Aaj Ka Panchang 7 May 2025: आज 07 मई 2025 वैशाख माह का पच्चीसवां दिन है। साथ ही आज पंचांग के अनुसार वैशाख माह के शुक्ल पक्ष तिथि दशमी है। आज बुधवार का दिन है। इस तिथि पर व्याघात योग रहेगा। वहीं चंद्रमा 8 मई रात्रि 12 बजकर 57 मिनट तक सिंह राशि में रहेंगे और इसके बाद कन्या राशि में गोचर करेंगे। आपको बता दें, आज बुधवार के दिन अभिजीत मुहूर्त नहीं है। इस दिन राहुकाल दोपहर 12 बजकर 18 मिनट से दोपहर 01 बजकर 58 मिनट तक रहेगा। आज वार के हिसाब से आप बुधवार का व्रत रख सकते हैं, जो भगवान गणेश को समर्पित होता है। आज कुछ समय के लिए रवि योग रहेगा। साथ ही भद्रा का साया भी रहेगा। इस दिन त्रिशूर पूरम है, जो एक मलयालम पर्व है। साथ ही महावीर स्वामी कैवल्य ज्ञान है, जो जैन समाज का एक प्रमुख व्रत है। आइए भक्त वत्सल के इस लेख में हम विस्तार से आपको आज के पंचांग के बारे में बताएंगे कि आज आपके लिए शुभ मुहूर्त क्या है। किस समय कार्य करने से शुभ परिणाम की प्राप्ति हो सकती है। साथ ही आज किन उपायों को करने से लाभ हो सकता है।
वैशाख शुक्ल पक्ष दशमी तिथि प्रारंभ - 06 मई सुबह 08:38 बजे
वैशाख शुक्ल पक्ष दशमी तिथि समाप्त - 07 मई सुबह 10:19 बजे
07 मई को व्याघात योग बन रहा है। व्याघात की पहली 9 घटी को सभी अच्छे कार्यों के लिये अशुभ माना जाता है। इसीलिये प्रारम्भ की 9 घटी अच्छे मुहूर्त में वर्जित हैं। इस दिन कुछ विशेष उपाय करने से आपको अपने जीवन में सफलता, समृद्धि, और सुख की प्राप्ति हो सकती है। आज के दिन दान-पुण्य करने से आपको पुण्य मिलेगा और आपके जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आएंगे।
आज पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र है। पूर्वाफाल्गुनी को अधिकांश शुभ कार्यों के लिये सामान्य माना जाता है। इसीलिये यह शुभ मुहूर्त में स्वीकृत है। साथ ही वैशाख माह चल रहा है। वैशाख का महीना भगवान विष्णु को समर्पित होता है, इसलिए इस माह श्री हरि की पूजा विधिवत करे। साथ ही आज वार कि हिसाब से भगवान गणेश की पूजा करने का विधान है। आज कुछ समय के लिए रवि योग रहेगा। साथ ही भद्रा का साया भी रहेगा। इस दिन त्रिशूर पूरम है, जो एक मलयालम पर्व है। साथ ही महावीर स्वामी कैवल्य ज्ञान है, जो जैन समाज का एक प्रमुख व्रत है।
मेरे गणनायक तुम आ जाओ,
मैं तो कबसे बाट निहार रही,
विवाह पंचमी का पर्व बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन माता सीता और प्रभु श्री राम का विवाह हुआ था। विवाह पंचमी का पर्व सभी तिथियों में शुभ माना गया है। इस तिथि आदर्श दांपत्य जीवन का उदाहरण हैं। ऐसी मान्यता है कि अगर किसी व्यक्ति के विवाह में कोई परेशानी आ रही है, तो इस दिन विधिवत रूप से राम जी और जानकी माता की पूजा की जाती है।
मेरे घनश्याम से तुम मिला दो,
मैं हूँ उनका यार पुराना,
हिंदू कैलेंडर के हिसाब से विवाह पंचमी का पर्व मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि के दिन मनाई जाती है। इस दिन प्रभु श्रीराम और माता सीता की विधिवत रूप से पूजा-अर्चना करने का विधान है। वहीं इस साल विवाह पंचमी 06 दिसंबर शुक्रवार के दिन मनाई जाएगी।