हिंदू धर्म में 16 संस्कारों में से नौवां है कर्णवेध संस्कार, जिसमें बच्चे के कान छिदवाए जाते हैं। यह सामान्यतः 1 से 5 वर्ष की उम्र में किया जाता है। मान्यता है कि सही मुहूर्त में कर्णवेध कराने से बच्चे की सुनने की क्षमता, बुद्धिमत्ता, सौंदर्य और स्वास्थ्य में सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। परंपरा के अनुसार, लड़कों का पहले दायां कान और लड़कियों का पहले बायां कान छेदा जाता है। इस लेख में हम कर्णवेध संस्कार से जुड़ी खास बातें और नवंबर 2025 के कर्णवेध के शुभ मुहूर्त जानेंगे।
पंचांग के अनुसार, नवंबर माह में कर्णवेध संस्कार के लिए सिर्फ 1 शुभ मुहूर्त है, जो इस प्रकार है-
10 नवंबर 2025, सोमवार, कर्णवेध संस्कार शुभ मुहूर्त: 06:40 ए एम से 07:13 ए एम तक, नक्षत्र: पुनवर्सु
कर्णवेध संस्कार एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान है जो बच्चे के जीवन में सकारात्मक प्रभाव लाने के लिए किया जाता है। कुछ स्थानों पर कर्णवेध को "कथु कुथु" भी कहा जाता है, जिसका हिंदी में अर्थ है - कान छिदवाना। यह संस्कार बच्चे की सुंदरता, बुद्धि, और सुनने की क्षमता में वृद्धि करने के लिए किया जाता है। इसके अलावा यह संस्कार बच्चे को हर्निया जैसी गंभीर बीमारी से बचाने में मदद करता है और लकवा आदि आने की आशंका को कम करता है। यह संस्कार बच्चे के जीवन में समृद्धि, सुख और स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में मदद करता है।