Navratri 8th Day Puja Vidhi: चैत्र नवरात्रि के आठवें दिन मां महागौरी की ऐसे करें पूजा, इससे मिलेगा माता का विशेष आशीर्वाद
चैत्र नवरात्रि के आठवें दिन मां दुर्गा के आठवें स्वरूप महागौरी की पूजा की जाती है। देवी महागौरी को शक्ति, समृद्धि और पवित्रता का प्रतीक कहा गया है। मां का नाम उनके रंग के आधार पर रखा गया है, जो अत्यंत ही शुभ और तेजस्वी हैं। उनकी आराधना से जीवन सुख-शांति बनी रहती है और सकारात्मकता का वास होता है।
देवी महागौरी की पूजा में सफेद फूल है महत्वपूर्ण
चैत्र नवरात्रि के आठवें दिन की पूजा सफल करने के लिए यह सभी समग्री अवश्य अपने घर पर रखें।
- गंगाजल
- मोगरा और चमेली का फूल
- रोली और कुमकुम
- पंचमेवा, फल और मिठाइयां
- काले चने और घी
- मिट्टी का दीया और धूप
- सुहाग की सामग्री जैसे चूड़ी, बिंदी, साड़ी, चुनरी और मेहंदी
चैत्र नवरात्रि के आठवें दिन करें कन्या पूजन
- सुबह जल्दी उठें फिर स्नान कर साफ-सुथरे कपड़े पहनें।
- देवी महागौरी का स्मरण करें और मन शांत रखें।
- अपने पूजा स्थल को साफ करें और पवित्रता के लिए गंगाजल छिड़कें।
- मां को रोली और कुमकुम का तिलक लगाएं।
- मां के चरणों में सफेद फूल चढ़ाकर, सभी सुहाग की सामग्री अर्पित करें। महागौरी को मोगरा तथा चमेली का फूल और सुहाग की सामग्री बहुत पसंद है। इसलिए इसे चढ़ाने से विशेष कृपा प्राप्त होती है।
- महागौरी को हलवा, काले चने की सब्जी, पूरी, नारियल, पंचमेवा और मिश्री का भोग लगाएं। इसे का अष्टमी विशेष प्रसाद माना जाता है।
- माता को प्रसन्न करने के लिए 108 बार “या देवी सर्वभूतेषु माँ गौरी रूपेण संस्थिता।” मंत्र का जाप करें।
- फिर घी का दीपक और धूप जलाकर मां की आरती उतारें।
- अंत में कन्या पूजन करें।
मां महागौरी की पूजा से मिलेगी मन को शांति
देवी दुर्गा का आठवां स्वरूप शक्ति, संपूर्णता और पवित्रता का प्रतीक है, जो नंदी बैल पर विराजमान रहती है। हाथ में त्रिशूल तथा डमरू धारण करती है जो शक्ति और संतुलन को दर्शाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मां महागौरी की पूजा से मन को शांति मिलती है और भक्त रोग रहित हो जाते हैं। साथ ही, जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है, जिससे भक्त अपने हर कार्य में सफल होते हैं। चैत्र नवरात्रि पर विधिवत रूप से मां महागौरी की पूजा करें और उनके फलदायक आशीर्वाद से जीवन को सफल बनाएं।
थारी चाकरी करूंगो दिन रात,
बणाल्यो म्हाने चाकरियो,
लाल लंगोटो हाथ मे सोटो,
थारी जय जो पवन कुमार,
तुम बिन मोरी कौन खबर ले,
गोवर्धन गिरधारी,
तुम जो कृपा करो तो,
मिट जाये विपदा सारी,