अगस्त का महीना शुरू हो चुका है। अगर आप इस महीने में शादी करने की योजना बना रहे हैं, तो आपको पहले विवाह के शुभ मुहूर्त और नक्षत्रों की जानकारी प्राप्त करनी चाहिए। हालांकि, अगस्त 2025 में विवाह के लिए कोई शुभ मुहूर्त नहीं है, क्योंकि देवशयनी एकादशी से भगवान विष्णु की योगनिद्रा में है। ऐसे में इस अवधि में विवाह और अन्य शुभ कार्यों पर रोक लग जाती है, जो लगभग चार महीने तक चलती है। यदि आप ज्योतिष और शुभ मुहूर्त का पालन करते हैं, तो इन महीनों में विवाह या उससे संबंधित कार्य करने से बचना चाहिए।
हिंदू धर्म में देवशयनी एकादशी का विशेष महत्व है, जो भगवान विष्णु की योगनिद्रा की शुरुआत का प्रतीक है। इस दिन से चातुर्मास की शुरुआत होती है, जो लगभग चार महीने तक चलती है। इस अवधि में मांगलिक कार्यों पर रोक लग जाती है, जिसमें विवाह जैसे महत्वपूर्ण कार्य भी शामिल हैं। साल 2025 में देवशयनी एकादशी 6 जुलाई को थी।
चातुर्मास के दौरान मांगलिक कार्यों पर रोक लग जाती है, जिसमें विवाह, गृह प्रवेश जैसे महत्वपूर्ण कार्य शामिल हैं। यदि आप ज्योतिष और शुभ मुहूर्त का पालन करते हैं, तो इन महीनों में विवाह या उससे संबंधित कार्य करने से बचें। इस प्रकार, देवशयनी एकादशी और गुरु ग्रह की स्थिति को ध्यान में रखते हुए, विवाह की योजना बनाने वालों को वैकल्पिक तिथियों पर विचार करना चाहिए।
हिंदू धर्म में विवाह जैसे मांगलिक कार्यों के लिए शुभ मुहूर्त का विशेष महत्व है। लेकिन साल में कुछ ऐसे दिन भी होते हैं जब शादी के लिए मुहूर्त देखने की जरुरत नहीं पड़ती। इन्हें अबूझ मुहूर्त कहा जाता है, जो विवाह जैसे मांगलिक कार्यों के लिए अत्यधिक शुभ माने जाते हैं। ये विशेष तिथियां है-