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31 October 2025 Panchang (31 अक्टूबर 2025 का पंचांग)

31 October 2025 Panchang (31 अक्टूबर 2025 का पंचांग)

31 October 2025 Ka Panchang: शुभ मुहूर्त, राहुकाल का समय, आज की तिथि और ग्रह

31 October 2025 Ka Panchang: आज 31 अक्टूबर 2025 से कार्तिक मास का 24वां दिन है। साथ ही आज पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि है, जो कि10:03 ए एम तक जारी रहेगी। इसके बाद दशमी तिथि लग जाएगी। बता दें कि आज शुक्रवार का दिन है। इस दिन सूर्य देव तुला राशि में रहेंगे। वहीं चंद्रमा 06:48 ए एम तक मकर राशि में रहेंगे। इसके बाद कुंभ राशि में गोचर करेंगे। आपको बता दें, आज शुक्रवार के दिन अभिजीत मुहूर्त 11:42 ए एम से 12:27 पी एम बजे तक है। इस दिन राहुकाल 10:41 ए एम से 12:04 पी एम तक रहेगा। आज अक्षय नवमी और जगद्धात्री पूजा है। साथ ही वार के हिसाब से आप शुक्रवार का व्रत रख सकते हैं, जो माता लक्ष्मी को समर्पित होता है। आइए भक्त वत्सल के इस लेख में हम विस्तार से आपको आज के पंचांग के बारे में बताएंगे कि आज आपके लिए शुभ मुहूर्त क्या है। किस समय कार्य करने से शुभ परिणाम की प्राप्ति हो सकती है। साथ ही आज किन उपायों को करने से लाभ हो सकता है। 

31 अक्टूबर 2025 का पंचांग (31 October 2025 Ka Panchang)

  • तिथि - 10:03 ए एम तक कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि। इसके बाद दशमी तिथि लग जाएगी।
  • नक्षत्र - धनिष्ठा (06:51 पी एम तक) शतभिषा
  • दिन/वार - शुक्रवार
  • योग - वृद्धि (04:32 ए एम, नवम्बर 01 तक) ध्रुव 
  • करण - कौलव (10:03 ए एम तक) तैतिल (09:43 पी एम तक) गर

कार्तिक शुक्ल पक्ष नवमी तिथि प्रारंभ - 10:06 ए एम , अक्टूबर 30

कार्तिक शुक्ल पक्ष नवमी तिथि समाप्त - 10:03 ए एम तक , अक्टूबर 31

सूर्य-चंद्र गोचर (Surya-Chandra Gochar)

  • सूर्य - सूर्य देव तुला राशि में रहेंगे।
  • चंद्र - चंद्रमा 06:48 ए एम तक मकर राशि में रहेंगे। इसके बाद कुंभ राशि में गोचर करेंगे।

सूर्य और चंद्रमा का मुहूर्त (Surya aur Chandrama Ka Muhurat)

  • सूर्योदय - 06:32 ए एम
  • सूर्यास्त - 05:37 पी एम
  • चन्द्रोदय - 02:16 पी एम
  • चन्द्रास्त - 01:44 ए एम, नवम्बर 01

31 अक्टूबर 2025 का शुभ मुहूर्त और योग (31 October 2025 Ka Shubh Muhurat aur Yog)

  • ब्रह्म मुहूर्त - 04:49 ए एम से 05:41 ए एम
  • अभिजीत मुहूर्त - 11:42 ए एम से 12:27 पी एम
  • विजय मुहूर्त - 01:55 पी एम से 02:39 पी एम
  • गोधूलि मुहूर्त - 05:37 पी एम से 06:03 पी एम
  • संध्या मुहूर्त - 05:37 पी एम से 06:54 पी एम
  • अमृत काल - 08:19 ए एम से 09:56 ए एम
  • रवि योग - पूरे दिन

31अक्टूबर 2025 का अशुभ मुहूर्त (31 October 2025 ka Ashubh Muhurat)

  • राहु काल - 10:41 ए एम से 12:04 पी एम
  • गुलिक काल - 07:55 ए एम से 09:18 ए एम
  • यमगंड - 02:51 पी एम से 04:14 पी एम
  • वर्ज्य - 01:54 ए एम, नवम्बर 01 से 03:28 ए एम, नवम्बर 01
  • पंचक - 06:48 ए एम से 06:33 ए एम, नवम्बर 01
  • विडाल योग - 06:32 ए एम से 06:51 पी एम
  • दिशाशूल - पश्चिम, इस दिशा में यात्रा करने से बचना चाहिए।

31 अक्टूबर 2025 पर्व/त्योहार/व्रत (31 October 2025 Parv / Tyohar / Vrat)

  • शुक्रवार का व्रत - आज आप शुक्रवार का व्रत रख सकते हैं, जो माता लक्ष्मी को समर्पित है।
  • अक्षय नवमी - अक्षय नवमी कार्तिक शुक्ल नवमी को मनाया जाता है, जो देवउठनी एकादशी से दो दिन पहले आता है। ऐसा माना जाता है कि इसी दिन सत्ययुग का आरंभ हुआ था, इसलिए इसे सत्य युगादि भी कहा जाता है। इस दिन दान-पुण्य के कार्यों का अत्यधिक महत्व है, क्योंकि इसका पुण्यफल कभी कम नहीं होता और अगले जन्मों में भी प्राप्त होता है। अक्षय नवमी का महत्व अक्षय तृतीया के समान है, जो त्रेतायुग का आरंभ है। इस दिन मथुरा-वृन्दावन की परिक्रमा करना विशेष रूप से पुण्यदायी माना जाता है। अक्षय नवमी को आंवला नवमी भी कहा जाता है, जिसमें आंवले के वृक्ष की पूजा की जाती है। पश्चिम बंगाल में इसे जगद्धात्री पूजा के रूप में मनाया जाता है, जिसमें सत्ता की देवी जगद्धात्री की पूजा की जाती है।
  • जगद्धात्री पूजा - कार्तिक शुक्ल पक्ष नवमी को देवी जगद्धात्री की पूजा की जाती है, जो मां दुर्गा का एक रूप हैं। उनकी पूजा विशेष रूप से पश्चिम बंगाल, बिहार और अन्य पूर्वी क्षेत्रों में बड़े उत्साह से की जाती है। देवी जगद्धात्री का अर्थ है "जगत की माता" या "संसार का पालन करने वाली"। उन्हें इस सृष्टि का पालन करने वाली देवी के रूप में पूजा जाता है। उनका स्वरूप शान्त, उदार और सशक्त है। साथ ही उन्हें सिंह पर आरूढ़, लाल वस्त्रों में, शंख, चक्र, धनुष और बाण धारण किए हुए दर्शाया जाता है। देवी जगद्धात्री की उपासना भारत के पूर्वी भागों में बहुत प्रचलित है और उनकी पूजा से भक्तों को शक्ति और समृद्धि की प्राप्ति होती है।

31 अक्टूबर 2025 के उपाय (31 October 2025 Ke Upay)

  • शुक्रवार के उपाय - मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए उन्हें सफेद और लाल रंग के फूल जैसे कमल या गुलाब अर्पित करना लाभदायक होता है। कुंडली में शुक्र को मजबूत करने के लिए शुक्रवार को श्वेत वस्त्र धारण करना और चावल, आटा, दूध जैसी सफेद चीजों का दान करना मददगार होता है। आर्थिक तंगी से मुक्ति पाने के लिए मां लक्ष्मी की पूजा में चावल की खीर और श्रीफल अर्पित करना और कमलगट्टे की माला से उनके नामों का जप करना भी लाभकारी होता है। लक्ष्मी वैभव व्रत करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है और सभी दुख दूर हो जाते हैं।

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