Aaj Ka Panchang 28 February 2025: पंचांग के अनुसार फाल्गुना माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि है। वहीं आज शुक्रवार का दिन है। इस तिथि पर शतभिषा नक्षत्र और सिद्ध योग का संयोग बन रहा है। वहीं आज चंद्रमा कुंभ राशि में मौजूद हैं और सूर्य कुंभ राशि में मौजूद हैं। आपको बता दें, आज शुक्रवार के दिन अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 16 मिनट से लेकर दोपहर 01 बजकर 02 मिनट तक है। इस दिन राहुकाल सुबह 11 बजकर 15 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 49 मिनट तक है। आज तिथि के हिसाब से आप शुक्रवार का व्रत रख सकते हैं। इस दिन माता लक्ष्मी की पूजा विधि रूप से करें। आइए भक्त वत्सल के इस लेख में हम विस्तार से आपको आज शुक्रवार के पंचांग के बारे में बताएंगे कि आज आपके लिए शुभ मुहूर्त क्या है। किस समय कार्य करने से भाग्योदय हो सकता है। साथ ही आज किन उपायों को करने से लाभ हो सकता है और आज के दिन किन मंत्रों का जाप करने से लाभ हो सकता है।
वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, नौ ग्रहों का विशेष महत्व है और इनका प्रभाव 12 राशियों पर भिन्न-भिन्न प्रकार से पड़ता है। चंद्रमा, जो मन, स्त्री, मस्तिष्क और भावनाओं का प्रतिनिधित्व करता है, सबसे तेज गति से गोचर करने वाला ग्रह माना जाता है। यह लगभग सवा दो दिनों तक एक राशि में और एक दिन तक एक नक्षत्र में रहता है। 28 फरवरी को, यह देवगुरु बृहस्पति के नक्षत्र में प्रवेश करेगा, जिससे तीन राशियों पर शुभ और अशुभ दोनों प्रकार के प्रभाव पड़ने की संभावना है।
28 फरवरी को शतभिषा नक्षत्र और सिद्ध योग का दिव्य संयोग है। इस दिन चंद्रमा कुंभ राशि और सूर्य कुंभ राशि में गोचर करते हुए शुभ योग बना रहे हैं। आज शुक्रवार के दिन माता लक्ष्मी की पूजा विधिवत रूप से करने से लाभ हो सकता है। साथ ही व्यक्ति को धन संबंधित समस्याएं भी दूर हो सकती है। आज देवी लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए उन्हें सफेद फूल, जैसे कि कमल या चमेली, अर्पित करें।
श्री सूक्त का पाठ करें या सुनें।
आज जरूरतमंदों को सफेद वस्त्र या मिठाई दान करें।
आज शतभिषा नक्षत्र है, जो कि बहुत ही शुभ नक्षत्र माना जाता है। फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि है। आज शुक्रवार के दिन माता लक्ष्मी की पूजा विधिवत रूप से करने से लाभ हो सकता है। आपको बता दें, शुक्र को सुख, समृद्धि, और प्रेम का ग्रह माना जाता है, और इस दिन विशेष रूप से विवाह, प्रेम संबंध और व्यापार में सफलता के लिए शुभ माना जाता है। अगर आप धन संबंधित समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है तो आज शुक्रवार के दिन माता लक्ष्मी की पूजा विशेष रूप से करें।
कुंभ मेले की शुरुआत अगले साल 13 जनवरी से प्रयागराज में हो रही है। इसके लिए तैयारियां जोरों शोरों से चल रही है। यह हिंदू धर्म का सबसे बड़ा समागम है, जो पूरी दुनिया का ध्यान भारत की ओर खींचता है।
महाभारत के भीषण युद्ध में कई महान योद्धाओं ने अपने प्राण गवाए, लेकिन एक ऐसा योद्धा था जिसे आज भी जीवित माना जाता है। वह गुरु द्रोणाचार्य के पुत्र अश्वत्थामा है। ऐसा कहा जाता है कि भगवान शंकर के आशीर्वाद से अश्वत्थामा को अमरता का वरदान प्राप्त था।
कभी आपने सोचा है कि महादेव की तीसरी आंख क्यों चमकती है? क्या आप जानते हैं कि इस तीसरी आंख ने कई बार संसार को बचाया भी है और तबाह भी किया है। हिंदू धर्म में महादेव को देवों के देव कहा जाता है। धार्मिक शास्त्रों में भगवान शिव की अनेकों कथाएं प्रचलित हैं।
कुंभ मेला भारत की प्राचीन धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर का हिस्सा है, जिसे विश्व का सबसे बड़ा आध्यात्मिक आयोजन माना जाता है। हर 12 साल में होने वाले इस आयोजन का मुख्य आकर्षण साधु संतों के अखाड़े होते हैं। अखाड़े हिंदू धर्म के प्रमुख संगठन , जो सनातन के प्रचार-प्रसार का काम करते है।