैं, जो कि भगवान भोलेनाथ को समर्पित है। गौरी पूजा इसके अलावा आज के प्रमुख त्योहार है- 


मत्स्य जयंती


हिन्दू पञ्चाङ्ग के अनुसार, चैत्र शुक्ल तृतीया को मनाया जाने वाला मत्स्य जयन्ती भगवान विष्णु के मत्स्य अवतार के जन्म की वर्षगाँठ है। यह पर्व चैत्र नवरात्रि के समय आता है और सामान्यतः गणगौर उत्सव के साथ मेल खाता है। मत्स्य अवतार, सत्ययुग में भगवान विष्णु का प्रथम अवतार था। इस अवतार में विष्णु जी एक मछली के रूप में प्रकट हुये थे और उन्होंने राजा सत्यव्रत, प्रजापतियों एवं सप्तऋषियों की जलप्रलय से रक्षा की थी। एक अन्य कथा के अनुसार, हयग्रीव नामक राक्षस ने ब्रह्मा जी के वेदों को चुराकर समुद्रतल में छुपा दिया था, जिन्हें पुनः प्राप्त करने हेतु भगवान विष्णु ने मत्स्य अवतार धारण किया था। मत्स्य जयन्ती के अवसर पर, भगवान विष्णु के मन्दिरों में विशेष पूजा-अर्चना का आयोजन किया जाता है। इस दिन भगवान विष्णु के भक्त एक दिवसीय उपवास का पालन करते हैं और मत्स्यपुराण एवं श्री विष्णु सहस्रनाम का पाठ करते हैं।


गणगौर


गणगौर व्रत एक पावन और महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है, जिसे सुहागिन महिलाएं भक्ति भाव के साथ मनाती हैं। यह व्रत चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है, जो भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा के लिए विशेष रूप से समर्पित है। इस दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और सुखी वैवाहिक जीवन के लिए भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करती हैं और कठिन व्रत का पालन करती हैं। यह व्रत न केवल पति की लंबी उम्र और सुखी वैवाहिक जीवन के लिए मनाया जाता है बल्कि यह व्रत महिलाओं को अपने जीवन में सुख, समृद्धि और संतुष्टि प्राप्त करने में भी मदद करता है। गणगौर व्रत की पूजा विधि में भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करना, व्रत रखना, और दान-पुण्य करना शामिल है। महिलाएं इस दिन विशेष रूप से सजती-संवरती हैं और अपने पति की लंबी उम्र और सुखी वैवाहिक जीवन के लिए प्रार्थना करती हैं। इसी दिन गौरी पूजा भी की जाती है। 


आज का उपाय 31 मार्च 2025


31 मार्च को वैधृति और विष्कम्भ योग बन रहा है। वैधृति की सम्पूर्ण अवधि को सभी अच्छे कार्यों के लिये अशुभ माना जाता है। इसीलिये यह अच्छे मुहूर्त में वर्जित है। तो वहीं विष्कम्भ की पहली 3 घटी को सभी अच्छे कार्यों के लिये अशुभ माना जाता है। इसीलिये प्रारम्भ की 3 घटी अच्छे मुहूर्त में वर्जित हैं। इस दिन कुछ विशेष उपाय करने से आपको अपने जीवन में सफलता, समृद्धि, और सुख की प्राप्ति हो सकती है। आज के दिन दान-पुण्य करने से आपको पुण्य मिलेगा और आपके जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आएंगे। वहीं आज सोमवार का दिन है। ऐसे में आप भगवान भोलेनाथ की आराधना करें। 


  • सोमवार के उपाय- सोमवार के दिन कुछ विशेष उपाय करने से जीवन में सुख-समृद्धि और शांति आती है। इस दिन भगवान शिव की पूजा करना विशेष फलदायक होता है। सोमवार के दिन जल्दी उठकर स्नान करने के बाद भगवान शिव को जल, दूध और फल चढ़ाएं। इसके अलावा, इस दिन व्रत रखने से भी भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है। सोमवार के दिन तुलसी के पौधे को जल चढ़ाना और हनुमान जी की पूजा करना भी शुभ माना जाता है।
  • चैत्र नवरात्रि द्वितीया दिवस उपाय- चैत्र नवरात्रि के द्वितीय दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है। इस दिन कुछ विशेष उपाय करने से जीवन में सुख-समृद्धि और शांति आती है। इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करने के बाद मां ब्रह्मचारिणी को जल, दूध, और फल चढ़ाएं। इसके अलावा इस दिन व्रत रखने से भी मां ब्रह्मचारिणी की कृपा प्राप्त होती है। इस दिन गाय को हरा चारा खिलाना और गरीबों को दान देना भी शुभ माना जाता है। इन उपायों को करने से जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आते हैं और मां ब्रह्मचारिणी की कृपा से सभी कार्यों में सफलता प्राप्त होती है।
  • चैत्र नवरात्रि तृतीया दिवस उपाय- चैत्र नवरात्रि के तृतीय दिन मां चंद्रघंटा की पूजा की जाती है। इस दिन कुछ विशेष उपाय करने से जीवन में सुख-समृद्धि और शांति आती है। इस दिन मां चंद्रघंटा की पूजा करना चाहिए और उन्हें दूध, दही और शहद चढ़ाना चाहिए। इसके अलावा, इस दिन व्रत रखना चाहिए और गरीबों को दान देना चाहिए। मां चंद्रघंटा के मंत्रों का जाप करना भी विशेष फलदायक होता है। इन उपायों को करने से जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आते हैं और मां चंद्रघंटा की कृपा से जीवन में सुख-समृद्धि और शांति आती है।
  • गणगौर पर क्या उपाय करें - इस दिन ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए और साफ-सफाई का ध्यान रखना चाहिए। भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करनी चाहिए और सुहागिन महिलाओं को शृंगार का सामान दान करना चाहिए। गणगौर व्रत कथा का पाठ जरूर करना चाहिए, क्योंकि इसके बिना पूजा अधूरी मानी जाती है। इसके अलावा इस दिन दान-पुण्य करना चाहिए और सकारात्मक विचार रखने चाहिए। 


31 मार्च 2025 आज के पंचांग का महत्व


आज अश्विनी नक्षत्र है। अश्विनी नक्षत्र को अधिकांश शुभ कार्यों के लिये श्रेष्ठ माना जाता है। इसीलिये यह शुभ मुहूर्त में स्वीकृत है। साथ ही चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की द्वितीया और तृतीया तिथि है। पंचांग के अनुसार, आज का दिन बेहद ही खास रहने वाला है क्योंकि आज से ही चैत्र नवरात्रि की द्वितीया और तृतीया तिथि एक साथ है। 


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यजुर्वेद (Yajurveda)

यजुर्वेद संस्कृत के दो शब्द यजुष् और वेद शब्द की संधि से बना हुआ शब्द है। यज का अर्थ होता है समर्पण जिसमें यज्ञ यानी हवन को समर्पण की क्रिया माना जाता है।

सामवेद (Samveda)

साम शब्द का अर्थ होता है गायन या गाना। सामवेद में गायन विद्या का भंडार है और माना जाता है कि यहीं से संगीत की उत्पत्ती हुई है। इस वेद में समस्त स्वर, ताल, लय, छंद, गति, मंत्र, स्वरचिकित्सा, राग, नृत्य मुद्रा और भाव के बारे में भी जानकारी मिलती है।

अथर्ववेद (Atharvaveda)

अथर्ववेद की रचना और उसके स्वरूप के आधार पर ऐसा माना जाता है कि इस वेद की रचना चारों वेदों में सबसे आखिर में हुई थी।

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