Aaj Ka Panchang: आज 12 सितंबर 2025 का शुभ मुहूर्त, राहुकाल का समय, आज की तिथि और ग्रह
Aaj Ka Panchang 12 September 2025: आज 12 सितंबर 2025 आश्विन मास का पांचवां दिन है। साथ ही आज पंचांग के अनुसार, आश्विन मास के कृष्ण पक्ष तिथि पंचमी तिथि है, जो कि 09:58 ए एम तक जारी रहेगी। इसके बाद षष्ठी तिथि लग जाएगी। बता दें कि आज शुक्रवार का दिन है। इस दिन सूर्य देव सिंह राशि में रहेंगे। वहीं चंद्रमा 05:30 पी एम तक मेष राशि में रहेंगे। इसके बाद वृषभ राशि में गोचर करेंगे। आपको बता दें, आज शुक्रवार के दिन अभिजीत मुहूर्त 11:52 ए एम से 12:42 पी एम तक रहेगा। इस दिन राहुकाल 10:44 ए एम से 12:17 पी एम बजे तक रहेगा। आज षष्ठी श्राद्ध किया जाएगा और मासिक कार्तिगाई भी है। साथ ही वार के हिसाब से आप शुक्रवार का व्रत रख सकते हैं, जो माता लक्ष्मी को समर्पित होता है। आइए भक्त वत्सल के इस लेख में हम विस्तार से आपको आज के पंचांग के बारे में बताएंगे कि आज आपके लिए शुभ मुहूर्त क्या है। किस समय कार्य करने से शुभ परिणाम की प्राप्ति हो सकती है। साथ ही आज किन उपायों को करने से लाभ हो सकता है।
आज का पंचांग 12 सितंबर 2025
- तिथि- 09:58 ए एम तक कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि। इसके बाद षष्ठी तिथि लग जाएगी।
- नक्षत्र- भरणी ( 11:58 ए एम तक) कृत्तिका
- दिन/वार- शुक्रवार
- योग- व्याघात (01:44 पी एम तक) हर्षण
- करण- तैतिल (09:58 ए एम तक) गर (08:39 पी एम तक) वणिज
- आश्विन कृष्ण पक्ष पंचमी तिथि प्रारंभ - 12:45 पी एम, सितम्बर 11
- आश्विन कृष्ण पक्ष पंचमी तिथि समाप्त - 09:58 ए एम, सितम्बर 12
सूर्य-चंद्र गोचर
- सूर्य - सूर्य देव सिंह राशि में रहेंगे।
- चंद्र - चंद्रमा 05:30 पी एम तक मेष राशि में रहेंगे। इसके बाद वृषभ राशि में गोचर करेंगे।
सूर्य और चंद्रमा का मुहूर्त
- सूर्योदय- 06:05 ए एम
- सूर्यास्त- 06:30 पी एम
- चन्द्रोदय- 09:29 पी एम
- चन्द्रास्त- 10:53 ए एम
आज का शुभ मुहूर्त और योग 12 सितंबर 2025
- ब्रह्म मुहूर्त - 04:32 ए एम से 05:18 ए एम
- अभिजीत मुहूर्त - 11:52 ए एम से 12:42 पी एम
- विजय मुहूर्त - 02:21 पी एम से 03:11 पी एम
- गोधूलि मुहूर्त - 06:30 पी एम से 06:53 पी एम
- संध्या मुहूर्त - 06:30 पी एम से 07:39 पी एम
- अमृत काल - 07:34 ए एम से 09:02 ए एम
- रवि योग - 11:58 ए एम से 06:05 ए एम, सितम्बर 13
आज का अशुभ मुहूर्त 12 सितंबर 2025
- राहु काल - 10:44 ए एम से 12:17 पी एम
- गुलिक काल - 07:38 ए एम से 09:11 ए एम
- यमगंड - 03:23 पी एम से 04:57 पी एम
- विडाल योग - 06:05 ए एम से 11:58 ए एम
- आडल योग - 11:58 ए एम से 06:05 ए एम, सितम्बर 13
- ज्वालामुखी योग - 06:05 ए एम से 09:58 ए एम
- दिशाशूल - पश्चिम, इस दिशा में यात्रा करने से बचना चाहिए।
12 सितंबर 2025 पर्व/त्योहार/व्रत
- शुक्रवार का व्रत- आज आप शुक्रवार का व्रत रख सकते हैं, जो माता लक्ष्मी को समर्पित है।
- षष्ठी श्राद्ध - षष्ठी श्राद्ध उन मृतक सदस्यों के लिए किया जाता है जिनकी मृत्यु षष्ठी तिथि पर हुई हो और इसे छठ श्राद्ध भी कहा जाता है। शुक्ल पक्ष या कृष्ण पक्ष दोनों की षष्ठी तिथि पर श्राद्ध किया जा सकता है। पितृ पक्ष में पार्वण श्राद्ध के लिए कुतुप और रौहिण मुहूर्त शुभ माने जाते हैं। श्राद्ध के अनुष्ठान अपराह्न काल तक पूरे कर लेने चाहिए और अंत में तर्पण किया जाता है, जिससे पितरों को शांति और तृप्ति मिलती है।
- मासिक कार्तिगाई - कार्तिगाई दीपम तमिल हिंदुओं द्वारा मनाया जाने वाला एक प्रमुख त्योहार है, जो भगवान शिव की अनंत ज्योति को समर्पित है। इस दिन, घरों और गलियों में तेल के दीपक जलाए जाते हैं, जो अंधकार पर प्रकाश की विजय का प्रतीक है। कार्तिगाई दीपम का नाम कार्तिकाई या कृत्तिका नक्षत्र से लिया गया है, जिस दिन यह नक्षत्र प्रबल होता है, उस दिन यह त्योहार मनाया जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान शिव ने इस दिन स्वयं को प्रकाश की अनंत ज्योति में बदल लिया था, जिससे भगवान विष्णु और ब्रह्मा जी को अपनी श्रेष्ठता साबित की थी। तिरुवन्नामलई की पहाड़ी पर कार्तिगाई के दिन एक विशाल दीप जलाया जाता है, जिसे महादीपम कहते हैं, जो कई किलोमीटर तक दिखाई देता है। इस अवसर पर, हिंदू श्रद्धालु भगवान शिव की पूजा करते हैं और उनकी प्रार्थना करते हैं।
12 सितंबर 2025/आज के उपाय
- शुक्रवार के उपाय - शुक्रवार के दिन देवी लक्ष्मी और शुक्र ग्रह की पूजा करने से जीवन में सुख, समृद्धि और सौंदर्य की प्राप्ति होती है। इस दिन देवी लक्ष्मी को कमल के फूल, चावल और सफेद वस्त्र अर्पित करना शुभ माना जाता है। शुक्रवार के उपायों में लक्ष्मी मंत्रों का जाप करना, लक्ष्मी स्तोत्र का पाठ करना और देवी लक्ष्मी की आराधना करना शामिल है। इन उपायों को करने से शुक्र ग्रह की स्थिति में सुधार होता है और जीवन में सकारात्मक परिणाम प्राप्त होते हैं। शुक्रवार के दिन विशेष रूप से सफेद वस्त्र, चावल और दही का दान करना लाभदायक होता है।
- श्राद्ध उपाय - श्राद्ध तिथि पर सूर्योदय से दिन के 12 बजकर 24 मिनट तक श्राद्ध करना चाहिए। इसके लिए घर की सफाई करें, गंगाजल और गौमूत्र छिड़कें। साथ ही दक्षिण दिशा में मुंह रखकर तर्पण करें। घर के आंगन में रंगोली बनाएं, महिलाएं शुद्ध होकर पितरों के लिए भोजन बनाएं और श्रेष्ठ ब्राह्मण को निमंत्रित कर भोजन कराएं। पितरों के निमित्त अग्नि में गाय के दूध से बनी खीर अर्पण करें और पंचबलि निकालें। ब्राह्मण को भोजन कराने के बाद दक्षिणा और सामग्री दान करें, जिसमें गौ, भूमि, तिल, स्वर्ण आदि शामिल हैं। श्राद्ध में सफेद फूलों का उपयोग करें। दूध, गंगाजल, शहद, सफेद कपड़े, अभिजित मुहूर्त और तिल का विशेष महत्व है।