Aaj Ka Panchang: आज 26 सितंबर 2025 का शुभ मुहूर्त, राहुकाल का समय, आज की तिथि और ग्रह
Aaj Ka Panchang 26 September 2025: आज 26 सितंबर 2025 आश्विन मास का 19वां दिन है। साथ ही आज पंचांग के अनुसार, आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि है, जो कि 09:32 ए एम तक जारी रहेगी। इसके बाद पंचमी तिथि लग जाएगी। बता दें कि आज शुक्रवार का दिन है। इस दिन सूर्य देव कन्या राशि में रहेंगे। वहीं चंद्रमा 03:23 पी एम तक तुला राशि में रहेंगे। इसके बाद वृश्चिक राशि में गोचर करेंगे। आपको बता दें, आज शुक्रवार के दिन अभिजीत मुहूर्त 11:48 ए एम से 12:36 पी एम तक है। इस दिन राहुकाल 10:42 ए एम से 12:12 पी एम तक रहेगा। आज उपांग ललिता व्रत है। साथ ही वार के हिसाब से आप शुक्रवार का व्रत रख सकते हैं, जो माता लक्ष्मी को समर्पित होता है। आइए भक्त वत्सल के इस लेख में हम विस्तार से आपको आज के पंचांग के बारे में बताएंगे कि आज आपके लिए शुभ मुहूर्त क्या है। किस समय कार्य करने से शुभ परिणाम की प्राप्ति हो सकती है। साथ ही आज किन उपायों को करने से लाभ हो सकता है।
आज का पंचांग 26 सितंबर 2025 (Aaj Ka Panchang 26 September 2025)
- तिथि - 09:32 ए एम तक शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि। इसके बाद पंचमी तिथि लग जाएगी।
- नक्षत्र -विशाखा (10:09 पी एम तक) अनुराधा
- दिन/वार - शुक्रवार
- योग - विष्कम्भ (10:51 पी एम तक) प्रीति
- करण - विष्टि (09:32 ए एम तक) बव (10:48 पी एम तक) बालव
आश्विन शुक्ल पक्ष चतुर्थी तिथि प्रारंभ - 07:06 ए एम, सितम्बर 25
आश्विन शुक्ल पक्ष चतुर्थी तिथि समाप्त - 09:33 ए एम, सितम्बर 26
सूर्य-चंद्र गोचर (Surya-Chandra Gochar)
- सूर्य - सूर्य देव कन्या राशि में रहेंगे।
- चंद्र - चंद्रमा 03:23 पी एम तक तुला राशि में रहेंगे। इसके बाद वृश्चिक राशि में गोचर करेंगे।
सूर्य और चंद्रमा का मुहूर्त (Surya aur Chandrama ka Muhurat)
- सूर्योदय - 06:11 ए एम
- सूर्यास्त - 06:13 पी एम
- चन्द्रोदय - 10:04 ए एम
- चन्द्रास्त - 08:35 पी एम
आज का शुभ मुहूर्त और योग 26 सितंबर 2025 (Aaj ka Shubh Muhurat aur Yog 26 September 2025)
- ब्रह्म मुहूर्त - 04:36 ए एम से 05:24 ए एम
- अभिजीत मुहूर्त - 11:48 ए एम से 12:36 पी एम
- विजय मुहूर्त - 02:12 पी एम से 03:00 पी एम
- गोधूलि मुहूर्त - 06:13 पी एम से 06:37 पी एम
- संध्या मुहूर्त - 06:13 पी एम से 07:25 पी एम
- अमृत काल - 12:15 पी एम से 02:03 पी एम
- रवि योग - 10:09 पी एम से 06:12 ए एम, सितम्बर 27
- सर्वार्थ सिद्धि योग - 10:09 पी एम से 06:12 ए एम, सितम्बर 27
आज का अशुभ मुहूर्त 26 सितंबर 2025 (Aaj ka Ashubh Muhurat 26 September 2025)
- राहु काल - 10:42 ए एम से 12:12 पी एम
- गुलिक काल - 07:42 ए एम से 09:12 ए एम
- यमगंड - 03:13 पी एम से 04:43 पी एम
- वर्ज्य - 02:39 ए एम, सितम्बर 27 से 04:27 ए एम, सितम्बर 27
- भद्रा - 06:11 ए एम से 09:32 ए एम
- विडाल योग - 10:09 पी एम से 06:12 ए एम, सितम्बर 27
- विंछुड़ो - 03:23 पी एम से 06:12 ए एम, सितम्बर 27
- दिशाशूल - पश्चिम, इस दिशा में यात्रा करने से बचना चाहिए।
26 सितंबर 2025 पर्व/त्योहार/व्रत (26 September 2025 ke Parv / Tyohar / Vrat)
- शुक्रवार का व्रत - आज आप शुक्रवार का व्रत रख सकते हैं, जो माता लक्ष्मी को समर्पित है।
- उपांग ललिता व्रत - ललिता पंचमी शरद नवरात्रि के पांचवें दिन मनाई जाती है, जिसे उपांग ललिता व्रत भी कहा जाता है। इस दिन देवी ललिता की पूजा की जाती है, जिन्हें त्रिपुर सुंदरी और षोडशी के नाम से भी जाना जाता है। वह 10 महाविद्या देवियों में से एक हैं और उनकी पूजा करने से भक्तों को विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है। ललिता पंचमी का व्रत मुख्य रूप से गुजरात और महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में प्रचलित है, जहां लोग इस दिन उपवास रखते हैं और देवी की आराधना करते हैं।
26 सितंबर 2025 आज के उपाय (26 September 2025 Aaj ke Upay)
- शुक्रवार के उपाय - शुक्रवार के दिन देवी लक्ष्मी और शुक्र ग्रह की पूजा करने से जीवन में सुख, समृद्धि और सौंदर्य की प्राप्ति होती है। इस दिन देवी लक्ष्मी को कमल के फूल, चावल और सफेद वस्त्र अर्पित करना शुभ माना जाता है। शुक्रवार के उपायों में लक्ष्मी मंत्रों का जाप करना, लक्ष्मी स्तोत्र का पाठ करना और देवी लक्ष्मी की आराधना करना शामिल है। इन उपायों को करने से शुक्र ग्रह की स्थिति में सुधार होता है और जीवन में सकारात्मक परिणाम प्राप्त होते हैं। शुक्रवार के दिन विशेष रूप से सफेद वस्त्र, चावल और दही का दान करना लाभदायक होता है।
- उपांग ललिता व्रत के उपाय - उपांग ललिता व्रत के दौरान कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना आवश्यक है, जैसे कि नशे से दूर रहना और मीट-मछली का सेवन नहीं करना। ललिता सहस्त्रनाम और ललितात्रिशती का पाठ करने से जीवन के सभी दुख खत्म होते हैं और आर्थिक फायदा मिलता है। व्रत के बाद पारण करने के लिए, भगवान सूर्य की पूजा करनी चाहिए। उन्हें अर्घ्य देना चाहिए। इसके बाद भगवान जीमूतवाहन का ध्यान करना चाहिए और अन्न-जल ग्रहण करना चाहिए।
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