सनातन धर्म में शुभ कार्यों की शुरुआत करने से पहले शुभ तिथि और मुहूर्त का महत्व बहुत अधिक है। यह मान्यता है कि शुभ तिथि और मुहूर्त में किया गया कार्य अवश्य सफल होता है। इसलिए अधिकतर लोग गृह प्रवेश से पहले शुभ तिथि और मुहूर्त का ख्याल जरूर रखते हैं। गृह प्रवेश के लिए शुभ मुहूर्त और नक्षत्र का चयन करने से आपके नए घर में सुख, समृद्धि और शांति का वास हो सकता है। ऐसे में अगर आप अगस्त 2025 में गृह प्रवेश का प्लान कर रहे हैं, तो सबसे पहले शुभ मुहूर्त के बारे में अवश्य जान लें। इस लेख में हम आपको बताएंगे कि अगस्त 2025 में गृह प्रवेश के शुभ मुहूर्त है या नहीं? साथ ही जानेंगे शुभ मुहूर्त में गृह प्रवेश करने का महत्व क्या है।
अगर आप नए घर में प्रवेश की योजना बना रहे हैं, तो यह जानकारी आपके लिए जरूरी है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, चातुर्मास के दौरान गृह प्रवेश जैसे मांगलिक कार्य वर्जित माने जाते हैं। चातुर्मास 2025 की अवधि- 6 जुलाई से 1 नवंबर तक रहेगी। यह वह समय होता है जब भगवान विष्णु योगनिद्रा में रहते हैं, और देवताओं के इस विश्राम काल में कोई भी शुभ कार्य करना शास्त्रों में अनुचित माना गया है। ज्योतिषीय दृष्टि से भी इस अवधि में ग्रह-नक्षत्रों की स्थिति अनुकूल नहीं होती, जिससे गृह प्रवेश करना अशुभ फल दे सकता है। इसलिए इन महीनों में कोई शुभ मुहूर्त उपलब्ध नहीं होता। मान्यता है कि चातुर्मास के बाद, देवउठनी एकादशी (1 नवंबर 2025) से मांगलिक कार्यों की फिर से शुरुआत होती है। यदि आप भी गृह प्रवेश की योजना बना रहे हैं, तो शुभ मुहूर्त के लिए चातुर्मास की समाप्ति के बाद का इंतज़ार करें।
हिंदू धर्म में गृह प्रवेश को एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान माना जाता है। इस अनुष्ठान को करने से घर में सुख, समृद्धि और शांति का वास होता है। अप्रैल 2025 में एकमात्र गृह प्रवेश मुहूर्त होने से इसका महत्व और भी बढ़ जाता है।
गृह प्रवेश एक शुभ अवसर है जो हमारे जीवन में एक नए अध्याय की शुरुआत का प्रतीक है। यह एक ऐसा समय होता है जब हम अपने नए घर में प्रवेश करते हैं और एक नए जीवन की शुरुआत करते हैं। वास्तु शास्त्रों के अनुसार, कोई भी नया या शुभ कार्य हमेशा एक विशेष शुभ समय में ही करना चाहिए। इससे यह सुनिश्चित होता है कि ग्रह परिवर्तन, नक्षत्र और अन्य कारकों के प्रभाव के कारण कार्य बिना किसी बाधा के पूरा हो जाएगा। गृह प्रवेश पूजा परिवार के सदस्यों के लिए बहुत महत्व रखती है। ऐसा माना जाता है कि इस पूजा को करने से नए घर और पूरे परिवार में लंबे समय तक खुशी, सद्भाव और समृद्धि आती है। इसके अतिरिक्त, यह अनुष्ठान सभी नकारात्मक और प्रतिकूल ऊर्जाओं को दूर करते हुए नए निवास में दिव्य और आध्यात्मिक आशीर्वाद को आमंत्रित करता है। वैदिक ज्योतिष इस पूजा के लिए शुभ तिथियां और समय निर्धारित करने के लिए ज्योतिषीय चार्ट का उपयोग करते हैं। शुभ क्षण की गणना करते समय विभिन्न कारकों पर विचार किया जाता है, जिसमें नक्षत्र सबसे महत्वपूर्ण होते हैं।