नवीनतम लेख
इस वर्ष शारदीय नवरात्रि तीन अक्टूबर से प्रारंभ हो रही है। मान्यता है कि हर साल मैय्या नवरात्रि में एक विशेष वाहन या आसन पर विराजमान होकर आती है और इनका अपना धार्मिक महत्व है। वैसे मैय्या का मुख्य वाहन सिंह है लेकिन नवरात्रि में माता हर बार एक विशेष वाहन से ही आती हैं। मैय्या रानी का वाहन इस बात का संकेत होता है कि आने वाले समय में पृथ्वी पर किस तरह की घटनाएं घटित होंगी, और समय कैसा गुजरेगा। भक्त वत्सल के नवरात्रि विशेषांक श्रृंखला के इस लेख में जानिए मैय्या इस बार कैसे आ रही है और उसका हमारे जीवन पर क्या प्रभाव होगा?
पंचांग गणना और ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस वर्ष माता रानी का वाहन पालकी है। कहा जाता है कि जब नवरात्रि की शुरुआत गुरुवार या रविवार के दिन होती है तो मां की सवारी डोली या पालकी होती है। पालकी को लेकर कहा जाता है कि मैय्या का पालकी पर आना किसी महामारी और मंदी का संकेत होता है। जानकार मानते हैं कि माता दुर्गा का पालकी पर आने का अर्थ है देश-दुनिया में बीमारी और महामारी फैल सकती है। इतना ही नहीं व्यापार में मंदी, अर्थव्यवस्था में गिरावट की भी आशंका होती है। साथ ही देश- विदेश में कोई दुर्घटना घटित हो सकती है।
मैय्या के वाहन क्या होंगे इसका संबंध नवरात्रि शुरु होने के दिन से होता है। एक श्लोक के अनुसार सप्ताह के सातों दिनों में देवी अलग-अलग वाहनों पर सवार होकर आती है। इस श्लोक में समझें मैय्या के दिनों के हिसाब से बदलने वाले वाहनों को-
शशि सूर्य गजरुढा शनिभौमै तुरंगमे।
गुरौशुक्रेच दोलायां बुधे नौकाप्रकीर्तिता॥
'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।