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25 October 2025 Panchang (25 अक्टूबर 2025 का पंचांग)

25 October 2025 Panchang (25 अक्टूबर 2025 का पंचांग)

25 October 2025 Ka Panchang: शुभ मुहूर्त, राहुकाल का समय, आज की तिथि और ग्रह

25 October 2025 Ka Panchang: आज 25 अक्टूबर 2025 से कार्तिक मास का 19वां दिन है। साथ ही आज पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि है, जो कि 03:48 ए एम, अक्टूबर 26 तक जारी रहेगी। इसके बाद पंचमी तिथि लग जाएगी। बता दें कि आज शनिवार का दिन है। इस दिन सूर्य देव तुला राशि में रहेंगे। वहीं चंद्रमा वृश्चिक राशि में रहेंगे। आपको बता दें, आज शनिवार के दिन अभिजीत मुहूर्त 11:42 ए एम से 12:27 पी एम तक है। इस दिन राहुकाल 09:17 ए एम से 10:41 ए एम तक रहेगा। आज नागुला चविथी और विनायक चतुर्थी है। साथ ही वार के हिसाब से आप शनिवार का व्रत रख सकते हैं, जो शनि देव को समर्पित होता है। आइए भक्त वत्सल के इस लेख में हम विस्तार से आपको आज के पंचांग के बारे में बताएंगे कि आज आपके लिए शुभ मुहूर्त क्या है। किस समय कार्य करने से शुभ परिणाम की प्राप्ति हो सकती है। साथ ही आज किन उपायों को करने से लाभ हो सकता है। 

25 अक्टूबर 2025 का पंचांग (25 October 2025 Ka Panchang)

  • तिथि - 03:48 ए एम, अक्टूबर 26 तक कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि। इसके बाद पंचमी तिथि लग जाएगी।
  • नक्षत्र - अनुराधा (07:51 ए एम तक) ज्येष्ठा
  • दिन/वार - शनिवार
  • योग - शोभन (पूर्ण रात्रि तक) 
  • करण - वणिज (02:34 पी एम तक) विष्टी (03:48 ए एम, अक्टूबर 26 तक) बव

कार्तिक शुक्ल पक्ष चतुर्थी तिथि प्रारंभ - 01:19 ए एम, अक्टूबर 25 से

कार्तिक शुक्ल पक्ष चतुर्थी तिथि समाप्त - 03:48 ए एम, अक्टूबर 26 तक

सूर्य-चंद्र गोचर (Surya-Chandra Gochar)

  • सूर्य - सूर्य देव तुला राशि में रहेंगे।
  • चंद्र - चंद्रमा वृश्चिक राशि में रहेंगे। 

सूर्य और चंद्रमा का मुहूर्त (Surya aur Chandrama Ka Muhurat)

  • सूर्योदय - 06:28 ए एम
  • सूर्यास्त - 05:42 पी एम
  • चन्द्रोदय - 09:50 ए एम
  • चन्द्रास्त - 07:58 पी एम

25 अक्टूबर 2025 का शुभ मुहूर्त और योग (25 October 2025 Ka Shubh Muhurat aur Yog)

  • ब्रह्म मुहूर्त - 04:46 ए एम से 05:37 ए एम
  • अभिजीत मुहूर्त - 11:42 ए एम से 12:27 पी एम
  • विजय मुहूर्त - 01:57 पी एम से 02:42 पी एम
  • गोधूलि मुहूर्त - 05:42 पी एम से 06:07 पी एम
  • संध्या मुहूर्त - 05:42 पी एम से 06:58 पी एम
  • अमृत काल - 12:54 ए एम, अक्टूबर 26 से 02:42 ए एम, अक्टूबर 26
  • रवि योग - 07:51 ए एम से 06:29 ए एम, अक्टूबर 26

25 अक्टूबर 2025 का अशुभ मुहूर्त (25 October 2025 ka Ashubh Muhurat)

  • राहु काल - 09:17 ए एम से 10:41 ए एम
  • गुलिक काल - 06:28 ए एम से 07:52 ए एम
  • यमगंड - 01:29 पी एम से 02:53 पी एम
  • वर्ज्य - 02:08 पी एम से 03:56 पी एम
  • विंछुड़ो - पूरे दिन
  • विडाल योग - 06:28 ए एम से 07:51 ए एम
  • भद्रा - 02:34 पी एम से 03:48 ए एम, अक्टूबर 26
  • दिशाशूल - पूर्व, इस दिशा में यात्रा करने से बचना चाहिए।

25 अक्टूबर 2025 पर्व/त्योहार/व्रत (25 October 2025 Parv / Tyohar / Vrat)

  • शनिवार का व्रत - आज आप शनिवार का व्रत रख सकते हैं, जो न्याय के देवता शनि देव को समर्पित है।
  • नागुला चविथी - नागुला चविथी पर्व दीपावली अमावस्या के चार दिन बाद कार्तिक मास में मनाया जाता है, जो नाग देवताओं की पूजा के लिए समर्पित है। यह पर्व मुख्यतः विवाहित स्त्रियों द्वारा अपने बच्चों की सुरक्षा और समृद्धि के लिए मनाया जाता है, विशेष रूप से आंध्र प्रदेश और कर्नाटक के कुछ हिस्सों में। इस दिन लोग जीवित सर्पों की पूजा करते हैं, जो नाग देवताओं के प्रतिनिधि माने जाते हैं। हिंदू धर्म में सर्पों को पूजनीय माना गया है, और नागुला चविथी पूजन में बारह विशिष्ट नागों की पूजा की जाती है। यह पूजा नाग देवताओं को प्रसन्न करने और उनका आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए की जाती है।
  • विनायक चतुर्थी - विनायक चतुर्थी हर महीने में दो बार आती है - शुक्ल पक्ष में विनायक चतुर्थी और कृष्ण पक्ष में संकष्टी चतुर्थी। भाद्रपद महीने में आने वाली विनायक चतुर्थी को गणेश चतुर्थी के रूप में मनाया जाता है, जो भगवान गणेश के जन्मदिन के रूप में प्रसिद्ध है। विनायक चतुर्थी को वरद विनायक को भी कहा जाता है, जिसमें भगवान गणेश से आशीर्वाद और मनोकामना की पूर्ति की कामना की जाती है। विनायक चतुर्थी का व्रत करने से भगवान गणेश ज्ञान और धैर्य का आशीर्वाद देते हैं, जो जीवन में उन्नति और मनवांछित फल प्राप्त करने में मदद करते हैं। इस दिन गणेश पूजा दोपहर के मध्याह्न काल में की जाती है, जो विनायक चतुर्थी के शुभ मुहूर्त के साथ निर्धारित होती है।

25 अक्टूबर 2025 के उपाय (25 October 2025 Ke Upay)

  • शनिवार के उपाय - मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए उन्हें सफेद और लाल रंग के फूल जैसे कमल या गुलाब अर्पित करना लाभदायक होता है। कुंडली में शुक्र को मजबूत करने के लिए शुक्रवार को श्वेत वस्त्र धारण करना। साथ ही चावल, आटा, दूध जैसी सफेद चीजों का दान करना मददगार होता है। आर्थिक तंगी से मुक्ति पाने के लिए मां लक्ष्मी की पूजा में चावल की खीर और श्रीफल अर्पित करना। साथ ही कमलगट्टे की माला से उनके नामों का जप करना भी लाभकारी होता है। लक्ष्मी वैभव व्रत करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है और सभी दुख दूर हो जाते हैं।
  • विनायक चतुर्थी पर करें ये उपाय - भगवान गणेश की पूजा में उन्हें 21 दूर्वा अर्पित करना अत्यंत शुभ माना जाता है, जिससे उनकी कृपा बनी रहती है। दूर्वा अर्पित करते समय 'श्री गणेशाय नमः दूर्वांकुरान् समर्पयामि' मंत्र का जाप करना चाहिए, जिससे जीवन की सभी बाधाएं दूर होती हैं। विनायक चतुर्थी की पूजा में गणेश जी को मोदक, बेसन के लड्डू या केले अर्पित करें। साथ ही सिंदूर, लाल फूल, नारियल, सुपारी, कलावा और जनेऊ चढ़ाना भी शुभ माना जाता है। इन भोगों और वस्तुओं से गणेश जी की पूजा करने से उनकी कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।

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