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14 August 2025 Panchang (14 अगस्त 2025 का पंचांग)

 14 August 2025 Panchang (14 अगस्त 2025 का पंचांग)

Aaj Ka Panchang: आज 14 अगस्त 2025 का शुभ मुहूर्त, राहुकाल का समय, आज की तिथि और ग्रह

Aaj Ka Panchang 14 August 2025: आज 14 अगस्त 2025 को भाद्रपद माह का छठा दिन है। साथ ही आज पंचांग के अनुसार, भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष तिथि षष्ठी है। बता दें कि आज गुरूवार का दिन है। इस दिन सूर्य देव कर्क राशि में रहेंगे। वहीं चंद्रमा 09:06 ए एम बजे तक मीन राशि में रहेंगे। इसके बाद मेष राशि में गोचर करेंगे। आपको बता दें, आज गुरूवार के दिन अभिजीत मुहूर्त 11:59 ए एम बजे से 12:52 पी एम बजे तक रहेगा। इस दिन राहुकाल 02:04 पी एम से 03:43 पी एम बजे तक रहेगा। आज बलराम जयन्ती और रांधण छठ है। साथ ही वार के हिसाब से आप गुरूवार का व्रत रख सकते हैं, जो भगवान विष्णु को समर्पित होता है। आइए भक्त वत्सल के इस लेख में हम विस्तार से आपको आज के पंचांग के बारे में बताएंगे कि आज आपके लिए शुभ मुहूर्त क्या है। किस समय कार्य करने से शुभ परिणाम की प्राप्ति हो सकती है। साथ ही आज किन उपायों को करने से लाभ हो सकता है। 

आज का पंचांग 14 अगस्त 2025

  • तिथि - षष्ठी
  • नक्षत्र - रेवती
  • दिन/वार - गुरूवार 
  • योग - शूल 
  • करण - गर और वणिज 

भाद्रपद कृष्ण पक्ष षष्ठी तिथि प्रारंभ - 04:23 ए एम, अगस्त 14

भाद्रपद कृष्ण पक्ष षष्ठी तिथि समाप्त - 02:07 ए एम, अगस्त 15

सूर्य-चंद्र गोचर

  • सूर्य - सूर्य देव कर्क राशि में रहेंगे।
  • चंद्र - चंद्रमा 09:06 ए एम बजे तक मीन राशि में रहेंगे। इसके बाद मेष राशि में गोचर करेंगे।

सूर्य और चंद्रमा का मुहूर्त

  • सूर्योदय - 05:50 ए एम
  • सूर्यास्त - 07:01 पी एम
  • चन्द्रोदय - 10:07 पी एम
  • चन्द्रास्त - 10:47 ए एम

आज का शुभ मुहूर्त और योग 14 अगस्त 2025

  • ब्रह्म मुहूर्त - 04:23 ए एम से 05:07 ए एम
  • अभिजीत मुहूर्त - 11:59 ए एम से 12:52 पी एम
  • विजय मुहूर्त - 02:37 पी एम से 03:30 पी एम
  • गोधूलि मुहूर्त - 07:01 पी एम से 07:23 पी एम
  • संध्या मुहूर्त - 07:01 पी एम से 08:06 पी एम
  • अमृत काल - 06:50 ए एम से 08:20 ए एम
  • रवि योग - 09:06 ए एम से 05:50 ए एम, अगस्त 15
  • सर्वार्थ सिद्धि योग - पूरे दिन

आज का अशुभ मुहूर्त 14 अगस्त 2025

  • राहु काल - 02:04 पी एम से 03:43 पी एम
  • गुलिक काल - 09:08 ए एम से 10:47 ए एम
  • यमगंड - 05:50 ए एम से 07:29 ए एम
  • वर्ज्य - 03:51 ए एम, अगस्त 15 से 05:21 ए एम, अगस्त 15
  • गण्ड मूल - पूरे दिन
  • विडाल योग - 10:32 ए एम से 05:50 ए एम, अगस्त 14
  • पंचक - 05:50 ए एम से 09:06 ए एम
  • आडल योग - 09:06 ए एम से 05:50 ए एम, अगस्त 15
  • भद्रा - 02:07 ए एम, अगस्त 15 से 05:50 ए एम, अगस्त 15
  • दिशाशूल - दक्षिण, इस दिशा में यात्रा करने से बचना चाहिए।

14 अगस्त 2025 पर्व/त्योहार/व्रत

  • गुरूवार का व्रत - आज आप गुरूवार का व्रत रख सकते हैं, जो भगवान विष्णु को समर्पित है। 
  • बलराम जंयती - बलराम जयंती भगवान बलराम के जन्म की वर्षगांठ है, जो भगवान विष्णु के अवतार के रूप में पूजे जाते हैं। यह पर्व भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि (पूर्णिमान्त पंचांग के अनुसार) या श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि (अमान्त पंचांग के अनुसार) को मनाया जाता है। भगवान बलराम को बलदेव, बलभद्र और हलायुध भी कहा जाता है, और उन्हें भगवान कृष्ण के ज्येष्ठ भाई के रूप में भी जाना जाता है। इस दिन को हल षष्ठी, ललही छठ, बलदेव छठ और रांधण छठ के नाम से भी मनाया जाता है, जिसमें हल और बैलों की पूजा की जाती है। मथुरा जिले के बलदेव कस्बे में स्थित श्री दाऊजी महाराज मंदिर में इस दिन विशेष पूजा-अर्चना और उत्सव मनाया जाता है।
  • रांधण छठ - रांधण छठ गुजराती कैलेंडर में एक महत्वपूर्ण दिन है, जो शीतला सातम से एक दिन पहले आता है। यह दिन शीतला सातम की तैयारी के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि शीतला सातम के दिन भोजन पकाना वर्जित होता है। इसलिए, रांधण छठ पर आगामी दिन के लिए भोजन की व्यवस्था की जाती है। इस दिन का नाम रांधण छठ है, जिसका अर्थ है छठवें दिन भोजन पकाना। इसे रंधन छठ भी कहा जाता है। यह एक स्वतंत्र त्योहार नहीं है, बल्कि शीतला सातम का एक हिस्सा है।

14 अगस्त 2025/आज के उपाय 

  • गुरूवार के उपाय - गुरुवार के दिन भगवान बृहस्पति और विष्णु की पूजा करने से जीवन में ज्ञान, सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है। इस दिन भगवान विष्णु को पीले वस्त्र, हल्दी और पीले फल अर्पित करना शुभ माना जाता है। गुरुवार के उपायों में विष्णु मंत्रों का जाप करना, बृहस्पति स्तोत्र का पाठ करना और भगवान विष्णु की आराधना करना शामिल है। इन उपायों को करने से बृहस्पति ग्रह की स्थिति में सुधार होता है और जीवन में सकारात्मक परिणाम प्राप्त होते हैं। गुरुवार के दिन विशेष रूप से पीले वस्त्र, चने की दाल और पीले फल का दान करना लाभदायक होता है।

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