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11 September 2025 panchang (11 सितंबर 2025 का पंचांग)

11 September 2025 panchang (11 सितंबर 2025 का पंचांग)

Aaj Ka Panchang: आज 11 सितंबर 2025 का शुभ मुहूर्त, राहुकाल का समय, आज की तिथि और ग्रह

Aaj Ka Panchang 11 September 2025: आज 11 सितंबर 2025 आश्विन मास का चौथा दिन है। साथ ही आज पंचांग के अनुसार, आश्विन मास के कृष्ण पक्ष तिथि चतुर्थी तिथि है, जो कि 12:45 पी एम तक जारी रहेगी। इसके बाद पंचमी तिथि लग जाएगी। बता दें कि आज गुरूवार का दिन है। इस दिन सूर्य देव सिंह राशि में रहेंगे। वहीं चंद्रमा मेष राशि में रहेंगे। आपको बता दें, आज गुरूवार के दिन अभिजीत मुहूर्त 11:53 ए एम से 12:42 पी एम तक रहेगा। इस दिन राहुकाल 01:51 पी एम से 03:24 पी एम बजे तक रहेगा। आज पंचमी श्राद्ध किया जाएगा। साथ ही वार के हिसाब से आप गुरूवार का व्रत रख सकते हैं, जो भगवान विष्णु को समर्पित होता है। आइए भक्त वत्सल के इस लेख में हम विस्तार से आपको आज के पंचांग के बारे में बताएंगे कि आज आपके लिए शुभ मुहूर्त क्या है। किस समय कार्य करने से शुभ परिणाम की प्राप्ति हो सकती है। साथ ही आज किन उपायों को करने से लाभ हो सकता है। 

आज का पंचांग 11 सितंबर 2025

  • तिथि- 12:45 पी एम तक कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि। इसके बाद पंचमी तिथि लग जाएगी।
  • नक्षत्र- अश्विनी (01:58 पी एम तक) भरणी
  • दिन/वार- गुरूवार
  • योग- ध्रुव (05:05 पी एम तक) व्याघात
  • करण- बालव (12:45 पी एम तक) कौलव (कौलव - 11:20 पी एम तक) तैतिल

आश्विन कृष्ण पक्ष चतुर्थी तिथि प्रारंभ - 03:37 पी एम, सितम्बर 10

आश्विन कृष्ण पक्ष चतुर्थी तिथि समाप्त - 12:45 पी एम, सितम्बर 11

सूर्य-चंद्र गोचर

  • सूर्य - सूर्य देव सिंह राशि में रहेंगे।
  • चंद्र - चंद्रमा मेष राशि में रहेंगे।

सूर्य और चंद्रमा का मुहूर्त

  • सूर्योदय- 06:04 ए एम
  • सूर्यास्त- 06:31 पी एम
  • चन्द्रोदय- 08:45 पी एम
  • चन्द्रास्त- 09:43 ए एम

आज का शुभ मुहूर्त और योग 11 सितंबर 2025

  • ब्रह्म मुहूर्त - 04:32 ए एम से 05:18 ए एम
  • अभिजीत मुहूर्त - 11:53 ए एम से 12:42 पी एम
  • विजय मुहूर्त - 02:22 पी एम से 03:12 पी एम
  • गोधूलि मुहूर्त - 06:31 पी एम से 06:54 पी एम
  • संध्या मुहूर्त - 06:31 पी एम से 07:40 पी एम
  • अमृत काल - 07:23 ए एम से 08:51 ए एम
  • सर्वार्थ सिद्धि योग - 06:04 ए एम से 01:58 पी एम

आज का अशुभ मुहूर्त 11 सितंबर 2025

  • राहु काल - 01:51 पी एम से 03:24 पी एम
  • गुलिक काल - 09:11 ए एम से 10:44 ए एम
  • यमगंड - 06:04 ए एम से 07:37 ए एम
  • विडाल योग - 01:58 पी एम से 06:05 ए एम, सितम्बर 12
  • गण्ड मूल - 06:04 ए एम से 01:58 पी एम
  • ज्वालामुखी योग - 01:58 पी एम से 06:05 ए एम, सितम्बर 12
  • दिशाशूल - दक्षिण, इस दिशा में यात्रा करने से बचना चाहिए।

11 सितंबर 2025 पर्व/त्योहार/व्रत

  • गुरूवार का व्रत- आज आप गुरूवार का व्रत रख सकते हैं, जो भगवान विष्णु को समर्पित है। 
  • पंचमी श्राद्ध - पंचमी श्राद्ध उन मृतक सदस्यों के लिए किया जाता है जिनकी मृत्यु पञ्चमी तिथि पर हुई हो और इसे कुंवारा पंचमी भी कहा जाता है। इस दिन उन अविवाहित मृतकों के लिए श्राद्ध करना विशेष रूप से उपयुक्त माना जाता है जिनकी मृत्यु विवाह से पहले हुई हो। शुक्ल पक्ष या कृष्ण पक्ष दोनों की पञ्चमी तिथि पर श्राद्ध किया जा सकता है। पितृ पक्ष में पार्वण श्राद्ध के लिए कुतुप और रौहिण मुहूर्त शुभ माने जाते हैं। श्राद्ध के अनुष्ठान अपराह्न काल तक पूरे कर लेने चाहिए और अंत में तर्पण किया जाता है, जिससे पितरों को शांति और तृप्ति मिलती है।

11 सितंबर 2025/आज के उपाय 

गुरूवार के उपाय - गुरुवार के दिन भगवान बृहस्पति और विष्णु की पूजा करने से जीवन में ज्ञान, सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है। इस दिन भगवान विष्णु को पीले वस्त्र, हल्दी और पीले फल अर्पित करना शुभ माना जाता है। गुरुवार के उपायों में विष्णु मंत्रों का जाप करना, बृहस्पति स्तोत्र का पाठ करना और भगवान विष्णु की आराधना करना शामिल है। इन उपायों को करने से बृहस्पति ग्रह की स्थिति में सुधार होता है और जीवन में सकारात्मक परिणाम प्राप्त होते हैं। गुरुवार के दिन विशेष रूप से पीले वस्त्र, चने की दाल और पीले फल का दान करना लाभदायक होता है।

श्राद्ध तिथि पर सूर्योदय से दिन के 12 बजकर 24 मिनट तक श्राद्ध करना चाहिए। इसके लिए घर की सफाई करें, गंगाजल और गौमूत्र छिड़कें। साथ ही दक्षिण दिशा में मुंह रखकर तर्पण करें। घर के आंगन में रंगोली बनाएं, महिलाएं शुद्ध होकर पितरों के लिए भोजन बनाएं और श्रेष्ठ ब्राह्मण को निमंत्रित कर भोजन कराएं। पितरों के निमित्त अग्नि में गाय के दूध से बनी खीर अर्पण करें और पंचबलि निकालें। ब्राह्मण को भोजन कराने के बाद दक्षिणा और सामग्री दान करें, जिसमें गौ, भूमि, तिल, स्वर्ण आदि शामिल हैं। श्राद्ध में सफेद फूलों का उपयोग करें। दूध, गंगाजल, शहद, सफेद कपड़े, अभिजित मुहूर्त और तिल का विशेष महत्व है।

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