हिंदू धर्म में शनिवार का दिन शनिदेव को समर्पित होता है। शनिदेव को न्याय का देवता माना जाता है और उनकी कृपा पाने के लिए भक्त विभिन्न प्रकार के उपाय करते हैं। इनमें से एक प्रमुख उपाय है शनिवार के दिन शनिदेव को तेल चढ़ाना है। ऐसा कहा जाता है कि अगर शनिवार के दिन सरसो का तेल दान किया जाए या शनिदेव को चढ़ाया जाए तो व्यक्ति को शुभ फलों की प्राप्ति हो सकती है और कुंडली में स्थित सभी दोष से भी छुटकारा मिल जाता है। आइए भक्त वत्सल के इस लेख में विस्तार से शनिवार के दिन तेल दान करने के लाभ के बारे में जानते हैं।
शनिवार का दिन शनि देवता को समर्पित है, जो कर्मफल दाता माने जाते हैं। शनि देव व्यक्ति के कर्मों के आधार पर उसे सुख और दुख देते हैं। यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में शनि की दशा चल रही हो, तो उसके जीवन में कठिनाइयां और कष्ट आ सकते हैं। ऐसे में शनिवार को तेल का दान करने से शनि देव की कृपा प्राप्त होती है और शनि के अशुभ प्रभावों को कम किया जा सकता है।सरसों के तेल का दान करने से व्यक्ति के घर में सुख-समृद्धि और धन का आगमन होता है। शनि के कष्टों का प्रभाव शारीरिक स्वास्थ्य पर भी पड़ सकता है। सरसों के तेल का दान करने से शरीर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, जिससे स्वास्थ्य में सुधार हो सकता है। शनि देव की कड़ी दृष्टि और उनके प्रकोप से बचने के लिए शनिवार के दिन सरसों के तेल का दान करने से शनि के अशुभ प्रभावों से बचा जा सकता है। यदि किसी व्यक्ति पर जीवन में लगातार कर्ज या आर्थिक समस्याएं आ रही हों, तो शनिवार को सरसों के तेल का दान करने से कर्ज और आर्थिक संकटों से मुक्ति मिल सकती है। इतना ही नहीं, सरसो तेल का दान करने से परिवार में सुख, शांति और समृद्धि लेकर आता है। परिवार के सदस्यों के बीच रिश्ते मजबूत होते हैं और मानसिक शांति प्राप्त होती है।
शनिवार के दिन सरसों के तेल का दान करना सबसे अधिक लाभकारी माना जाता है, क्योंकि यह शनि देवता के साथ जुड़ा हुआ है।
अपने इष्ट देवता की पूजा-अर्चना करने से विशेष फल प्राप्त होते हैं। हर व्यक्ति का कोई न कोई इष्ट देव होता है। कोई भगवान विष्णु को मानता है, तो कोई भगवान शिव को।
माघ का महीना हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है। यह महीना भगवान विष्णु की पूजा के लिए समर्पित होता है। मान्यता है कि इस महीने में भगवान विष्णु और भगवान श्रीकृष्ण का आशीर्वाद पाना आसान होता है।
माघ का महीना हिंदू धर्म में पवित्र महीनों में से एक माना जाता है। इस महीने में स्नान करने का विशेष महत्व है, जिसे माघ स्नान कहते हैं। मान्यता है कि माघ महीने में देवता पृथ्वी पर आते हैं और पवित्र नदियों में स्नान करते हैं।
हिंदू धर्म में सकट चौथ का व्रत अत्यधिक महत्वपूर्ण माना जाता है। यह व्रत भगवान गणेश और सकट माता की पूजा-अर्चना के लिए प्रसिद्ध है। इस दिन महिलाएं अपनी संतान की लंबी आयु, सुख-समृद्धि और उनके जीवन में आने वाले संकटों को दूर करने के लिए निर्जला व्रत रखती हैं।