जुलाई का महीना प्रकृति के सौंदर्य को और भी बढ़ाने का समय है। इस समय फूल खिलते हैं और वातावरण में एक नई ताजगी आती है। यह समय नई शुरुआतों के लिए भी उत्तम है, जैसे कि बच्चे के मुंडन संस्कार। यह अनुष्ठान बच्चे के जन्म के एक साल या तीन साल बाद किया जाता है, जिसमें उसके सिर के बालों को पारंपरिक तरीके से काटा जाता है। मुंडन संस्कार न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि यह वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है। मुंडन संस्कार का उद्देश्य बच्चे के जीवन को नई दिशा देना है। बता दें कि इसे चूड़ाकर्म संस्कार भी कहा जाता है। हिंदू धर्म में वर्णित 16 संस्कारों में यह संस्कार 8वां संस्कार है, जो अन्नप्राशन संस्कार के बाद कराया जाता है। आइए जानते हैं कि जुलाई 2025 में मुंडन मुहूर्त कब-कब हैं।
पंचांग के अनुसार, जुलाई 2025 में 2 और 4 तारीख मुंडन संस्कार के लिए विशेष रूप से शुभ मानी गई हैं। इसके अलावा और भी कई शुभ तिथियां, शुभ मुहूर्त और नक्षत्र नीचे दिए गए हैं-
1. 2 जुलाई 2025, बुधवार
समय: सुबह 11:07 बजे से सुबह 11:59 बजे तक
2. 4 जुलाई 2025, शुक्रवार
समय: शाम 04:33 बजे से 05 जुलाई की सुबह 05:27 बजे तक
वर्ष 2025 में देवशयनी एकादशी 6 जुलाई को पड़ रही है और इसी दिन से चातुर्मास शुरू हो जाएंगे। इस दौरान मांगलिक कार्यों पर रोक लग जाती है, जिसमें विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन संस्कार जैसे महत्वपूर्ण कार्य शामिल हैं।
सनातन धर्म में मुंडन संस्कार एक अनिवार्य संस्कार माना जाता है, जिसे शुभ मुहूर्त में संपन्न कराया जाता है। इसका धार्मिक और वैज्ञानिक दोनों दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण माना जाता है।
बालों की स्वच्छता: मुंडन संस्कार के दौरान बच्चे के सिर के बालों को काटने से उसके सिर की स्वच्छता बनी रहती है।
मुंडन संस्कार एक पारंपरिक और सांस्कृतिक महत्व रखता है, जो परिवार और समाज में सम्मान और प्रतिष्ठा को बढ़ाता है।
हिंदू धर्म में अमावस्या तिथि का विशेष महत्व होता है। लेकिन ज्येष्ठ माह में पड़ने वाली अमावस्या सबसे अधिक महत्वपूर्ण माना जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल ज्येष्ठ अमावस्या 27 मई को मनाई जाएगी।
ज्येष्ठ माह की पूर्णिमा तिथि सनातन धर्म में बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है। यह दिन भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त करने, पितरों की शांति के लिए तर्पण करने और पुण्य कमाने का उत्तम समय होता है।
ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि हिंदू पंचांग के अनुसार विशेष महत्व रखती है। यह तिथि न केवल धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से अहम होती हैI
इस बार श्रावण मास २२ जुलाई सोमवार के दिन से ही शुरू होकर १९ अगस्त सोमवार को ही समाप्त हो रहा है इस बार श्रावण मास में पांच सर्वार्थ सिद्धि योग एक अमृत सिद्धि योग और रवि पुष्य का विशेष संयोग रहेगा।