Logo

10 September 2025 panchang (10 सितंबर 2025 का पंचांग)

10 September 2025 panchang (10 सितंबर 2025 का पंचांग)

Aaj Ka Panchang: आज 10 सितंबर 2025 का शुभ मुहूर्त, राहुकाल का समय, आज की तिथि और ग्रह

Aaj Ka Panchang 10 September 2025: आज 10 सितंबर 2025 आश्विन मास का तीसरा दिन है। साथ ही आज पंचांग के अनुसार, आश्विन मास के कृष्ण पक्ष तिथि तृतीया तिथि है, जो कि 03:37 पी एम तक जारी रहेगी। इसके बाद चतुर्थी तिथि लग जाएगी। बता दें कि आज बुधवार का दिन है। इस दिन सूर्य देव सिंह राशि में रहेंगे। वहीं चंद्रमा 04:03 पी एम तक मीन राशि में रहेंगे। इसके बाद मेष राशि में गोचर करेंगे। आपको बता दें, आज बुधवार के दिन अभिजीत मुहूर्त नहीं है। इस दिन राहुकाल 12:18 पी एम से 01:51 पी एम बजे तक रहेगा। आज तृतीया और चतुर्थी तिथि का श्राद्ध किया जाएगा। विघ्नराज संकष्टी भी आज ही है। विघ्नराज संकष्टी भी आज ही है। साथ ही वार के हिसाब से आप बुधवार का व्रत रख सकते हैं, जो भगवान गणेश को समर्पित होता है। आइए भक्त वत्सल के इस लेख में हम विस्तार से आपको आज के पंचांग के बारे में बताएंगे कि आज आपके लिए शुभ मुहूर्त क्या है। किस समय कार्य करने से शुभ परिणाम की प्राप्ति हो सकती है। साथ ही आज किन उपायों को करने से लाभ हो सकता है। 

आज का पंचांग 10 सितंबर 2025

  • तिथि - 03:37 पी एम तक कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि। इसके बाद चतुर्थी तिथि लग जाएगी।
  • नक्षत्र - रेवती (04:03 पी एम तक) रेवती
  • दिन/वार - बुधवार
  • योग - वृद्धि (08:31 पी एम तक) ध्रुव
  • करण - विष्टि (03:37 पी एम तक) बव (02:11 ए एम, सितम्बर 11 तक) बालव

आश्विन कृष्ण पक्ष तृतीया तिथि प्रारंभ - 06:28 पी एम, सितम्बर 09

आश्विन कृष्ण पक्ष तृतीया तिथि समाप्त - 03:37 पी एम, सितम्बर 10

सूर्य-चंद्र गोचर

  • सूर्य - सूर्य देव सिंह राशि में रहेंगे।
  • चंद्र - चंद्रमा 04:03 पी एम तक मीन राशि में रहेंगे। इसके बाद मेष राशि में गोचर करेंगे। 

सूर्य और चंद्रमा का मुहूर्त

  • सूर्योदय - 06:04 ए एम
  • सूर्यास्त - 06:32 पी एम
  • चन्द्रोदय - 08:06 पी एम
  • चन्द्रास्त - 08:35 ए एम

आज का शुभ मुहूर्त और योग 10 सितंबर 2025

  • ब्रह्म मुहूर्त - 04:31 ए एम से 05:18 ए एम
  • अभिजीत मुहूर्त - कोई नहीं
  • विजय मुहूर्त - 02:23 पी एम से 03:12 पी एम
  • गोधूलि मुहूर्त - 06:32 पी एम से 06:55 पी एम
  • संध्या मुहूर्त - 06:32 पी एम से 07:41 पी एम
  • अमृत काल - 01:51 पी एम से 03:19 पी एम

आज का अशुभ मुहूर्त 10 सितंबर 2025

  • राहु काल - 12:18 पी एम से 01:51 पी एम
  • गुलिक काल - 10:44 ए एम से 12:18 पी एम
  • यमगंड - 07:37 ए एम से 09:11 ए एम
  • भद्रा - 06:04 ए एम से 03:37 पी एम
  • पंचक - 06:04 ए एम से 04:03 पी एम
  • गण्ड मूल - पूरे दिन
  • दिशाशूल - उत्तर, इस दिशा में यात्रा करने से बचना चाहिए।

10 सितंबर 2025 पर्व/त्योहार/व्रत

  • बुधवार का व्रत- आज आप बुधवार का व्रत रख सकते हैं, जो भगवान गणेश को समर्पित है। 
  • तृतीया श्राद्ध - तृतीया श्राद्ध उन मृतक सदस्यों के लिए किया जाता है जिनकी मृत्यु तृतीया तिथि पर हुई हो और इसे तीज श्राद्ध भी कहा जाता है। शुक्ल पक्ष या कृष्ण पक्ष दोनों की तृतीया तिथि पर श्राद्ध किया जा सकता है। पितृ पक्ष में पार्वण श्राद्ध के लिए कुतुप और रौहिण मुहूर्त शुभ माने जाते हैं। श्राद्ध के अनुष्ठान अपराह्न काल तक पूरे कर लेने चाहिए और अंत में तर्पण किया जाता है, जिससे पितरों को शांति और तृप्ति मिलती है।
  • चतुर्थी श्राद्ध - चतुर्थी श्राद्ध उन मृतक सदस्यों के लिए किया जाता है जिनकी मृत्यु चतुर्थी तिथि पर हुई हो और इसे चौथ श्राद्ध भी कहा जाता है। शुक्ल पक्ष या कृष्ण पक्ष दोनों की चतुर्थी तिथि पर श्राद्ध किया जा सकता है। पितृ पक्ष में पार्वण श्राद्ध के लिए कुतुप और रौहिण मुहूर्त शुभ माने जाते हैं। श्राद्ध के अनुष्ठान अपराह्न काल तक पूरे कर लेने चाहिए और अंत में तर्पण किया जाता है, जिससे पितरों को शांति और तृप्ति मिलती है। 
  • विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी - भाद्रपद माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को विघ्नराज संकष्टी के रूप में मनाया जाता है, जिसमें भगवान गणेश के सातवें स्वरूप विघ्नराज का पूजन और व्रत किया जाता है। इस दिन व्रत रखने से जीवन में आने वाले विघ्नों का नाश होता है और कार्यों में सफलता मिलती है। भगवान विघ्नराज का अवतार ममतासुर नामक दैत्य के संहार के लिए हुआ था, जिसे पराजित कर उन्होंने धर्म के मार्ग पर चलने का मार्ग दिखाया। इस व्रत को करने से भगवान गणेश की कृपा से सभी प्रकार के विघ्न दूर होते हैं और मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। द्वापरयुग में भगवान कृष्ण ने भी अपने अपहृत पौत्र अनिरुद्ध की प्राप्ति के लिए यह व्रत किया था और बाणासुर का संहार कर अनिरुद्ध को मुक्त कराया था। 

10 सितंबर 2025/आज के उपाय 

  • बुधवार के उपाय - बुधवार के दिन भगवान गणेश और बुध ग्रह की पूजा करने से जीवन में बुद्धि, विवेक और सफलता की प्राप्ति होती है। इस दिन भगवान गणेश को दूर्वा, मोदक और हरे वस्त्र अर्पित करना शुभ माना जाता है। बुधवार के उपायों में गणेश मंत्रों का जाप करना, बुध स्तोत्र का पाठ करना और भगवान गणेश की आराधना करना शामिल है। इन उपायों को करने से बुध ग्रह की स्थिति में सुधार होता है और जीवन में सकारात्मक परिणाम प्राप्त होते हैं। बुधवार के दिन विशेष रूप से हरे वस्त्र, मूंग की दाल और फल का दान करना लाभदायक होता है।
  • विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी उपाय - विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी पर भगवान गणेश की कृपा पाने के लिए कुछ विशेष उपाय किए जा सकते हैं। इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और लाल या पीले वस्त्र पहनें। भगवान गणेश की मूर्ति के सामने बैठकर "ॐ गं गणपतये नमः" मंत्र का जाप करें और उन्हें दूर्वा, मोदक और लाल पुष्प अर्पित करें। इसके अलावा, गरीबों को अन्न और वस्त्र दान करने से भी विशेष लाभ मिलता है। इस दिन चंद्रमा को अर्घ्य देने से भी विशेष फल की प्राप्ति होती है। इन उपायों को करने से भगवान गणेश की कृपा से जीवन में आने वाले विघ्नों का नाश होता है और कार्यों में सफलता मिलती है।
  • श्राद्ध उपाय - श्राद्ध तिथि पर सूर्योदय से दिन के 12 बजकर 24 मिनट तक श्राद्ध करना चाहिए। इसके लिए घर की सफाई करें, गंगाजल और गौमूत्र छिड़कें। साथ ही दक्षिण दिशा में मुंह रखकर तर्पण करें। घर के आंगन में रंगोली बनाएं, महिलाएं शुद्ध होकर पितरों के लिए भोजन बनाएं और श्रेष्ठ ब्राह्मण को निमंत्रित कर भोजन कराएं। पितरों के निमित्त अग्नि में गाय के दूध से बनी खीर अर्पण करें और पंचबलि निकालें। ब्राह्मण को भोजन कराने के बाद दक्षिणा और सामग्री दान करें, जिसमें गौ, भूमि, तिल, स्वर्ण आदि शामिल हैं। श्राद्ध में सफेद फूलों का उपयोग करें। दूध, गंगाजल, शहद, सफेद कपड़े, अभिजित मुहूर्त और तिल का विशेष महत्व है।

........................................................................................................

संबंधित लेख

HomeBook PoojaBook PoojaTempleTempleKundliKundliPanchangPanchang