नवरात्रि के छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा की जाती है, जिन्हें शक्ति की देवी माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, अगर किसी व्यक्ति की शादी होने में कोई बाधा आती है या वैवाहिक जीवन में कोई समस्या हो तो देवी कात्यायनी की पूजा से उसे सभी परेशानियों से मुक्ति मिल जाती है।
मां कात्यायनी की पूजा में यह सामग्री अवश्य रखें, क्योंकि इन सामग्रियों को शामिल करने से आपके वैवाहिक जीवन से जुड़ी सभी समस्या समाप्त हो जाती है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार,देवी कात्यायनी को शहद बहुत प्रिय है। शहद को प्रेम की मिठास का प्रतीक माना जाता है और इसका भोग मां को चढ़ाने से रिश्तों में मिठास बनी रहती है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मां कात्यायनी की पूजा से सभी वैवाहिक समस्याओं से मुक्ति मिलती है और वैवाहिक जीवन में प्रेम बना रहता है। कुंवारी कन्याओं को मां कात्यायनी की पूजा विशेष तौर पर करनी चाहिए, जिससे उन्हें योग्य वर मिलता है। देवी कात्यायनी शक्ति, सौंदर्य और ज्ञान की देवी है इनकी पूजा करने से भक्तों को आत्मविश्वास और जीवन में सुख-समृद्धि मिलती है।
आरती श्री वृषभानुसुता की, मंजुल मूर्ति मोहन ममता की।
त्रिविध तापयुत संसृति नाशिनि, विमल विवेक विराग विकासिनि।
आरति श्रीवृषभानुलली की, सत-चित-आनन्द कन्द-कली की॥
भयभन्जिनि भवसागर-तारिणी, पाप-ताप-कलि-कलुष-निवारिणी,
आरती श्री जनक दुलारी की, सीताजी श्रीरघुवर प्यारी की॥
आरती श्री जनक दुलारी की, सीताजी श्रीरघुवर प्यारी की॥
ॐ जय यमुना माता, हरि ॐ जय यमुना माता।
जो नहावे फल पावे, सुख सम्पत्ति की दाता॥