Logo

4 September 2025 panchang (4 सितंबर 2025 का पंचांग)

4 September 2025 panchang (4 सितंबर 2025 का पंचांग)

Aaj Ka Panchang: आज 4 सितंबर 2025 का शुभ मुहूर्त, राहुकाल का समय, आज की तिथि और ग्रह

Aaj Ka Panchang 4 September 2025: आज 4 सितंबर 2025 को भाद्रपद मास का 27वां दिन है। साथ ही आज पंचांग के अनुसार, भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष तिथि द्वादशी है, जो कि 04:08 ए एम, सितम्बर 05 तक जारी रहेगी। इसके बाद शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि लग जाएगी। बता दें कि आज गुरूवार का दिन है। इस दिन सूर्य देव सिंह राशि में रहेंगे। वहीं चंद्रमा मकर राशि में रहेंगे। आपको बता दें, आज गुरूवार के दिन अभिजीत मुहूर्त 11:55 ए एम से 12:45 पी एम बजे तक है। इस दिन राहुकाल 01:55 पी एम से 03:29 पी एम बजे तक रहेगा। आज वामन जयंती, भुवनेश्वरी जयंती और कल्की द्वादशी है। साथ ही वार के हिसाब से आप गुरूवार का व्रत रख सकते हैं, जो भगवान विष्णु को समर्पित होता है। आइए भक्त वत्सल के इस लेख में हम विस्तार से आपको आज के पंचांग के बारे में बताएंगे कि आज आपके लिए शुभ मुहूर्त क्या है। किस समय कार्य करने से शुभ परिणाम की प्राप्ति हो सकती है। साथ ही आज किन उपायों को करने से लाभ हो सकता है। 

आज का पंचांग 4 सितंबर 2025

  • तिथि - 04:08 ए एम, सितम्बर 05 तक शुक्ल एकादशी। इसके बाद शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि लग जाएगी।
  • नक्षत्र - उत्तराषाढ़ा (11:44 पी एम तक) श्रवण
  • दिन/वार - गुरूवार
  • योग - सौभाग्य (03:22 पी एम तक) शोभन
  • करण - बव (04:20 पी एम तक) बालव (04:08 ए एम, सितम्बर 05 तक) कौलव

भाद्रपद शुक्ल पक्ष द्वादशी तिथि प्रारंभ - 04:21 ए एम, सितम्बर 04 तक

भाद्रपद शुक्ल पक्ष द्वादशी तिथि समाप्त - 04:08 ए एम, सितम्बर 05 तक

सूर्य-चंद्र गोचर

  • सूर्य - सूर्य देव सिंह राशि में रहेंगे।
  • चंद्र - चंद्रमा मकर राशि में रहेंगे।

सूर्य और चंद्रमा का मुहूर्त

  • सूर्योदय - 06:01 ए एम
  • सूर्यास्त - 06:39 पी एम
  • चन्द्रोदय - 04:36 पी एम
  • चन्द्रास्त - 03:10 ए एम, सितम्बर 05

आज का शुभ मुहूर्त और योग 4 सितंबर 2025

  • ब्रह्म मुहूर्त - 04:30 ए एम से 05:15 ए एम
  • अभिजीत मुहूर्त - 11:55 ए एम से 12:45 पी एम
  • विजय मुहूर्त - 02:26 पी एम से 03:17 पी एम
  • गोधूलि मुहूर्त - 06:39 पी एम से 07:02 पी एम
  • संध्या मुहूर्त - 06:39 पी एम से 07:47 पी एम
  • अमृत काल - 05:10 पी एम से 06:49 पी एम

आज का अशुभ मुहूर्त 4 सितंबर 2025

  • राहु काल - 01:55 पी एम से 03:29 पी एम
  • गुलिक काल - 09:10 ए एम से 10:45 ए एम
  • यमगंड - 06:01 ए एम से 07:35 ए एम
  • वर्ज्य - 07:20 ए एम से 08:58 ए एम
  • विडाल योग - 01:20 ए एम, सितम्बर 05 से 06:01 ए एम, सितम्बर 05
  • दिशाशूल - दक्षिण, इस दिशा में यात्रा करने से बचना चाहिए।

4 सितंबर 2025 पर्व/त्योहार/व्रत

  • गुरूवार का व्रत- आज आप गुरूवार का व्रत रख सकते हैं, जो भगवान विष्णु को समर्पित है। 
  • वामन जयंती - वामन जयंती भगवान विष्णु के वामन अवतार के जन्मदिवस के रूप में मनाई जाती है, जो भाद्रपद शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को पड़ती है। भगवान विष्णु के दशावतार में से पांचवें अवतार वामन थे, जो त्रेता युग के पहले अवतार भी थे। वामन अवतार से पहले भगवान विष्णु के चार अवतार पशु रूप में थे - मत्स्य, कूर्म, वराह और नृसिंह। वामन अवतार मानव रूप में भगवान विष्णु का पहला अवतार था। इस अवतार में भगवान विष्णु ने माता अदिति और ऋषि कश्यप के पुत्र के रूप में जन्म लिया था, जो भाद्रपद माह की शुक्ल पक्ष द्वादशी को श्रवण नक्षत्र में अभिजित मुहूर्त में हुआ था।
  • भुवनेश्वरी जयंती - भाद्रपद शुक्ल द्वादशी के दिन भुवनेश्वरी जयंती मनाई जाती है, जो दस महाविद्याओं में से चतुर्थ महाविद्या हैं। देवी भुवनेश्वरी भुवनेश्वर रूद्र की शक्ति के रूप में वर्णित की गई हैं और अपने भक्तों को अभय और विभिन्न सिद्धियां प्रदान करती हैं। गृहस्थजन सन्तान प्राप्ति की कामना से देवी भुवनेश्वरी की आराधना करते हैं। देवी पुराण के अनुसार, मूल प्रकृति स्वयं देवी भुवनेश्वरी के रूप में विद्यमान हैं और उन्हें वामा, ज्येष्ठा, रौद्री आदि नामों से भी जाना जाता है। देवी भुवनेश्वरी सम्पूर्ण सृष्टि की अधिष्ठात्री हैं और अपने भक्तों को सन्तान, धन, ज्ञान और सौभाग्य प्रदान करती हैं। वह मणिद्वीप पर निवास करती हैं और महानिर्वाण तन्त्र के अनुसार, समस्त महाविद्यायें उनकी सेवा में तत्पर रहती हैं।

4 सितंबर 2025/आज के उपाय 

  • गुरूवार के उपाय - गुरुवार के दिन किए गए कुछ सरल उपाय आपके जीवन में सुख, समृद्धि और गुरु कृपा बढ़ाने में सहायक हो सकते हैं। इस दिन पीले वस्त्र पहनें और भगवान विष्णु व बृहस्पति देव की पूजा करें। पीले फूल, चने की दाल और केले का भोग अर्पित करें। केले के पेड़ को जल चढ़ाएं और बृहस्पति मंत्र "ॐ बृं बृहस्पतये नमः" का जाप करें। अगर विवाह में देरी हो रही है तो गुरुवार को व्रत रखें और लक्ष्मी नारायण की पूजा करें। किसी गरीब ब्राह्मण को पीली चीजों का दान करना भी बहुत शुभ फल देता है।
  • वामन जयंती उपाय - वामन जयंती के दिन भगवान विष्णु के वामन रूप की पूजा करने से कई लाभ प्राप्त होते हैं। इस दिन पूजा करने से मनुष्य के अंदर से अहंकार की भावना खत्म हो जाती है और आत्मबल में वृद्धि होती है, जिससे हर क्षेत्र में सफलता मिलती है। इसके अलावा, वामन द्वादशी के दिन भगवान वामन की पूजा करने से बुरे कर्मों से छुटकारा मिल सकता है और जीवन में सकारात्मकता आती है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से भक्तों को शांति, सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है।
  • भुवनेश्वरी जयंती उपाय - भुवनेश्वरी जयंती के दिन देवी भुवनेश्वरी की पूजा करने के लिए स्नान आदि से निवृत्त होकर उनके आसन को सजाएं और पंचामृत से स्नान कराएं। देवी को पुष्प, रुद्राक्ष की माला, फल और मिष्ठान का भोग लगाएं। लाल वस्त्र, लाल चंदन, रुद्राक्ष की माला और लाल पुष्प चढ़ाने से देवी प्रसन्न होती हैं और इच्छित वरदान देती हैं। इस दिन कन्या पूजन और गौ सेवा करना विशेष फलदायक है। संध्या के समय दीपदान और रात्रि में देवी के मंत्रों का उच्चारण और पाठ करना भी लाभकारी होता है। इन उपायों को करने से घर में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहती है।

........................................................................................................

... Read More

HomeBook PoojaBook PoojaChadhavaChadhavaKundliKundliPanchangPanchang