Aaj Ka Panchang 23 February 2025: पंचांग के अनुसार फाल्गुना माह के कृष्ण पक्ष की दशमी तिथि है। वहीं आज रविवार का दिन है। इस तिथि पर पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र और वज्र और सिद्धि योग का संयोग बन रहा है। वहीं आज चंद्रमा धनु राशि में मौजूद हैं और सूर्य कुंभ राशि में मौजूद हैं। आपको बता दें, आज रविवार के दिन अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 17 मिनट से लेकर 01 बजकर 03 मिनट तक है। इस दिन राहुकाल शाम 04 बजकर 57 मिनट से लेकर शाम 06 बजकर 23 मिनट तक है। आज तिथि के हिसाब से आप रविवार का व्रत रख सकते हैं। इस दिन सूर्यदेव की पूजा विधिवत रूप से करें। सूर्यदेव की पूजा-अर्चना करने से व्यक्ति को आरोग्य के साथ-साथ मान-सम्मान का आशीर्वाद मिलता है। आइए भक्त वत्सल के इस लेख में हम विस्तार से आपको आज रविवार के पंचांग के बारे में बताएंगे कि आज आपके लिए शुभ मुहूर्त क्या है। किस समय कार्य करने से भाग्योदय हो सकता है। साथ ही आज किन उपायों को करने से लाभ हो सकता है और आज के दिन किन मंत्रों का जाप करने से लाभ हो सकता है।
वैदिक ज्योतिष के अनुसार, चंद्रमा का गोचर सभी 12 राशियों को प्रभावित करता है। जब चंद्रमा पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र में गोचर करता है, तो यह कुछ राशियों के लिए सकारात्मक और कुछ के लिए नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र में चंद्रमा के गोचर से कुछ लोगों को अपने रिश्तों में सुधार देखने को मिल सकता है।
23 फरवरी को पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र और वज्र और सिद्धि का दिव्य संयोग है। इस दिन चंद्रमा धनु राशि और सूर्य कुंभ राशि में गोचर करते हुए शुभ योग बना रहे हैं। आज रविवार के दिन सूर्यदेव की पूजा विधिवत रूप से करें। इस दिन व्रत जरूर रखें। इससे व्यक्ति की कुंडली में स्थित सूर्य की स्थिति मजबूत हो सकती है। साथ ही व्यक्ति के मान-सम्मान में वृद्धि हो सकती है।
आज पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र है, जो कि बहुत ही शुभ नक्षत्र माना जाता है। आज रविवार है, जो सूर्यदेव को समर्पित है। आज फाल्गुन कृष्ण पक्ष की दशमी तिथि है। पंचांग के अनुसार, शुभ मुहूर्त में किए गए कार्य सफल होते हैं।अशुभ काल में किसी भी महत्वपूर्ण कार्य को करने से बचना चाहिए। तांबे के सात टुकड़े बहते जल में प्रवाहित करें। वनस्पति तंत्र उपाय-बेल के वृक्ष में जल चढ़ाएं।
भरी उनकी आँखों में है, कितनी करुणा
जाकर सुदामा भिखारी से पूछो
भरोसा कर तू ईश्वर पर,
तुझे धोखा नहीं होगा ।
भस्म तेरे तन की,
बन जाऊं भोलेनाथ,
कालो के काल है,
मृत्यु के है वो राजा,