30 October 2025 Ka Panchang: शुभ मुहूर्त, राहुकाल का समय, आज की तिथि और ग्रह
30 October 2025 Ka Panchang: आज 30 अक्टूबर 2025 से कार्तिक मास का 23वां दिन है। साथ ही आज पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि है, जो कि10:06 ए एम तक जारी रहेगी। इसके बाद नवमी तिथि लग जाएगी। बता दें कि आज गुरूवार का दिन है। इस दिन सूर्य देव तुला राशि में रहेंगे। वहीं चंद्रमा मकर राशि में रहेंगे। आपको बता दें, आज गुरूवार के दिन अभिजीत मुहूर्त 11:42 ए एम से 12:27 पी एम बजे तक है। इस दिन राहुकाल 01:28 पी एम से 02:51 पी एम रहेगा। आज गोपाष्टमी और मासिक दुर्गाष्टमी है। साथ ही वार के हिसाब से आप गुरूवार का व्रत रख सकते हैं, जो भगवान विष्णु को समर्पित होता है। आइए भक्त वत्सल के इस लेख में हम विस्तार से आपको आज के पंचांग के बारे में बताएंगे कि आज आपके लिए शुभ मुहूर्त क्या है। किस समय कार्य करने से शुभ परिणाम की प्राप्ति हो सकती है। साथ ही आज किन उपायों को करने से लाभ हो सकता है।
30 अक्टूबर 2025 का पंचांग (30 October 2025 Ka Panchang)
- तिथि - 10:06 ए एम तक कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि। इसके बाद नवमी तिथि लग जाएगी।
- नक्षत्र - श्रवण (06:33 पी एम तक) धनिष्ठा
- दिन/वार - गुरूवार
- योग - शूल (07:21 ए एम तक) गण्ड (06:16 ए एम, अक्टूबर 31 तक)
- करण - बव (10:06 ए एम तक) बालव (10:10 पी एम तक) कौलव
कार्तिक शुक्ल पक्ष अष्टमी तिथि प्रारंभ - 09:23 ए एम, अक्टूबर 29
कार्तिक शुक्ल पक्ष अष्टमी तिथि समाप्त - 10:06 ए एम तक, अक्टूबर 30
सूर्य-चंद्र गोचर (Surya-Chandra Gochar)
- सूर्य - सूर्य देव तुला राशि में रहेंगे।
- चंद्र - चंद्रमा मकर राशि में रहेंगे।
सूर्य और चंद्रमा का मुहूर्त (Surya aur Chandrama Ka Muhurat)
सूर्योदय - 06:32 ए एम
सूर्यास्त - 05:37 पी एम
चन्द्रोदय - 01:42 पी एम
चन्द्रास्त - 12:42 ए एम, अक्टूबर 31
30 अक्टूबर 2025 का शुभ मुहूर्त और योग (30 October 2025 Ka Shubh Muhurat aur Yog)
- ब्रह्म मुहूर्त - 04:48 ए एम से 05:40 ए एम
- अभिजीत मुहूर्त - 11:42 ए एम से 12:27 पी एम
- विजय मुहूर्त - 01:55 पी एम से 02:40 पी एम
- गोधूलि मुहूर्त - 05:37 पी एम से 06:03 पी एम
- संध्या मुहूर्त - 05:37 पी एम से 06:55 पी एम
- अमृत काल - 07:42 ए एम से 09:22 ए एम
- रवि योग - 06:33 पी एम से 06:32 ए एम, अक्टूबर 31
30 अक्टूबर 2025 का अशुभ मुहूर्त (30 October 2025 ka Ashubh Muhurat)
- राहु काल - 01:28 पी एम से 02:51 पी एम
- गुलिक काल - 09:18 ए एम से 10:41 ए एम
- यमगंड - 06:32 ए एम से 07:55 ए एम
- वर्ज्य - 10:36 पी एम से 12:13 ए एम, अक्टूबर 31
- आडल योग - 06:32 ए एम से 06:33 पी एम
- विडाल योग - 06:33 पी एम से 06:32 ए एम, अक्टूबर 31
- दिशाशूल - दक्षिण, इस दिशा में यात्रा करने से बचना चाहिए।
30 अक्टूबर 2025 पर्व/त्योहार/व्रत (30 October 2025 Parv / Tyohar / Vrat)
- गुरूवार का व्रत - आज आप गुरूवार का व्रत रख सकते हैं, जो भगवान विष्णु को समर्पित है।
- गोपाष्टमी - गोपाष्टमी का त्योहार कार्तिक शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है, जो मथुरा, वृन्दावन और ब्रज क्षेत्र में विशेष रूप से प्रसिद्ध है। इस दिन भगवान कृष्ण ने इन्द्र के प्रकोप से ब्रजवासियों को बचाने के लिए गोवर्धन पर्वत को अपनी छोटी ऊँगली पर उठाया था। गोपाष्टमी के दिन इन्द्र देव ने अपनी पराजय स्वीकार की थी। इस त्योहार पर गायों और उनके बछड़ों को सजाकर उनकी पूजा की जाती है, जो गायों के प्रति सम्मान और आभार का प्रतीक है। महाराष्ट्र में इसे गोवत्स द्वादशी के रूप में मनाया जाता है। गोपाष्टमी का पर्व गायों के महत्व और उनकी पूजा की परंपरा को दर्शाता है।
- मासिक दुर्गाष्टमी - हर महीने के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि पर दुर्गाष्टमी का उपवास किया जाता है, जिसमें श्रद्धालु दुर्गा माता की पूजा करते हैं और पूरे दिन का व्रत रखते हैं। मुख्य दुर्गाष्टमी, जिसे महाष्टमी कहते हैं, आश्विन माह के शारदीय नवरात्रि उत्सव के दौरान पड़ती है। इस दिन को दुर्गा अष्टमी भी कहा जाता है और मासिक दुर्गाष्टमी को मास दुर्गाष्टमी के नाम से भी जाना जाता है। इस व्रत और पूजा से भक्त दुर्गा माता की कृपा प्राप्त करते हैं और अपने जीवन में सुख-शांति और शक्ति की कामना करते हैं।
30 अक्टूबर 2025 के उपाय (30 October 2025 Ke Upay)
- गुरूवार के उपाय - गुरुवार के दिन दूध में केसर या हल्दी मिलाकर पीने से कुंडली में गुरु की स्थिति मजबूत होती है और जीवन में सकारात्मकता बनी रहती है। इस दिन शिवजी का अभिषेक करने और घर के मुख्य द्वार पर जल में हल्दी और गंगाजल मिलाकर छिड़काव करने से नकारात्मकता दूर होती है। साथ ही सुख-समृद्धि आती है। 'ॐ क्लीं बृहस्पतये नम:' मंत्र का 108 बार जाप करने से बृहस्पति देव की कृपा प्राप्त होती है और गुरु दोष से राहत मिलती है। भगवान विष्णु की पूजा और विष्णु स्तोत्र या सहस्रनाम का पाठ करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं और जीवन में सुख-समृद्धि आती है। इसके अलावा गाय को चने की दाल और गुड़ खिलाने से भी गुरु मजबूत होता है और जरूरी कार्यों में सफलता मिलती है।
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