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14 September 2025 panchang (14 सितंबर 2025 का पंचांग)

14 September 2025 panchang (14 सितंबर 2025 का पंचांग)

Aaj Ka Panchang: आज 14 सितंबर 2025 का शुभ मुहूर्त, राहुकाल का समय, आज की तिथि और ग्रह

Aaj Ka Panchang 14 September 2025: आज 14 सितंबर 2025 आश्विन मास का 8वां दिन है। साथ ही आज पंचांग के अनुसार, आश्विन मास के कृष्ण पक्ष तिथि अष्टमी तिथि है, जो कि 03:06 ए एम, सितम्बर 15 तक जारी रहेगी। इसके बाद नवमी तिथि लग जाएगी। बता दें कि आज रविवार का दिन है। इस दिन सूर्य देव सिंह राशि में रहेंगे। वहीं चंद्रमा 08:03 पी एम तक वृषभ राशि में रहेंगे। इसके बाद मिथुन राशि में गोचर करेंगे। आपको बता दें, आज रविवार के दिन अभिजीत मुहूर्त 11:52 ए एम से 12:41 पी एम तक रहेगा। इस दिन राहुकाल 04:55 पी एम से 06:27 पी एम बजे तक रहेगा। आज अष्टमी श्राद्ध किया जाएगा। जीवित्पुत्रिका व्रत, मासिक कृष्ण जन्माष्टमी और कालाष्टमी भी आज ही है। साथ ही वार के हिसाब से आप रविवार का व्रत रख सकते हैं, जो सूर्य देव को समर्पित होता है। आइए भक्त वत्सल के इस लेख में हम विस्तार से आपको आज के पंचांग के बारे में बताएंगे कि आज आपके लिए शुभ मुहूर्त क्या है। किस समय कार्य करने से शुभ परिणाम की प्राप्ति हो सकती है। साथ ही आज किन उपायों को करने से लाभ हो सकता है। 

आज का पंचांग 14 सितंबर 2025

  • तिथि- 03:06 ए एम, सितम्बर 15 तक कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि। इसके बाद नवमी तिथि लग जाएगी।
  • नक्षत्र- रोहिणी (10:11 ए एम तक) मृगशिरा
  • दिन/वार- रविवार
  • योग- वज्र (07:35 ए एम तक) सिद्धि (04:55 ए एम, सितम्बर 15 तक) व्यतीपात
  • करण- बालव (04:02 पी एम तक) कौलव (03:06 ए एम, सितम्बर 15 तक) तैतिल

आश्विन कृष्ण पक्ष अष्टमी तिथि प्रारंभ - 05:04 ए एम, सितम्बर 14

आश्विन कृष्ण पक्ष अष्टमी तिथि समाप्त - 03:06 ए एम, सितम्बर 15

सूर्य-चंद्र गोचर

  • सूर्य - सूर्य देव सिंह राशि में रहेंगे।
  • चंद्र - चंद्रमा 08:03 पी एम तक वृषभ राशि में रहेंगे। इसके बाद मिथुन राशि में गोचर करेंगे।

सूर्य और चंद्रमा का मुहूर्त

  • सूर्योदय- 06:05 ए एम
  • सूर्यास्त- 06:27 पी एम
  • चन्द्रोदय- 11:18 पी एम
  • चन्द्रास्त- 01:11 पी एम

आज का शुभ मुहूर्त और योग 14 सितंबर 2025

  • ब्रह्म मुहूर्त - 04:33 ए एम से 05:19 ए एम
  • अभिजीत मुहूर्त - 11:52 ए एम से 12:41 पी एम
  • विजय मुहूर्त - 02:20 पी एम से 03:09 पी एम
  • गोधूलि मुहूर्त - 06:27 पी एम से 06:51 पी एम
  • संध्या मुहूर्त - 06:27 पी एम से 07:37 पी एम
  • अमृत काल - 11:09 पी एम से 12:40 ए एम, सितम्बर 15
  • रवि योग - 06:05 ए एम से 08:41 ए एम

आज का अशुभ मुहूर्त 14 सितंबर 2025

  • राहु काल - 04:55 पी एम से 06:27 पी एम
  • गुलिक काल - 03:22 पी एम से 04:55 पी एम
  • यमगंड - 12:16 पी एम से 01:49 पी एम
  • आडल योग - 06:05 ए एम से 08:41 ए एम
  • वर्ज्य - 02:01 पी एम से 03:32 पी एम

दिशाशूल - पश्चिम , इस दिशा में यात्रा करने से बचना चाहिए।

14 सितंबर 2025 पर्व/त्योहार/व्रत

  • रविवार का व्रत- आज आप रविवार का व्रत रख सकते हैं, जो सूर्य देव को समर्पित है। 
  • अष्टमी श्राद्ध - अष्टमी श्राद्ध उन मृतक सदस्यों के लिए किया जाता है जिनकी मृत्यु अष्टमी तिथि पर हुई हो। शुक्ल पक्ष या कृष्ण पक्ष दोनों की अष्टमी तिथि पर श्राद्ध किया जा सकता है। पितृ पक्ष में पार्वण श्राद्ध के लिए कुतुप और रौहिण मुहूर्त शुभ माने जाते हैं। श्राद्ध के अनुष्ठान अपराह्न काल तक पूरे कर लेने चाहिए और अंत में तर्पण किया जाता है, जिससे पितरों को शांति और तृप्ति मिलती है।
  • जीवित्पुत्रिका व्रत - जीवित्पुत्रिका व्रत माताओं द्वारा अपनी संतान की सुरक्षा और स्वास्थ्य के लिए किया जाने वाला एक महत्वपूर्ण उपवास है, जिसमें वे पूरे दिन और रात निर्जला उपवास रखती हैं। यह व्रत आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को किया जाता है और मुख्य रूप से बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश में मनाया जाता है। नेपाल में इसे जितिया उपवास के रूप में जाना जाता है, जहां भी माताएं अपनी संतान की सलामती और खुशहाली के लिए इस व्रत को पूरी श्रद्धा से करती हैं।
  • कालाष्टमी - कालाष्टमी भगवान कालभैरव को समर्पित है और हर महीने कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। कालभैरव जयंती मार्गशीर्ष या कार्तिक महीने में पड़ती है, जब भगवान शिव भैरव रूप में प्रकट हुए थे। इस दिन व्रत और पूजा करने से जीवन के कष्ट दूर होते हैं और सुख-शांति मिलती है।
  • मासिक कृष्ण जन्माष्टमी - मासिक कृष्ण जन्माष्टमी हर महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाई जाती है। इस दिन भगवान कृष्ण की पूजा और आराधना की जाती है, जो अपने भक्तों को सुख, शांति और समृद्धि प्रदान करते हैं। मासिक कृष्ण जन्माष्टमी पर भगवान कृष्ण के बाल रूप की पूजा की जाती है और उनके जन्म की खुशी में व्रत, पूजा और कीर्तन किए जाते हैं। इस दिन भगवान कृष्ण की कृपा प्राप्त करने के लिए विशेष अनुष्ठान और दान-पुण्य भी किए जाते हैं।

14 सितंबर 2025/आज के उपाय 

  • रविवार के उपाय - शनिवार के दिन भगवान शनि और हनुमान की पूजा करने से जीवन में शनि के अशुभ प्रभावों से मुक्ति मिलती है और सुख-शांति की प्राप्ति होती है। इस दिन भगवान शनि को तेल, काले तिल और काले वस्त्र अर्पित करना शुभ माना जाता है। शनिवार के उपायों में हनुमान चालीसा का पाठ करना, शनि मंत्रों का जाप करना और भगवान शनि की आराधना करना शामिल है। इन उपायों को करने से शनि ग्रह की स्थिति में सुधार होता है और जीवन में सकारात्मक परिणाम प्राप्त होते हैं। शनिवार के दिन विशेष रूप से काले वस्त्र, उड़द की दाल और तेल का दान करना लाभदायक होता है।
  • श्राद्ध उपाय - श्राद्ध तिथि पर सूर्योदय से दिन के 12 बजकर 24 मिनट तक श्राद्ध करना चाहिए। इसके लिए घर की सफाई करें, गंगाजल और गौमूत्र छिड़कें। साथ ही दक्षिण दिशा में मुंह रखकर तर्पण करें। घर के आंगन में रंगोली बनाएं, महिलाएं शुद्ध होकर पितरों के लिए भोजन बनाएं और श्रेष्ठ ब्राह्मण को निमंत्रित कर भोजन कराएं। पितरों के निमित्त अग्नि में गाय के दूध से बनी खीर अर्पण करें और पंचबलि निकालें। ब्राह्मण को भोजन कराने के बाद दक्षिणा और सामग्री दान करें, जिसमें गौ, भूमि, तिल, स्वर्ण आदि शामिल हैं। श्राद्ध में सफेद फूलों का उपयोग करें। दूध, गंगाजल, शहद, सफेद कपड़े, अभिजित मुहूर्त और तिल का विशेष महत्व है।

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