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7 September 2025 panchang (7 सितंबर 2025 का पंचांग)

7 September 2025 panchang (7 सितंबर 2025 का पंचांग)

Aaj Ka Panchang: आज 7 सितंबर 2025 का शुभ मुहूर्त, राहुकाल का समय, आज की तिथि और ग्रह

Aaj Ka Panchang 7 September 2025: आज 7 सितंबर 2025 को भाद्रपद मास का 30वां दिन है। साथ ही आज पंचांग के अनुसार, भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष तिथि पूर्णिमा है, जो कि 11:38 पी एम तक जारी रहेगी। इसके बाद आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि लग जाएगी। बता दें कि आज रविवार का दिन है। इस दिन सूर्य देव सिंह राशि में रहेंगे। वहीं चंद्रमा कुंभ राशि में रहेंगे। आपको बता दें, आज रविवार के दिन अभिजीत मुहूर्त 11:54 ए एम से 12:44 पी एम बजे तक है। इस दिन राहुकाल 05:01 पी एम से 06:36 पी एम बजे तक रहेगा। आज पूर्णिमा श्राद्ध, चन्द्र ग्रहण *पूर्ण और भाद्रपद पूर्णिमा व्रत है। साथ ही वार के हिसाब से आप रविवार का व्रत रख सकते हैं, जो सूर्य देव को समर्पित होता है। आइए भक्त वत्सल के इस लेख में हम विस्तार से आपको आज के पंचांग के बारे में बताएंगे कि आज आपके लिए शुभ मुहूर्त क्या है। किस समय कार्य करने से शुभ परिणाम की प्राप्ति हो सकती है। साथ ही आज किन उपायों को करने से लाभ हो सकता है। 

आज का पंचांग 7 सितंबर 2025

  • तिथि - 11:38 पी एम तक शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि। इसके बाद आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि लग जाएगी।
  • नक्षत्र - शतभिषा (09:41 पी एम तक) पूर्व भाद्रपद
  • दिन/वार - रविवार
  • योग - सुकर्मा (09:23 ए एम तक) धृति
  • करण - विष्टि (12:43 पी एम तक) बव (11:38 पी एम तक) बालव

भाद्रपद शुक्ल पक्ष पूर्णिमा तिथि प्रारंभ - 01:41 ए एम, सितम्बर 07 तक

भाद्रपद शुक्ल पक्ष पूर्णिमा तिथि समाप्त - 11:38 पी एम तक

सूर्य-चंद्र गोचर

  • सूर्य - सूर्य देव सिंह राशि में रहेंगे।
  • चंद्र - चंद्रमा कुंभ राशि में रहेंगे। 

सूर्य और चंद्रमा का मुहूर्त

  • सूर्योदय - 06:02 ए एम
  • सूर्यास्त - 06:36 पी एम
  • चन्द्रोदय - 06:26 पी एम
  • चन्द्रास्त - चन्द्रास्त नहीं

आज का शुभ मुहूर्त और योग 7 सितंबर 2025

  • ब्रह्म मुहूर्त - 04:31 ए एम से 05:16 ए एम
  • अभिजीत मुहूर्त - 11:54 ए एम से 12:44 पी एम
  • विजय मुहूर्त - 02:24 पी एम से 03:15 पी एम
  • गोधूलि मुहूर्त - 06:36 पी एम से 06:59 पी एम
  • संध्या मुहूर्त - 06:36 पी एम से 07:44 पी एम
  • अमृत काल - 02:51 पी एम से 04:22 पी एम

आज का अशुभ मुहूर्त 7 सितंबर 2025

  • राहु काल - 05:01 पी एम से 06:36 पी एम
  • गुलिक काल - 03:27 पी एम से 05:01 पी एम
  • यमगंड - 12:19 पी एम से 01:53 पी एम
  • वर्ज्य - 03:39 ए एम, सितम्बर 08 से 05:08 ए एम, सितम्बर 08
  • आडल योग - 09:41 पी एम से 06:03 ए एम, सितम्बर 08
  • भद्रा - 06:02 ए एम से 12:43 पी एम
  • पंचक - पूरे दिन
  • दिशाशूल - पश्चिम, इस दिशा में यात्रा करने से बचना चाहिए।

7 सितंबर 2025 पर्व/त्योहार/व्रत

  • रविवार का व्रत - आज आप रविवार का व्रत रख सकते हैं, जो सूर्य देव को समर्पित है। 
  • पूर्णिमा श्राद्ध - भाद्रपद माह की पूर्णिमा तिथि को पूर्णिमा श्राद्ध किया जाता है, जिसे श्राद्धि पूर्णिमा और प्रोष्ठपदी पूर्णिमा श्राद्ध भी कहा जाता है। यह श्राद्ध पितृ पक्ष से एक दिन पहले पड़ता है, लेकिन पितृ पक्ष का हिस्सा नहीं है। पूर्णिमा तिथि पर मृत्यु प्राप्त करने वालों के लिए महालय श्राद्ध अमावस्या श्राद्ध तिथि पर किया जाता है। पूर्णिमा श्राद्ध पार्वण श्राद्ध होते हैं और इन्हें कुतुप, रौहिण आदि शुभ मुहूर्त में सम्पन्न करना चाहिए। श्राद्ध के अनुष्ठान अपराह्न काल समाप्त होने तक पूरे कर लेने चाहिए और अंत में तर्पण किया जाता है।
  • चंद्र ग्रहण - हिन्दू धर्म में चन्द्रग्रहण एक महत्वपू र्ण धार्मिक घटना है, जिसका धार्मिक दृष्टि से विशेष महत्व है। लेकिन इसका महत्व तभी माना जाता है जब यह नग्न आंखों से स्पष्ट दिखाई दे। उपच्छाया वाले चन्द्रग्रहण, जो नग्न आंखों से नहीं दिखाई देते, उनका पंचांग में समावेश नहीं होता और न ही कोई ग्रहण से सम्बन्धित कर्मकाण्ड किया जाता है। केवल प्रच्छाया वाले चन्द्रग्रहण, जो नग्न आंखों से दृष्टिगोचर होते हैं, धार्मिक कर्मकाण्डों के लिए महत्वपूर्ण माने जाते हैं और सभी परम्परागत पंचांग इन्हीं को सम्मिलित करते हैं।
  • भाद्रपद पूर्णिमा व्रत - हिन्दू धर्म में पूर्णिमा व्रत अत्यन्त महत्वपूर्ण माना जाता है, जो प्रत्येक माह की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को किया जाता है। बत्तीसी पूर्णिमा व्रत, जिसे द्वात्रिंशी पूर्णिमा व्रत भी कहा जाता है, भविष्यपुराण में वर्णित है और इसके अनुसार मार्गशीर्ष से भाद्रपद और पौष माह की पूर्णिमा तक व्रत करना चाहिए। इस व्रत से सुख-सौभाग्य, पुत्र-पौत्रादि की प्राप्ति होती है और भगवान विष्णु के पूजन के लिए भी पूर्णिमा तिथि महत्वपूर्ण है। पूर्णिमा के दिन चन्द्रदेव की उपासना का विशेष लाभ होता है और स्कन्दपुराण, पद्मपुराण, नारदपुराण, भविष्यपुराण और महाभारत जैसे धार्मिक ग्रन्थों में इसका उल्लेख है। पूर्णिमा व्रत पापों के क्षय, पुण्य वृद्धि और मानसिक शुद्धि के लिए फलदायी माना गया है।

7 सितंबर 2025/आज के उपाय 

  • रविवार के उपाय - रविवार के द िन सूर्य देव को प्रसन्न करने के लिए प्रातः स्नान के बाद तांबे के लोटे में जल, लाल फूल, अक्षत और लाल चंदन डालकर सूर्य को अर्घ्य दें। इसके साथ ही “ॐ घृणिः सूर्याय नमः” मंत्र का 11 या 108 बार जप करें। इस दिन गुड़, गेहूं या लाल वस्त्र का दान करना शुभ माना जाता है। घर के बड़े-बुजुर्गों का आशीर्वाद लें और जरूरतमंदों को भोजन कराएं। सूर्य देव की कृपा से आत्मविश्वास बढ़ता है, सेहत सुधरती है और सरकारी कार्यों में सफलता मिलती है।
  • पूर्णिमा श्राद्ध के उपाय - तुलसी के पत्ते को भोजन में शामिल करने से पवित्रता आती है और देवी-देवताओं के भोग में इसका विशेष महत्व है। पितृ पक्ष में पितरों के भोजन में तुलसी के पत्ते को शामिल करने से जातक के सभी तरह के दोष मिट जाते हैं और पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसके अलावा, तुलसी के पौधे के पास गंगाजल रखकर पितरों को याद करने और घर में इसका छिड़काव करने से नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति मिलती है और शुभ फल की प्राप्ति होती है। आर्थिक तंगी से छुटकारा पाने के लिए तुलसी के पत्तों को लाल कपड़े में बांधकर तिजोरी या पर्स में रखने से धन आगमन के रास्ते खुलने लगते हैं।
  • भाद्रपद पूर्णिमा व्रत के उपाय - भाद्रपद पूर्णिमा के दिन घर में सुख-शांति बनाए रखने और लड़ाई-झगड़े से बचने के लिए भगवान विष्णु की विधिवत पूजा करें और उन्हें सफेद चंदन का तिलक लगाएं। इससे घर में शांति बनी रहती है। धन की समस्या से मुक्ति पाने के लिए पूर्णिमा तिथि पर माता लक्ष्मी की पूजा के दौरान उन्हें लाल रंग का फूल जैसे गुड़हल अर्पित करें और कनकधारा स्त्रोत का पाठ करें। इससे माता लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है और आर्थिक तंगी दूर होती है।

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