26 October 2025 Ka Panchang: शुभ मुहूर्त, राहुकाल का समय, आज की तिथि और ग्रह
26 October 2025 Ka Panchang: आज 26 अक्टूबर 2025 से कार्तिक मास का 20वां दिन है। साथ ही आज पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि है, जो कि 06:04 ए एम, अक्टूबर 27 तक जारी रहेगी। इसके बाद षष्ठी तिथि लग जाएगी। बता दें कि आज रविवार का दिन है। इस दिन सूर्य देव तुला राशि में रहेंगे। वहीं चंद्रमा 10:46 ए एम तक वृश्चिक राशि में रहेंगे। इसके बाद धनु राशि में गोचर करेंगे। आपको बता दें, आज रविवार के दिन अभिजीत मुहूर्त 11:42 ए एम से 12:27 पी एम तक है। इस दिन राहुकाल 04:17 पी एम से 05:41 पी एम तक रहेगा। आज लाभ पंचमी है। साथ ही वार के हिसाब से आप रविवार का व्रत रख सकते हैं, जो सूर्य देव को समर्पित होता है। आइए भक्त वत्सल के इस लेख में हम विस्तार से आपको आज के पंचांग के बारे में बताएंगे कि आज आपके लिए शुभ मुहूर्त क्या है। किस समय कार्य करने से शुभ परिणाम की प्राप्ति हो सकती है। साथ ही आज किन उपायों को करने से लाभ हो सकता है।
26 अक्टूबर 2025 का पंचांग (26 October 2025 Ka Panchang)
- तिथि - 06:04 ए एम, अक्टूबर 27 तक कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि। इसके बाद षष्ठी तिथि लग जाएगी।
- नक्षत्र - ज्येष्ठा (10:46 ए एम तक) मूल
- दिन/वार - रविवार
- योग - शोभन (06:46 ए एम तक) अतिगण्ड
- करण - बव (04:58 पी एम तक) बालव (06:04 ए एम, अक्टूबर 27 तक) कौलव
कार्तिक शुक्ल पक्ष पंचमी तिथि प्रारंभ - 03:48 ए एम, अक्टूबर 26
कार्तिक शुक्ल पक्ष पंचमी तिथि समाप्त - 06:04 ए एम, अक्टूबर 27 तक
सूर्य-चंद्र गोचर (Surya-Chandra Gochar)
- सूर्य - सूर्य देव तुला राशि में रहेंगे।
- चंद्र - चंद्रमा10:46 ए एम तक वृश्चिक राशि में रहेंगे। इसके बाद धनु राशि में गोचर करेंगे।
सूर्य और चंद्रमा का मुहूर्त (Surya aur Chandrama Ka Muhurat)
- सूर्योदय - 06:29 ए एम
- सूर्यास्त - 05:41 पी एम
- चन्द्रोदय - 10:44 ए एम
- चन्द्रास्त - 08:48 पी एम
26 अक्टूबर 2025 का शुभ मुहूर्त और योग (26 October 2025 Ka Shubh Muhurat aur Yog)
- ब्रह्म मुहूर्त - 04:47 ए एम से 05:38 ए एम
- अभिजीत मुहूर्त - 11:42 ए एम से 12:27 पी एम
- विजय मुहूर्त - 01:57 पी एम से 02:42 पी एम
- गोधूलि मुहूर्त - 05:41 पी एम से 06:06 पी एम
- संध्या मुहूर्त - 05:41 पी एम से 06:58 पी एम
- अमृत काल - 06:20 ए एम, अक्टूबर 27 से 08:07 ए एम, अक्टूबर 27
- रवि योग - 06:29 ए एम से 10:46 ए एम
- सर्वार्थ सिद्धि योग - 10:46 ए एम से 06:30 ए एम, अक्टूबर 27
26 अक्टूबर 2025 का अशुभ मुहूर्त (26 October 2025 ka Ashubh Muhurat)
- राहु काल - 04:17 पी एम से 05:41 पी एम
- गुलिक काल - 02:53 पी एम से 04:17 पी एम
- यमगंड - 12:05 पी एम से 01:29 पी एम
- वर्ज्य - 07:40 पी एम से 09:27 पी एम
- विंछुड़ो - 06:29 ए एम से 10:46 ए एम
- गण्ड मूल - पूरे दिन
- दिशाशूल - पश्चिम, इस दिशा में यात्रा करने से बचना चाहिए।
26 अक्टूबर 2025 पर्व/त्योहार/व्रत (20 October 2025 Parv / Tyohar / Vrat)
- रविवार का व्रत - आज आप रविवार का व्रत रख सकते हैं, जो सूर्य देव को समर्पित है।
- लाभ पंचमी - लाभ पंचमी को गुजरात में सौभाग्य पंचमी, ज्ञान पंचमी और लाभ पंचम भी कहा जाता है, जो लाभ और सौभाग्य से जुड़ा हुआ है। इस दिन को अत्यधिक शुभ माना जाता है और ये दिन दीवाली उत्सव का समापन होता है। लाभ पंचमी पर पूजा करने से जीवन में लाभ, व्यवसाय में अनुकूलता और परिवार में सौभाग्य की वृद्धि होती है। गुजरात में अधिकांश व्यवसायी इस दिन अपनी व्यावसायिक गतिविधियां पुनः आरंभ करते हैं और इसे गुजराती नववर्ष का पहला कार्य दिवस मानते हैं। इस अवसर पर नए खाता-बही का उद्घाटन किया जाता है, जिसमें बायीं ओर 'शुभ' और दायीं ओर 'लाभ' लिखकर साथ ही केंद्र में स्वस्तिक बनाकर शुभारंभ किया जाता है।
26 अक्टूबर 2025 के उपाय (26 October 2025 Ke Upay)
- रविवार के उपाय - रविवार के दिन सूर्य देव को प्रसन्न करने के लिए कई उपाय किए जा सकते हैं। आप सूर्य देव को अर्घ्य देते हुए 'ॐ सूर्याय नमः ॐ वासुदेवाय नमः ॐ आदित्य नमः' मंत्र का उच्चारण करें। लाल चंदन का तिलक लगाकर और लाल रंग का वस्त्र पहनकर घर से बाहर निकलने से कार्यों में सफलता मिलती है। घर के मुख्य दरवाजे के दोनों तरफ देसी घी का दिया जलाने से माता लक्ष्मी भी प्रसन्न होती हैं और घर में धन संपत्ति बढ़ती है। सूर्य देवता को गुड़, दूध, चावल और कपड़े का दान करने से सभी काम सफल होते हैं। इसके अलावा, बरगद के पेड़ का पत्ता लेकर अपनी मनोकामना लिखकर बहते जल में बहाने से मनोकामना पूरी होती है। साथ ही पीपल के पेड़ के नीचे आटे का चौमुखी दीपक जलाने से जीवन में सुख-समृद्धि और यश की प्राप्ति होती है।
- लाभ पंचमी पर करें ये उपाय - लाभ पंचमी के दिन कई शुभ कार्य किए जा सकते हैं जो धन और सौभाग्य में वृद्धि करते हैं। इस दिन चांदी या पीतल का कछुआ खरीदकर घर लाने से आर्थिक समृद्धि आती है। कारोबारी नए बहीखाते का उद्घाटन करते हुए बाईं ओर 'शुभ', दाईं ओर 'लाभ' लिखकर और केंद्र में स्वस्तिक बनाकर शुभारंभ करते हैं, जिससे कारोबार में मुनाफा होता है। इस दिन लक्ष्मी जी को खीर का भोग लगाकर 7 कन्याओं में बांटने से कारोबार में आ रही बाधाएं दूर होती हैं और लक्ष्मी जी का आशीर्वाद मिलता है। साथ ही पूजा स्थान और तिजोरी में हल्दी की गांठ और फूल रखने से घर में बरकत होती है। साथ ही आर्थिक स्थिति मजबूत होती है।
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