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9 August 2025 Panchang (9 अगस्त 2025 का पंचांग)

9 August 2025 Panchang (9 अगस्त 2025 का पंचांग)

Aaj Ka Panchang: आज 09 अगस्त 2025 का शुभ मुहूर्त, राहुकाल का समय, आज की तिथि और ग्रह

Aaj Ka Panchang 09 August 2025: आज 09 अगस्त 2025 को श्रावण माह का 30वां दिन है। साथ ही आज पंचांग के अनुसार, श्रावण माह के शुक्ल पक्ष तिथि पूर्णिमा है। आज शनिवार का दिन है। इस दिन सूर्य देव कर्क राशि में रहेंगे। वहीं चंद्रमा 02:11 ए एम, अगस्त 10 तक मकर राशि में रहेंगे। इसके बाद कुंभ राशि में गोचर करेंगे। आपको बता दें, आज शनिवार के दिन अभिजीत मुहूर्त 12:00 पी एम बजे से 12:53 पी एम बजे तक रहेगा। इस दिन राहुकाल 09:07 ए एम से 10:47 ए एम बजे तक रहेगा। आज रक्षाबंधन, गायत्री जयंती, नारली पूर्णिमा, श्रावण पूर्णिमा और संस्कृत दिवस मनाया जा रहा है। साथ ही वार के हिसाब से आप शनिवार का व्रत रख सकते हैं, जो न्याय के देवता शनि देव को समर्पित होता है। आइए भक्त वत्सल के इस लेख में हम विस्तार से आपको आज के पंचांग के बारे में बताएंगे कि आज आपके लिए शुभ मुहूर्त क्या है। किस समय कार्य करने से शुभ परिणाम की प्राप्ति हो सकती है। साथ ही आज किन उपायों को करने से लाभ हो सकता है। 

आज का पंचांग 09 अगस्त 2025

  • तिथि- पूर्णिमा 
  • नक्षत्र- श्रवण
  • दिन/वार- शनिवार
  • योग- सौभाग्य
  • करण- बव और बालव 

श्रावण शुक्ल पक्ष पूर्णिमा तिथि प्रारंभ - 02:12 पी एम, अगस्त 08

श्रावण शुक्ल पक्ष पूर्णिमा तिथि समाप्त - 01:24 पी एम, अगस्त 09

सूर्य-चंद्र गोचर

  • सूर्य - सूर्य देव कर्क राशि में रहेंगे।
  • चंद्र - चंद्रमा 02:11 ए एम, अगस्त 10 तक मकर राशि में रहेंगे। इसके बाद कुंभ राशि में गोचर करेंगे।

सूर्य और चंद्रमा का मुहूर्त

  • सूर्योदय- 05:47 ए एम
  • सूर्यास्त- 07:06 पी एम
  • चन्द्रोदय- 07:21 पी एम
  • चन्द्रास्त- चन्द्रास्त नहीं

आज का शुभ मुहूर्त और योग 09 अगस्त 2025

  • ब्रह्म मुहूर्त - 04:22 ए एम से 05:04 ए एम
  • अभिजीत मुहूर्त - 12:00 पी एम से 12:53 पी एम
  • विजय मुहूर्त - 02:40 पी एम से 03:33 पी एम
  • गोधूलि मुहूर्त - 07:06 पी एम से 07:27 पी एम
  • संध्या मुहूर्त - 07:06 पी एम से 08:10 पी एम
  • अमृत काल - 03:42 ए एम, अगस्त 10 से 05:16 ए एम, अगस्त 10
  • सर्वार्थ सिद्धि योग - 05:47 ए एम से 02:23 पी एम

आज का अशुभ मुहूर्त 09 अगस्त 2025

  • राहु काल - 09:07 ए एम से 10:47 ए एम
  • गुलिक काल - 05:47 ए एम से 07:27 ए एम
  • यमगंड - 02:06 पी एम से 03:46 पी एम
  • वर्ज्य - 06:18 पी एम से 07:52 पी एम
  • आडल योग - 02:23 पी एम से 05:48 ए एम, अगस्त 10
  • पंचक - 02:11 ए एम, अगस्त 10 से 05:48 ए एम, अगस्त 10
  • दिशाशूल - पूर्व, इस दिशा में यात्रा करने से बचना चाहिए।

09 अगस्त 2025 पर्व/त्योहार/व्रत

  • शनिवार का व्रत- आज आप शनिवार का व्रत रख सकते हैं, जो न्याय के देवता शनि देव को समर्पित है। 
  • रक्षाबंधन - रक्षाबंधन एक प्रमुख हिंदू त्योहार है, जो भाई-बहन के प्रेम और स्नेह का प्रतीक है। इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधती हैं और उनकी लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना करती हैं। भाई अपनी बहनों को उपहार देते हैं और उनकी रक्षा का वचन देते हैं। रक्षाबंधन का त्योहार श्रावण मास की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है और यह भाई-बहन के पवित्र रिश्ते को मजबूत बनाने का अवसर प्रदान करता है।
  • गायत्री जयंती - गायत्री जयंती देवी गायत्री के जन्मदिवस के उपलक्ष में मनायी जाती है, जिन्हें वेद माता और ब्राह्मण के गुणों का प्रतिरूप माना जाता है। देवी गायत्री को हिन्दू त्रिमूर्ति की देवी के रूप में पूजा जाता है और उन्हें देवी सरस्वती, पार्वती और लक्ष्मी का अवतार माना जाता है। गायत्री जयंती श्रावण पूर्णिमा पर मनायी जाती है, जबकि कुछ लोग इसे अन्य तिथियों पर भी मनाते हैं। इस अवसर पर भक्त देवी गायत्री को प्रसन्न करने के लिए विशेष प्रार्थना और गायत्री मंत्र का जाप करते हैं। इसके अलावा, श्रावण पूर्णिमा को संस्कृत दिवस के रूप में भी मनाया जाता है, जो संस्कृत भाषा के महत्व को समर्पित है।
  • नारली पूर्णिमा - श्रावण पूर्णिमा को महाराष्ट्र के तटीय और कोंकणी क्षेत्रों में नारियल पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है। इस दिन भक्त वरुण देव की पूजा करते हैं और समुद्र देवता को नारियल अर्पित करते हैं, जिससे समुद्र देव प्रसन्न होकर मछुआरों की रक्षा करते हैं। महाराष्ट्रीयन ब्राह्मण इस दिन श्रावणी उपाकर्म अनुष्ठान करते हैं और फलहार व्रत के दौरान केवल नारियल का सेवन करते हैं। नारियल पूर्णिमा के अवसर पर वृक्षारोपण भी किया जाता है, जो प्रकृति के प्रति आभार प्रकट करने का एक तरीका है। इस दिन को नारळी पूर्णिमा और नारियली पूर्णिमा भी कहा जाता है।
  • श्रावण पूर्णिमा - श्रावण पूर्णिमा एक महत्वपूर्ण दिन है जो धार्मिक, आध्यात्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से विशेष महत्व रखता है। इस दिन रक्षा बंधन, नारियल पूर्णिमा, अवनी अवित्तम, कजरी पूर्णिमा और हयग्रीव जयंती जैसे त्योहार मनाए जाते हैं। श्रावण पूर्णिमा पर व्रत और पूजा-अर्चना की जाती है, जिसमें भगवान विष्णु और भगवान शिव की पूजा की जाती है। इस दिन पितरों की शांति के लिए भी विशेष अनुष्ठान किए जाते हैं। श्रावण पूर्णिमा का उल्लेख स्कन्दपुराण, भविष्यपुराण और गरुड़पुराण जैसे धर्मग्रंथों में भी मिलता है। यह दिन आध्यात्मिक मार्ग पर आगे बढ़ने और विविध अनुष्ठानों का अवसर प्रदान करता है।

09 अगस्त 2025/आज के उपाय 

  • शनिवार के उपाय - शनिवार के दिन भगवान शनि और हनुमान की पूजा करने से जीवन में शनि के अशुभ प्रभावों से मुक्ति मिलती है और सुख-शांति की प्राप्ति होती है। इस दिन भगवान शनि को तेल, काले तिल और काले वस्त्र अर्पित करना शुभ माना जाता है। शनिवार के उपायों में हनुमान चालीसा का पाठ करना, शनि मंत्रों का जाप करना और भगवान शनि की आराधना करना शामिल है। इन उपायों को करने से शनि ग्रह की स्थिति में सुधार होता है और जीवन में सकारात्मक परिणाम प्राप्त होते हैं। शनिवार के दिन विशेष रूप से काले वस्त्र, उड़द की दाल और तेल का दान करना लाभदायक होता है।
  • रक्षाबंधन के उपाय - रक्षाबंधन के दिन भाई की कलाई पर राखी बांधने से पहले भगवान की पूजा करना और भाई की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना करना शुभ माना जाता है। रक्षाबंधन के उपायों में भाई को मिठाई खिलाना, उनकी आरती उतारना और उन्हें उपहार देना शामिल है। इसके अलावा, बहनें भाई की कलाई पर राखी बांधते समय "येन बद्धो बली राजा दानवेन्द्रो महाबल:। तेन त्वाम् अभिबध्नामि रक्षे मा चल मा चल।" मंत्र का जाप कर सकती हैं। इन उपायों को करने से भाई-बहन के रिश्ते में मजबूती आती है और भाई की रक्षा होती है।
  • श्रावण पूर्णिमा के उपाय - श्रावण पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु और भगवान शिव की पूजा करने से विशेष लाभ मिलता है। इस दिन व्रत रखने, दान करने और मंत्र जाप करने से पुण्य की प्राप्ति होती है। श्रावण पूर्णिमा के उपायों में नारायण बलि, पितृ तर्पण और पिण्डदान करना शामिल है, जो पितरों की आत्मा की शांति के लिए किया जाता है। इसके अलावा, इस दिन संस्कृत भाषा के महत्व को समझने और उसका प्रचार-प्रसार करने के लिए भी प्रयास किया जा सकता है। श्रावण पूर्णिमा पर वृक्षारोपण और जल दान करना भी शुभ माना जाता है।

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