Aaj Ka Panchang 1 July 2025: आज 1 जुलाई 2025 को आषाढ़ माह का 21वां दिन है। साथ ही आज पंचांग के अनुसार, आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष तिथि षष्ठी है। आज मंगलवार का दिन है। सूर्य मिथुन में रहेंगे। चंद्र देव सिंह राशि से कन्या राशि में करेंगे। आपको बता दें, आज मंगलवार के दिन अभिजीत मुहूर्त 11:57 ए एम से 12:53 पी एम तक रहेगा। इस दिन राहुकाल 03:54 पी एम से 05:39 पी एम तक रहेगा। आज वार के हिसाब से आप मंगलवार का व्रत रख सकते हैं, जो भगवान हनुमान जी को समर्पित होता है। आज त्रिपुष्कर योग और रवि योग का संयोग रहेगा। आइए भक्त वत्सल के इस लेख में हम विस्तार से आपको आज के पंचांग के बारे में बताएंगे कि आज आपके लिए शुभ मुहूर्त क्या है। किस समय कार्य करने से शुभ परिणाम की प्राप्ति हो सकती है। साथ ही आज किन उपायों को करने से लाभ हो सकता है।
आषाढ़ कृष्ण पक्ष चतुर्दशी तिथि प्रारंभ - 09:23 ए एम तक, 30 जून
आषाढ़ कृष्ण पक्ष चतुर्दशी तिथि समाप्त - 10:20 ए एम तक
त्रिपुष्कर योग को अत्यंत शुभ और तीन गुना फलदायक योग माना गया है। यह योग जब विशेष तिथि, वार और नक्षत्र का संयोग बनता है, तब उत्पन्न होता है। मान्यता है कि इस योग में किया गया कोई भी कार्य जैसे नया व्यापार, गृह प्रवेश, निवेश, संपत्ति क्रय या विवाह तीन गुना फल देता है और दीर्घकाल तक शुभ प्रभाव बनाए रखता है। त्रिपुष्कर योग में भगवती लक्ष्मी या अपने इष्टदेव का पूजन करके पीले फूल और चावल चढ़ाएं। इस दिन चुपचाप शुभ संकल्प लें और किसी जरूरतमंद को वस्त्र या भोजन का दान करें, इससे कार्यों में स्थायित्व और सफलता मिलती है।
रवि योग सूर्य और चंद्रमा के विशिष्ट संयोग से बनता है और इसे विघ्नों का नाश करने वाला योग माना गया है। इस योग में शुरू किया गया कार्य बाधा रहित, सफल और फलदायी होता है। रवियोग विशेष रूप से शिक्षा, परीक्षा, सर्जरी, नया व्यवसाय शुरू करने और यात्रा के लिए उत्तम माना जाता है। इस दिन प्रातः सूर्य को तांबे के लोटे से जल में लाल फूल डालकर अर्घ्य दें और "ॐ सूर्याय नमः" मंत्र का जाप करें। सूर्यनारायण के समक्ष गेहूं, गुड़ और लाल चंदन अर्पित करें और ब्राह्मणों को यथाशक्ति दान दें — यह उपाय रोग, कर्ज और प्रतिष्ठा संबंधी समस्याओं से छुटकारा दिलाता है।
श्री राधे गोविंदा, मन भज ले हरी का प्यारा नाम है ।
गोपाला हरी का प्यारा नाम है, नंदलाला हरी का प्यारा नाम है ॥
तमिलनाडु में हनुमान जयंती मार्गशीर्ष अमावस्या के दौरान मनाई जाती है। यह दिन हनुमान जी को समर्पित है। हिंदू पौराणिक कथाओं में, हनुमान जी शक्ति, भक्ति और निस्वार्थ सेवा के प्रतीक हैं।
श्री राम आएंगे श्री राम आएंगे
पलकें बिछाएंगे,
ना चलाओ बाण,
व्यंग के ऐ विभिषण,