Aaj Ka Panchang 04 march 2025: पंचांग के अनुसार फाल्गुना माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि है। वहीं आज मंगलवार का दिन है। इस तिथि पर भरणी नक्षत्र और इंद्र योग का संयोग बन रहा है। वहीं चंद्रमा मेष राशि में संचार कर रहे हैं और सूर्य कुंभ राशि में मौजूद हैं। आपको बता दें, आज मंगलवार के दिन अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 15 मिनट से लेकर दोपहर 01 बजकर 01 मिनट तक है। इस दिन राहुकाल शाम 03 बजकर 33 मिनट से लेकर शाम 05 बजकर 02 मिनट तक है। आज तिथि के हिसाब से आप मंगलवार का व्रत रख सकते हैं। इस दिन हनुमान जी की पूजा विधिवत रूप से करें। वहीं आज पंचमी तिथि और षष्ठी तिथि के दिन स्कंद षष्ठी का व्रत भी रखा जा रहा है। यह व्रत भगवान कार्तिकेय को समर्पित है। आइए भक्त वत्सल के इस लेख में हम विस्तार से आपको आज मंगलवार के पंचांग के बारे में बताएंगे कि आज आपके लिए शुभ मुहूर्त क्या है। किस समय कार्य करने से भाग्योदय हो सकता है। साथ ही आज किन उपायों को करने से लाभ हो सकता है और आज के दिन किन मंत्रों का जाप करने से लाभ हो सकता है।
आज 04 मार्च को ग्रह गोचर की कोई युति नहीं बन रही है।
03 मार्च को भरणी नक्षत्र और इंद्र योग का दिव्य संयोग है। इस दिन चंद्रमा मेष राशि और सूर्य कुंभ राशि में गोचर करते हुए शुभ योग बना रहे हैं। आज मंगलवार के दिन हनुमान जी की पूजा विधिवत रूप से करें। मंगलवार के दिन हनुमान चालीसा का पाठ करना अत्यंत फलदायी माना जाता है। यह नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है और सकारात्मकता लाता है। हनुमान जी को चोला चढ़ाने से उनकी कृपा प्राप्त होती है और सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। हनुमान जी को बूंदी के लड्डू, गुड़-चना या बेसन के लड्डू का भोग लगाएं।
आज भरणी नक्षत्र है, जो कि बहुत ही शुभ नक्षत्र माना जाता है। फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी और षष्ठी तिथि है। आज मंगलवार का दिन है। आज पवनपुत्र हनुमान जी की पूजा विधिवत रूप से करें। आज हनुमान जी की पूजा करने के साथ-साथ भगवान कार्तिकेय की पूजा अवश्य करें।
वैदिक पंचांग के अनुसार 15 दिसंबर को अन्नपूर्णा जयंती मनाई जाएगी। यह पर्व हर वर्ष मार्गशीर्ष माह की पूर्णिमा तिथि पर मनाया जाता है। इस दिन अन्न की देवी मां अन्नपूर्णा और भगवान शिव की पूजा होती है।
माता अन्नपूर्णा अन्न की देवी मानी जाती हैं। इस कारण इस दिन भूल से भी किसी तरह के अन्न का अनादर नहीं करना चाहिए।
ज्योतिष शास्त्र में मंगलदेव को युद्ध का देवता कहा जाता है। इनकी पूजा-अर्चना करने से व्यक्ति को ऊर्जा और साहस मिलती है। वहीं अगर किसी जातक की कुंडली में मंगल उच्च स्थिति मे होते हैं, तो उन्हें मांगलिक कहा जाता है।
सनातन धर्म में माता अन्नपूर्णा को अन्न की देवी माना गया है। इसलिए, हर साल मार्गशीर्ष माह में अन्नपूर्णा जयंती मनायी जाती है। मान्यताओं के अनुसार इस दिन माता पार्वती धरती पर मां अन्नपूर्णा के रूप में अवतरित हुई थीं।