माघ पूर्णिमा के बाद फाल्गुन माह की शुरुआत होती है। हिंदू पंचांग के अनुसार यह हिंदू वर्ष का अंतिम महीना होता है। इसके उपरांत हिंदूनववर्ष आ जाएगा। फाल्गुन के महीने को फागुन का महीना भी कहा जाता है। इस महीने महाशिवरात्रि और होली जैसे बड़े त्योहार मनाए जाते हैं। इसके साथ ही फाल्गुन महीने में कई शुभ मुहूर्त भी हैं, जिसमें कई मांगलिक कार्य भी होंगे। इसमें भगवान शिव की पूजा अत्यंत शुभ मानी जाती है। तो आइए, इस आर्टिकल में जानते हैं कि यह महीना कब से शुरू हो रहा है और इस माह का क्या महत्त्व है।
फाल्गुन माह का आरम्भ:- कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि, 13 फरवरी, दिन गुरुवार से शुरू हो रही है।
फाल्गुन माह का समापन:- शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि, 14 मार्च, शुक्रवार को होगा।
फाल्गुन माह को हिंदू कैलेंडर में बारहवां महीना माना जाता है। विजया एकादशी, महाशिवरात्रि, होली आदि कुछ प्रमुख त्योहार फाल्गुन माह में मनाए जाते हैं। विजया एकादशी भगवान विष्णु का आशीर्वाद पाने के लिए मनाई जाती है। महाशिवरात्रि भगवान शिव की आराधना का त्योहार है। फाल्गुन माह में फाल्गुन पूर्णिमा या होली एक महत्वपूर्ण त्योहार के रूप में मनाई जाती है। इसे "रंगों के त्योहार" के नाम से भी जाना जाता है।
फाल्गुन माह को हिंदू कैलेंडर में बारहवां महीना माना जाता है। इस माह में विजया एकादशी, महाशिवरात्रि, होली जैसे प्रमुख महत्वपूर्ण त्योहार मनाए जाते हैं। जहां एक ओर विजया एकादशी भगवान विष्णु के आशीर्वाद को प्राप्त करने के लिए मनाई जाती है, वहीं, दूसरी ओर महाशिवरात्रि भगवान शिव की पूजा-अर्चना का विशेष दिन माना जाता है। फाल्गुन माह में फाल्गुन पूर्णिमा और होली भी महत्वपूर्ण त्योहार के रूप में मनाई जाती है। पूर्णिमा पर लक्ष्मी पूजन किया जाता है और रंगों के त्योहार होली पर राधा-कृष्ण की पूजा की जाती है। बता दें कि, फाल्गुन माह में भगवान शिव एवं भगवान विष्णु की आराधना करने से जीवन में सुख-समृद्धि का आगमन होता है और जीवन में प्रेम का संचार भी होता है। इसके साथ ही जीवन में सकारात्मकता भी आती है।
चैत्र नवरात्रि के समय वातावरण में नई ऊर्जा और भक्ति का संचार होता है। मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा के साथ श्रद्धालु कई पारंपरिक रीति-रिवाज भी करते हैं।
चैत्र नवरात्रि 2025 का शुभारंभ 30 मार्च से होगा और 7 अप्रैल को इसका समापन होगा। यह नौ दिनों का पर्व न केवल भक्ति और साधना के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि धन-लाभ और आर्थिक वृद्धि के लिए भी बेहद प्रभावी माना जाता है।
चैत्र नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ रूपों की आराधना का विशेष महत्व होता है। भक्त पूरे श्रद्धा भाव से पूजा करते हैं और देवी मां को प्रसन्न करने के लिए अनेक उपाय अपनाते हैं।
सनातन धर्म में चैत्र नवरात्रि का विशेष महत्व है। यह पर्व मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की आराधना के लिए मनाया जाता है। इस वर्ष चैत्र नवरात्रि 30 मार्च 2025 से 6 अप्रैल 2025 तक मनाई जाएगी।