Logo

केतु: कलयुग की माया से मुक्ति का ग्रह , Ketu: kalayug kee maaya se mukti ka grah

केतु: कलयुग की माया से मुक्ति का ग्रह , Ketu: kalayug kee maaya se mukti ka grah

आध्यात्म का लक्ष्य मोक्ष है, गुरु ग्रह आध्यात्मिक मार्ग है और केतु मोक्ष है केतु का प्रभाव व्यक्ति के आत्मिक और आध्यात्मिक विकास को बढ़ाता है। केतु को आध्यात्म, ज्योतिष, वैराग्य, मोक्ष, तंत्र , वायरस व अंतर्मुखी होने कारक माना जाता है।


वैसे तो राहु की तरह केतु की भी अपनी कोई राशि नही है और इस की स्तिथि का कोई अनुमान नही है क्यूंकि ये एक छाया ग्रह है केतु हमेशा राहु से सातवे भाव में होता है यानी राहु के बिलकुल सामने, तो इसकी स्थिति का अनुमान भी सूर्य से 10000 योजन नीचे अंतरिक्ष में ही राहु के सामने लगाया जाता है, छाया ग्रह वो होते हैं जो द्रव्यमान रहित होते हैं ग्रह नही होते अपितु ग्रह की मात्र छाया होते हैं


फिर भी  इस ग्रह का पूर्ण प्रभाव वास्तविकता के साथ ज्योतिष शास्त्र में देखने को मिलता है, केतु ग्रह का प्रभाव अपनी दशा में ही देखने को मिलता है।


केतु की उत्पत्ति 


विष्णु पुराण के अनुसार, एक बार महर्षि दुर्वासा के श्राप से स्वर्ग में धन, ऐश्वर्य और वैभव खत्म हो गया. इस समस्या के समाधान के लिए सभी देवी-देवता भगवान विष्णु के पास पहुंचे. तब विष्णु जी ने देवों को  असुरों के  साथ संधि करके  समुद्र मंथन कराने का उपाय बताया, इस समुद्र मंथन से अमृत कलश प्रकट हुआ और जब यह अमृत दोनो दलों के बीच बँट रहा था तब भगवान विष्णु ने मोहनी रूप धारण किया और अपनी माया से देवताओं को पहले अमृत पान कराने लगे, इस बात का अंदाजा स्वरभानु असुर को हुआ और स्वरभानु  अमृतपान करने के लिए देवताओं के बीच बैठ गया तो सूर्य और चंद्र ने मोहिनी का रूप धरकर अमृत पिला रहे विष्णु जी से उसकी पोल खोल दी। श्रीहरि ने सुदर्शन चक्र से स्वरभानु का सिर धड़ से अलग कर दिया, राक्षस के सिर वाला हिस्सा राहु और धड़ केतु कहलाया। राहु के बारे में जानकारी के लिए नवग्रह विशेष का राहु सम्बंधित लेख देखें।


केतु की कोई अपनी राशि नही है फिर भी केतु मीन राशि को अपनी राशि मानता है, इसलिए केतु के उपाय भी गुरुवार को होते हैं। केतु धनु राशि में 15 अंश पर उच्च व मिथुन राशि में 15 अंश पर नीच का होता है, कई ज्योतिष शास्त्रीयों के अनुसार वृश्चिक राशि में भी उच्च का प्रभाव देता हैं और वृष राशि में नीच का प्रभाव देता है, केतु का रत्न लहसुनियां होता है लेकिन इसे बिना ज्योतिषीय परामर्श के न पहनें। केतु ग्रह का प्रतिनिधित्व भगवान गणेश करते हैं।


कुछ विशेष मंत्रों से केतु को प्रसन्न किया जा सकता है -


१) ॐ कें केतवे नम:

२) ॐ स्रां स्रीं स्रौं सः केतवे नमः

३) ॐ पद्मपुत्राय् विद्महे अमृतेशाय धीमहि तन्नो केतु: प्रचोदयात्

४) ॐ अश्वाध्वजाय विद्महे शूलाहस्ताय धीमहि तन्नो केतु: प्रचोदयात

५) गणेश सहस्त्रनाम स्त्रोत गुरुवार के दिन


केतु को प्रसन्न करने के लिए कुछ सरल उपाय -


१) अपने गुरु का विशेष सम्मान करें एवं गुरु की आज्ञा मानें। 

२) माथे पर पीले चंदन का तिलक लगाएं। 

३) भगवान गणेश को गुरुवार के दिन दूर्बा चढ़ाएं। 

४) कान में स्वर्ण पहनें एवं अपनी लग्न कुंडली को बना कर अपनी जेब में रखें। 

५) ज्योतिष में अगर रुचि है तो ज्योतिष के बारे में कुछ न कुछ सीखते रहें क्यूंकि ज्योतिषियों को केतु परेशान नही करता। 

६) गुरुवार के दिन स्वर्ण दान करें, पीला कपड़ा बहते हुए पानी में बहाएं। 

७) कंबल, छाता, उड़द की दाल गुरुवार के दिन दान करें। 

८) दो रंग के कुत्ते को कुछ न कुछ खिलाते रहें। 


ऊपर दिए गए सभी उपाय और मंत्र ऐसे तो दैनिक चर्या में उपयोग किये जा सकते हैं फिर भी किसी योग्य ज्योतिषी की सलाह लेकर ही अपनी कुंडली के शुभाशुभ अनुसार ही इनका प्रयोग करें।क्यूंकि ये देखना बहुत जरूरी है कि आपको ग्रह का दान करना है, जाप करना है या रत्न धारण करना है।


........................................................................................................
फरवरी 2025 मासिक राशिफल

नए साल की शुरुआत के साथ, कई लोग अपने जीवन में सकारात्मक परिवर्तनों की उम्मीद करते हैं। फरवरी का महीना कई राशियों के लिए नए अवसर और सफलताएं लेकर आ सकता है।

फरवरी 2025 लव राशिफल

फरवरी माह में प्यार और रोमांस का माहौल होने वाला है। यह माह उन लोगों के लिए विशेष है जो अपने प्रेम जीवन में नए अनुभव और अवसर की तलाश में हैं।

फरवरी 2025 करियर/जॉब राशिफल

फरवरी माह की शुरुआत हो चुकी है और सभी लोग अपने करियर और जीवन में आगे बढ़ने के लिए नए अवसरों की तलाश में हैं। यदि आप अपने करियर में सफलता प्राप्त करना चाहते हैं तो यह समय आपके लिए बहुत ही महत्वपूर्ण हो सकता है।

फरवरी 2025 स्वास्थ्य राशिफल

ज्योतिष के अनुसार, फरवरी माह में 6 राशि वालों को स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इन राशियों में मिथुन, कर्क, कन्या, मकर, मीन और तुला राशि शामिल हैं।

यह भी जाने

संबंधित लेख

HomeAartiAartiTempleTempleKundliKundliPanchangPanchang