Shardiya Navratri 2025 Day 2: इस समय शारदीय नवरात्रि का पावन पर्व चल रहा है और आज नवरात्रि का दूसरा दिन है। नवरात्रि के दूसरे दिन मां दुर्गा के ब्रह्मचारिणी स्वरूप की आराधना की जाती है। मां ब्रह्मचारिणी तप, संयम और ज्ञान की देवी कही जाती हैं। मान्यता है कि भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए माता पार्वती ने कठोर तप किया था। उनका स्वरूप अत्यंत सरल और शांत है। मां ब्रह्मचारिणी सफेद वस्त्र धारण करती हैं, दाहिने हाथ में जपमाला और बाएं हाथ में कमंडल धारण किए हुए हैं। शास्त्रों के अनुसार, इस दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करने से साधक को सभी परेशानियों से मुक्ति मिलती है और भगवान शिव भी प्रसन्न होते हैं। ऐसे में आइए जानते हैं नवरात्रि के दूसरे दिन कैसे करें मां ब्रह्मचारिणी की पूजा, क्या रहेगा पूजा का शुभ मुहूर्त? साथ ही, जानिए भोग, मंत्र, आरती और कथा के बारे में....
शारदीय नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी को प्रसन्न करने के लिए खीर, बर्फी, चीनी और पंचामृत का भोग चढ़ाना शुभ चाहिए। बता दें कि भक्तजनों को इस दिन सफेद वस्त्र धारण करके मां की उपासना करनी चाहिए।
नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी को प्रसन्न करने के लिए उनके बीज मंत्र 'ह्रीं श्री अम्बिकायै नमः' का 108 बार जप करना अत्यंत फलदायी होता है। साथ ही, 'या देवी सर्वभूतेषु ब्रह्मचारिणी रूपेण संस्थिता, नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः' मंत्र का जप भी कर सकते हैं।
मां ब्रह्मचारिणी का जन्म राजा हिमालय के घर हुआ था। नारदजी के मार्गदर्शन में उन्होंने भगवान शिव को पति स्वरूप में पाने के लिए घोर तप किया। लंबे तप के कारण उनका नाम ब्रह्मचारिणी या तपश्चारिणी पड़ा। मां ने हजारों वर्षों तक केवल फल-फूल और शाक का सेवन करके कठिन साधना की। उनके कठोर तप से समस्त देवता और ऋषि-मुनि अत्यंत प्रभावित हुए और उन्होंने मां को आशीर्वाद दिया कि उनकी तपस्या अवश्य सफल होगी तथा भगवान शिव उन्हें पति स्वरूप में प्राप्त होंगे।
जय अंबे ब्रह्माचारिणी माता।
जय चतुरानन प्रिय सुख दाता।
ब्रह्मा जी के मन भाती हो।
ज्ञान सभी को सिखलाती हो।
ब्रह्मा मंत्र है जाप तुम्हारा।
जिसको जपे सकल संसारा।
जय गायत्री वेद की माता।
जो मन निस दिन तुम्हें ध्याता।
कमी कोई रहने न पाए।
कोई भी दुख सहने न पाए।
उसकी विरति रहे ठिकाने।
जो तेरी महिमा को जाने।
रुद्राक्ष की माला ले कर।
जपे जो मंत्र श्रद्धा दे कर।
आलस छोड़ करे गुणगाना।
मां तुम उसको सुख पहुंचाना।
ब्रह्माचारिणी तेरो नाम।
पूर्ण करो सब मेरे काम।
भक्त तेरे चरणों का पुजारी।
रखना लाज मेरी महतारी।