Aaj Ka Panchang: आज 10 अक्टूबर 2025 का शुभ मुहूर्त, राहुकाल का समय, आज की तिथि और ग्रह
Aaj Ka Panchang 10 October 2025: आज 10 अक्टूबर 2025 से कार्तिक मास का चौथा दिन है। साथ ही आज पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि है, जो कि 07:38 पी एम तक जारी रहेगी। इसके बाद कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि लग जाएगी। बता दें कि आज शुक्रवार का दिन है। इस दिन सूर्य देव कन्या राशि में रहेंगे। वहीं चंद्रमा वृषभ राशि में रहेंगे। आपको बता दें, आज शुक्रवार के दिन अभिजीत मुहूर्त 11:45 ए एम से 12:31 पी एम तक रहेगा। इस दिन राहुकाल 10:41 ए एम से 12:08 पी एम रहेगा। आज के दिन कई विशेष त्योहार है, जिसमें करवा चौथ, मासिक कार्तिगाई, वक्रतुण्ड संकष्टी चतुर्थी शामिल है। साथ ही वार के हिसाब से आप शुक्रवार का व्रत रख सकते हैं, जो माता लक्ष्मी को समर्पित होता है। आइए भक्त वत्सल के इस लेख में हम विस्तार से आपको आज के पंचांग के बारे में बताएंगे कि आज आपके लिए शुभ मुहूर्त क्या है। किस समय कार्य करने से शुभ परिणाम की प्राप्ति हो सकती है। साथ ही आज किन उपायों को करने से लाभ हो सकता है।
आज का पंचांग 10 अक्टूबर 2025 (Aaj Ka Panchang 10 October 2025)
- तिथि - 07:38 पी एम तक कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि। इसके बाद पंचमी तिथि लग जाएगी।
- नक्षत्र - कृत्तिका (05:31 पी एम तक) रोहिणी
- दिन/वार - शुक्रवार
- योग - सिद्धि (05:41 पी एम तक) व्यतीपात
- करण - बव (09:14 ए एम तक) बालव (07:38 पी एम तक) कौलव (06:07 ए एम, अक्टूबर 11 तक) तैतिल
कार्तिक कृष्ण पक्ष चतुर्थी तिथि प्रारंभ - 10:54 पी एम, अक्टूबर 09
कार्तिक कृष्ण पक्ष चतुर्थी तिथि समाप्त - 07:38 पी एम, अक्टूबर 10
सूर्य-चंद्र गोचर (Surya-Chandra Gochar)
- सूर्य - सूर्य देव कन्या राशि में रहेंगे।
- चंद्र - चंद्रमा वृषभ राशि में रहेंगे।
सूर्य और चंद्रमा का मुहूर्त (Surya aur Chandrama ka Muhurat)
- सूर्योदय - 06:19 ए एम
- सूर्यास्त - 05:57 पी एम
- चन्द्रोदय - 08:13 पी एम
- चन्द्रास्त - 09:48 ए एम
आज का शुभ मुहूर्त और योग 10 अक्टूबर 2025 (Aaj ka Shubh Muhurat aur Yog 10 October 2025)
- ब्रह्म मुहूर्त - 04:40 ए एम से 05:30 ए एम
- अभिजीत मुहूर्त - 11:45 ए एम से 12:31 पी एम
- विजय मुहूर्त - 02:04 पी एम से 02:51 पी एम
- गोधूलि मुहूर्त - 05:57 पी एम से 06:22 पी एम
- संध्या मुहूर्त - 05:57 पी एम से 07:11 पी एम
- अमृत काल - 03:22 पी एम से 04:48 पी एम
आज का अशुभ मुहूर्त 10 अक्टूबर 2025 (Aaj ka Ashubh Muhurat 10 October 2025)
- राहु काल - 10:41 ए एम से 12:08 पी एम
- गुलिक काल - 07:46 ए एम से 09:13 ए एम
- यमगंड - 03:02 पी एम से 04:30 पी एम
- वर्ज्य - 06:47 ए एम से 08:12 ए एम
- विडाल योग - 05:31 पी एम से 08:20 पी एम
- दिशाशूल - पश्चिम, इस दिशा में यात्रा करने से बचना चाहिए।
10 अक्टूबर 2025 पर्व/त्योहार/व्रत (10 October 2025 ke Parv / Tyohar / Vrat)
- शुक्रवार का व्रत - आज आप शुक्रवार का व्रत रख सकते हैं, जो माता लक्ष्मी को समर्पित है।
- करवा चौथ - करवा चौथ का व्रत कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है, हालांकि अमांत पंचांग का पालन करने वाले क्षेत्रों जैसे गुजरात, महाराष्ट्र और दक्षिण भारत में इसे आश्विन माह में माना जाता है। यह अंतर केवल माह के नाम का होता है, जबकि तिथि सभी जगह एक ही रहती है। करवा चौथ और संकष्टी चतुर्थी एक ही दिन पड़ते हैं और दोनों का धार्मिक महत्व जुड़ा होता है। विवाहित महिलाएं इस दिन अपने पति की लंबी उम्र की कामना करते हुए सूर्योदय से चंद्रमा दर्शन तक बिना अन्न-जल ग्रहण किए व्रत रखती हैं। इस दिन भगवान शिव, माता पार्वती, भगवान गणेश और कार्तिकेय की पूजा की जाती है और व्रत चंद्रमा को अर्घ्य अर्पित करने के बाद ही खोला जाता है। मिट्टी के करवा (करक) का इस व्रत में विशेष महत्व होता है, जिससे चंद्रमा को जल चढ़ाया जाता है और पूजा के बाद इसे ब्राह्मण या किसी सुहागन को दान दिया जाता है। करवा चौथ को कुछ स्थानों पर करक चतुर्थी भी कहा जाता है।
- मासिक कार्तिगाई - कार्तिगाई दीपम तमिल हिंदुओं द्वारा मनाया जाने वाला एक प्राचीन और प्रमुख त्योहार है, जिसे विशेष रूप से भगवान शिव के सम्मान में मनाया जाता है। इस दिन शाम के समय घरों और गलियों में तेल के दीप एक पंक्ति में जलाए जाते हैं, जिससे वातावरण भक्तिमय और आलोकित हो उठता है। यह पर्व कृत्तिका या कार्तिकाई नक्षत्र के प्रभावी होने पर मनाया जाता है और इसी नक्षत्र के नाम से इसका नाम भी लिया गया है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन भगवान शिव ने ब्रह्मा और विष्णु को अपनी श्रेष्ठता दिखाने के लिए स्वयं को एक अनन्त प्रकाश ज्योति में परिवर्तित कर लिया था। यद्यपि कार्तिगाई का पालन हर महीने किया जाता है, लेकिन कार्तिकाई माह में आने वाला कार्तिगाई दीपम सबसे विशेष माना जाता है। तिरुवन्नामलई की पहाड़ी पर इस अवसर पर एक विशाल दीप जलाया जाता है, जिसे महादीपम कहा जाता है और यह कई किलोमीटर दूर से दिखाई देता है। इस पर्व के दौरान हज़ारों श्रद्धालु वहां एकत्र होते हैं और भगवान शिव की आराधना करते हैं।
- वक्रतुण्ड संकष्टी चतुर्थी - कार्तिक माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को वक्रतुण्ड संकष्टी व्रत मनाया जाता है, जिसमें भगवान गणेश के वक्रतुण्ड स्वरूप की पूजा की जाती है। गणेश जी के अष्टविनायक रूपों में पहला स्वरूप वक्रतुण्ड माना जाता है, जिनका अर्थ है टेढ़ी सूंड या टेढ़े मुख वाले गणेश। मुद्गल पुराण सहित कई धर्मग्रंथों में इन रूपों का विस्तृत वर्णन मिलता है। पौराणिक कथा के अनुसार, मत्सरासुर नामक दैत्य का वध करने के लिए गणेश जी ने वक्रतुण्ड रूप धारण किया था और अंततः उसे पराजित कर क्षमा याचना के पश्चात् जीवन दान दिया।
10 अक्टूबर 2025 आज के उपाय (10 October 2025 Aaj ke Upay)
- शुक्रवार के उपाय - मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए उन्हें सफेद और लाल रंग के फूल जैसे कमल या गुलाब अर्पित करना लाभदायक होता है। कुंडली में शुक्र को मजबूत करने के लिए शुक्रवार को श्वेत वस्त्र धारण करना और चावल, आटा, दूध जैसी सफेद चीजों का दान करना मददगार होता है। आर्थिक तंगी से मुक्ति पाने के लिए मां लक्ष्मी की पूजा में चावल की खीर और श्रीफल अर्पित करना और कमलगट्टे की माला से उनके नामों का जप करना भी लाभकारी होता है। लक्ष्मी वैभव व्रत करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है और सभी दुख दूर हो जाते हैं।
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