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12 August 2025 Panchang (12 अगस्त 2025 का पंचांग)

12 August 2025 Panchang (12 अगस्त 2025 का पंचांग)

Aaj Ka Panchang: आज 12 अगस्त 2025 का शुभ मुहूर्त, राहुकाल का समय, आज की तिथि और ग्रह

Aaj Ka Panchang 12 August 2025: आज 12 अगस्त 2025 को भाद्रपद माह का तीसरा दिन है। साथ ही आज पंचांग के अनुसार, भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष तिथि तृतीया है। आज मंगलवार का दिन है। इस दिन सूर्य देव कर्क राशि में रहेंगे। वहीं चंद्रमा 06:10 ए एम बजे तक कुंभ राशि में रहेंगे। इसके बाद मीन राशि में गोचर करेंगे। आपको बता दें, आज मंगलवार के दिन अभिजीत मुहूर्त 11:59 ए एम से 12:52 पी एम बजे तक रहेगा। इस दिन राहुकाल 03:45 पी एम से 05:24 पी एम बजे तक रहेगा। आज कजरी तीज, बहुला चतुर्थी, महा सन्कद हर चतुर्थी और हेरम्ब संकष्टी जैसे प्रमुख त्योहार और व्रत है। साथ ही वार के हिसाब से आप मंगलवार का व्रत रख सकते हैं, जो हनुमान जी को समर्पित होता है। आइए भक्त वत्सल के इस लेख में हम विस्तार से आपको आज के पंचांग के बारे में बताएंगे कि आज आपके लिए शुभ मुहूर्त क्या है। किस समय कार्य करने से शुभ परिणाम की प्राप्ति हो सकती है। साथ ही आज किन उपायों को करने से लाभ हो सकता है। 

आज का पंचांग 12 अगस्त 2025

  • तिथि - तृतीया
  • नक्षत्र - पूर्व भाद्रपद 
  • दिन/वार - मंगलवार  
  • योग - सुकर्मा
  • करण - विष्टि और बव 

भाद्रपद कृष्ण पक्ष तृतीया तिथि प्रारंभ - 10:33 ए एम, अगस्त 11

भाद्रपद कृष्ण पक्ष तृतीया तिथि समाप्त - 08:40 ए एम, अगस्त 12

सूर्य-चंद्र गोचर

  • सूर्य - सूर्य देव कर्क राशि में रहेंगे।
  • चंद्र - चंद्रमा 06:10 ए एम बजे तक कुंभ राशि में रहेंगे। इसके बाद मीन राशि में गोचर करेंगे। 

सूर्य और चंद्रमा का मुहूर्त

  • सूर्योदय - 05:49 ए एम
  • सूर्यास्त - 07:03 पी एम
  • चन्द्रोदय - 08:59 पी एम
  • चन्द्रास्त - 08:38 ए एम

आज का शुभ मुहूर्त और योग 12 अगस्त 2025

  • ब्रह्म मुहूर्त - 04:23 ए एम से 05:06 ए एम
  • अभिजीत मुहूर्त - 11:59 ए एम से 12:52 पी एम
  • विजय मुहूर्त - 02:38 पी एम से 03:31 पी एम
  • गोधूलि मुहूर्त - 07:03 पी एम से 07:25 पी एम
  • संध्या मुहूर्त - 07:03 पी एम से 08:08 पी एम
  • सर्वार्थ सिद्धि योग - 11:52 ए एम से 05:49 ए एम, अगस्त 13

आज का अशुभ मुहूर्त 12 अगस्त 2025

  • राहु काल - 03:45 पी एम से 05:24 पी एम
  • गुलिक काल - 12:26 पी एम से 02:05 पी एम
  • यमगंड - 09:07 ए एम से 10:47 ए एम
  • वर्ज्य - 08:56 पी एम से 10:26 पी एम
  • भद्रा - 05:49 ए एम से 08:40 ए एम
  • पंचक - पूरे दिन
  • दिशाशूल - उत्तर, इस दिशा में यात्रा करने से बचना चाहिए।

12 अगस्त 2025 पर्व/त्योहार/व्रत

  • मंगलवार का व्रत - आज आप मंगलवार का व्रत रख सकते हैं, जो हनुमान जी को समर्पित है। 
  • कजरी तीज - कजरी तीज एक प्रमुख तीज उत्सव है, जो उत्तर भारतीय राज्यों में स्त्रियों द्वारा मनाया जाता है। यह हरियाली तीज के पन्द्रह दिन पश्चात् आती है और रक्षा बन्धन के तीन दिवस पश्चात् तथा श्री कृष्ण जन्माष्टमी से पांच दिवस पूर्व पड़ती है। कजरी तीज को बड़ी तीज के रूप में भी जाना जाता है, जो हरियाली तीज (छोटी तीज) के विपरीत है। कजरी तीज को कजली तीज भी कहा जाता है और कुछ क्षेत्रों में इसे सातुड़ी तीज के रूप में जाना जाता है। उत्तर भारतीय कैलेण्डर के अनुसार, कजरी तीज भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष में आती है।
  • बोल चौथ - बोल चौथ का पर्व मुख्यतः गुजरात में मनाया जाता है। यह पर्व श्रावण माह में कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि पर मनाया जाता है। बोल चौथ का पर्व गुजरात के लोकप्रिय पर्व, नाग पंचम से एक दिन पूर्व मनाया जाता है। यह पर्व मुख्यतः गाय एवं उनके बछड़ों के कल्याण की कामना से मनाया जाता है। बोल चौथ के अवसर पर भक्तगण एक दिवसीय उपवास करते हैं। सन्ध्याकाल में गाय एवं उनके बछड़ों का पूजन किया जाता है। मान्यताओं के अनुसार, इस दिन उपवास एवं पूजन करने से सन्तान, सम्पत्ति तथा समृद्धि की प्राप्ति होती है। बोल चौथ व्रत का पालन कर रहे भक्तों के लिये दुग्ध एवं दुग्ध निर्मित खाद्य पदार्थों का सेवन निषेध माना जाता है। अन्य राज्यों में बोल चौथ को बहुला चतुर्थी के रूप में जाना जाता है। बहुला चतुर्थी मध्य प्रदेश में अधिक प्रचलित है।
  • महा सन्कद हर चतुर्थी - संकष्टी चतुर्थी एक महत्वपूर्ण व्रत है, जो भगवान गणेश को समर्पित है। यह व्रत प्रत्येक माह में कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि पर आता है और इसमें सूर्योदय से चंद्रोदय तक उपवास किया जाता है। इस व्रत का उद्देश्य भगवान गणेश की कृपा से सभी प्रकार के विघ्नों से मुक्ति पाना है। संकष्टी चतुर्थी व्रत के दौरान फल, जड़ें और वनस्पति उत्पादों का सेवन किया जाता है, जबकि अनाज और अन्य खाद्य पदार्थों का सेवन वर्जित होता है। साबूदाना खिचड़ी, आलू और मूंगफली इस व्रत के दौरान प्रमुख आहार होते हैं। चंद्रोदय के बाद उपवास तोड़ा जाता है। संकष्टी चतुर्थी अगर मंगलवार को पड़ती है, तो इसे अंगारकी चतुर्थी कहा जाता है, जो अत्यंत शुभ मानी जाती है।
  • हेरम्ब संकष्टी चतुर्थी - हेरम्ब संकष्टी चतुर्थी श्रावण माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि पर मनाई जाती है, जिसमें भगवान गणेश के हेरम्ब गणपति स्वरूप की पूजा की जाती है। हेरम्ब गणपति को पांच शीष और दस भुजाओं के साथ दर्शाया जाता है, और उनका वाहन सिंह है। 'हेरम्ब' का अर्थ है असहाय और निर्बलों की रक्षा करने वाला। इस व्रत के माध्यम से कठिन संकटों का निवारण होता है, जैसा कि दमयन्ती ने राजा नल के वियोग में किया था और उन्हें पुनर्मिलन का फल प्राप्त हुआ। हेरम्ब गणपति की आराधना तन्त्र मार्ग के अनुयायियों द्वारा भी महत्वपूर्ण मानी जाती है।

12 अगस्त 2025/आज के उपाय 

  • मंगलवार के उपाय - मंगलवार के दिन भगवान हनुमान और मंगल ग्रह की पूजा करने से जीवन में साहस, ऊर्जा और सफलता की प्राप्ति होती है। इस दिन भगवान हनुमान को सिंदूर, चमेली का तेल और लाल फूल अर्पित करना शुभ माना जाता है। मंगलवार के उपायों में हनुमान चालीसा का पाठ करना, मंगल मंत्रों का जाप करना और भगवान हनुमान की आराधना करना शामिल है। इन उपायों को करने से मंगल ग्रह की स्थिति में सुधार होता है और जीवन में सकारात्मक परिणाम प्राप्त होते हैं। मंगलवार के दिन विशेष रूप से लाल वस्त्र, मसूर की दाल और गुड़ का दान करना लाभदायक होता है।

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