मुख्य रूप से नवरात्रि में माता पार्वती के सभी रूपों की पूजा की जाती है, लेकिन देवी के सभी रूप आम लोगों के लिए नहीं होते। यही कारण है कि साल में चार नवरात्रि होने के बावजूद केवल दो नवरात्रि ही आम लोगों द्वारा मनाई जाती हैं, जबकि दो नवरात्रियों को गुप्त नवरात्रि कहा जाता है, जिन्हें केवल तंत्र साधना करने वाले लोग ही मनाते हैं।
चैत्र और शारदीय नवरात्रि में दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा का प्रावधान है, जबकि गुप्त नवरात्रियों में दस महाविद्याओं की उपासना की जाती है। दस महाविद्याएं देवी शक्ति के उग्र और सौम्य दोनों रूपों का प्रतिनिधित्व करती हैं, जो साधकों को विभिन्न सिद्धियां प्रदान करने में सहायक होती हैं।
चैत्र और शारदीय नवरात्रि में नौ देवियों की पूजा का विशेष प्रावधान है। नवदुर्गा को शक्ति और साहस की देवी के रूप में पूजा जाता है। ये नौ रूप माँ दुर्गा के विभिन्न स्वरूपों का प्रतिनिधित्व करते हैं। ये स्वरूप हैं:
नवरात्रि के दौरान, इन नौ देवियों की पूजा की जाती है और इनके विशिष्ट गुणों को मान्यता दी जाती है।
भक्त वत्सल के इस लेख में आज 12 मई 2025 सोमवार के दिन के पंचांग के बारे में विस्तार से जान लें कि आपके लिए किस मुहूर्त में कार्य करना शुभ रहने वाला है। साथ ही कुछ उपायों के बारे में बताएंगे, जिससे आपको मनचाहे फलों की भी प्राप्ति हो सकती है।
आज 13 मई 2025 से ज्येष्ठ माह का की शुरूआत हो रही है। साथ ही आज पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष तिथि प्रतिपदा है। आज मंगलवार का दिन है। इस तिथि पर वरीयान् योग रहेगा।
आज 14 मई 2025 को ज्येष्ठ माह का दूसरा दिन है। साथ ही आज पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष तिथि द्वितीया है। आज बुधवार का दिन है। इस तिथि पर परिघ योग रहेगा। चंद्रमा वृश्चिक राशि में रहेंगे।
आज 15 मई 2025 को ज्येष्ठ माह का तीसरा दिन है। साथ ही आज पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष तिथि तृतीया है। आज गुरूवार का दिन है। इस तिथि पर शिव योग रहेगा। सूर्य वृषभ राशि में रहेंगे।