Aaj Ka Panchang: आज 13 सितंबर 2025 का शुभ मुहूर्त, राहुकाल का समय, आज की तिथि और ग्रह
Aaj Ka Panchang 13 September 2025: आज 13 सितंबर 2025 आश्विन मास का छठा दिन है। साथ ही आज पंचांग के अनुसार, आश्विन मास के कृष्ण पक्ष तिथि षष्ठी तिथि है, जो कि 07:23 ए एम तक जारी रहेगी। इसके बाद सप्तमी तिथि लग जाएगी। बता दें कि आज शनिवार का दिन है। इस दिन सूर्य देव सिंह राशि में रहेंगे। वहीं चंद्रमा वृषभ राशि में रहेंगे। आपको बता दें, आज शनिवार के दिन अभिजीत मुहूर्त 11:52 ए एम से 12:42 पी एम तक रहेगा। इस दिन राहुकाल 09:11 ए एम से 10:44 ए एम बजे तक रहेगा। आज सप्तमी श्राद्ध किया जाएगा। साथ ही वार के हिसाब से आप शनिवार का व्रत रख सकते हैं, जो शनि देव को समर्पित होता है। आइए भक्त वत्सल के इस लेख में हम विस्तार से आपको आज के पंचांग के बारे में बताएंगे कि आज आपके लिए शुभ मुहूर्त क्या है। किस समय कार्य करने से शुभ परिणाम की प्राप्ति हो सकती है। साथ ही आज किन उपायों को करने से लाभ हो सकता है।
Aaj Ka Panchang 13 September 2025 (आज का पंचांग 13 सितंबर 2025)
- तिथि- 07:23 ए एम तक कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि। इसके बाद सप्तमी तिथि लग जाएगी।
- नक्षत्र- कृत्तिका (10:11 ए एम तक) रोहिणी
- दिन/वार- शनिवार
- योग- हर्षण (10:33 ए एम तक) वज्र
- करण- वणिज (07:23 ए एम तक) विष्टि (06:11 पी एम तक) बव (05:04 ए एम, सितम्बर 14 तक) बालव
आश्विन कृष्ण पक्ष षष्ठी तिथि प्रारंभ - 09:58 ए एम, सितम्बर 12
आश्विन कृष्ण पक्ष षष्ठी तिथि समाप्त - 07:23 ए एम, सितम्बर 13
आश्विन कृष्ण पक्ष सप्तमी तिथि प्रारंभ - 07:23 ए एम, सितम्बर 13
आश्विन कृष्ण पक्ष सप्तमी तिथि समाप्त - 05:04 ए एम, सितम्बर 14
Surya-Chandra Gochar (सूर्य-चंद्र गोचर)
- सूर्य - सूर्य देव सिंह राशि में रहेंगे।
- चंद्र - चंद्रमा वृषभ राशि में रहेंगे।
Surya aur Chandrama ka Muhurat (सूर्य और चंद्रमा का मुहूर्त)
- सूर्योदय- 06:05 ए एम
- सूर्यास्त- 06:28 पी एम
- चन्द्रोदय- 10:20 पी एम
- चन्द्रास्त- 12:03 पी एम
Aaj ka Shubh Muhurat aur Yog 13 September 2025 (आज का शुभ मुहूर्त और योग 13 सितंबर 2025)
- ब्रह्म मुहूर्त - 04:32 ए एम से 05:19 ए एम
- अभिजीत मुहूर्त - 11:52 ए एम से 12:42 पी एम
- विजय मुहूर्त - 02:21 पी एम से 03:10 पी एम
- गोधूलि मुहूर्त - 06:28 पी एम से 06:52 पी एम
- संध्या मुहूर्त - 06:28 पी एम से 07:38 पी एम
- अमृत काल - 07:58 ए एम से 09:27 ए एम और 05:41 ए एम, सितम्बर 14 से 07:11 ए एम, सितम्बर 14
- रवि योग - 06:05 ए एम से 10:11 ए एम और 03:49 पी एम से 06:05 ए एम, सितम्बर 14
- त्रिपुष्कर योग - 07:23 ए एम से 10:11 ए एम
- अमृत सिद्धि योग - 10:11 ए एम से 06:05 ए एम, सितम्बर 14
- सर्वार्थ सिद्धि योग - 10:11 ए एम से 06:05 ए एम, सितम्बर 14
Aaj ka Ashubh Muhurat 13 September 2025 (आज का अशुभ मुहूर्त 13 सितंबर 2025)
- राहु काल - 09:11 ए एम से 10:44 ए एम
- गुलिक काल - 06:05 ए एम से 07:38 ए एम
- यमगंड - 01:50 पी एम से 03:23 पी एम
- आडल योग - 06:05 ए एम से 10:11 ए एम और 03:49 पी एम से 06:05 ए एम, सितम्बर 14
- भद्रा - 07:23 ए एम से 06:11 पी एम
- वर्ज्य - 01:11 ए एम, सितम्बर 14 से 02:41 ए एम, सितम्बर 14
- दिशाशूल - पूर्व, इस दिशा में यात्रा करने से बचना चाहिए।
13 September 2025 ke Parv / Tyohar / Vrat (13 सितंबर 2025 पर्व/त्योहार/व्रत)
- शनिवार का व्रत- आज आप शनिवार का व्रत रख सकते हैं, जो शनि देव को समर्पित है।
- सप्तमी श्राद्ध - सप्तमी श्राद्ध उन मृतक सदस्यों के लिए किया जाता है जिनकी मृत्यु सप्तमी तिथि पर हुई हो। शुक्ल पक्ष या कृष्ण पक्ष दोनों की सप्तमी तिथि पर श्राद्ध किया जा सकता है। पितृ पक्ष में पार्वण श्राद्ध के लिए कुतुप और रौहिण मुहूर्त शुभ माने जाते हैं। श्राद्ध के अनुष्ठान अपराह्न काल तक पूरे कर लेने चाहिए और अंत में तर्पण किया जाता है, जिससे पितरों को शांति और तृप्ति मिलती है।
13 September 2025 Aaj ke Upay (13 सितंबर 2025 आज के उपाय)
- शनिवार के उपाय - शनिवार के दिन भगवान शनि और हनुमान की पूजा करने से जीवन में शनि के अशुभ प्रभावों से मुक्ति मिलती है और सुख-शांति की प्राप्ति होती है। इस दिन भगवान शनि को तेल, काले तिल और काले वस्त्र अर्पित करना शुभ माना जाता है। शनिवार के उपायों में हनुमान चालीसा का पाठ करना, शनि मंत्रों का जाप करना और भगवान शनि की आराधना करना शामिल है। इन उपायों को करने से शनि ग्रह की स्थिति में सुधार होता है और जीवन में सकारात्मक परिणाम प्राप्त होते हैं। शनिवार के दिन विशेष रूप से काले वस्त्र, उड़द की दाल और तेल का दान करना लाभदायक होता है।
- श्राद्ध उपाय - श्राद्ध तिथि पर सूर्योदय से दिन के 12 बजकर 24 मिनट तक श्राद्ध करना चाहिए। इसके लिए घर की सफाई करें, गंगाजल और गौमूत्र छिड़कें। साथ ही दक्षिण दिशा में मुंह रखकर तर्पण करें। घर के आंगन में रंगोली बनाएं, महिलाएं शुद्ध होकर पितरों के लिए भोजन बनाएं और श्रेष्ठ ब्राह्मण को निमंत्रित कर भोजन कराएं। पितरों के निमित्त अग्नि में गाय के दूध से बनी खीर अर्पण करें और पंचबलि निकालें। ब्राह्मण को भोजन कराने के बाद दक्षिणा और सामग्री दान करें, जिसमें गौ, भूमि, तिल, स्वर्ण आदि शामिल हैं। श्राद्ध में सफेद फूलों का उपयोग करें। दूध, गंगाजल, शहद, सफेद कपड़े, अभिजित मुहूर्त और तिल का विशेष महत्व है।