देवउठनी एकादशी व्रत के नियम और महत्व

Dev Uthani Ekadashi Vrat 2024: कब रखा जाएगा देवउठनी एकादशी का व्रत? जानें इससे जुड़े नियम और महत्व


सनातन धर्म में एकादशी का बहुत महत्व है, लेकिन कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि पर विशेष रूप से भगवान की कृपा प्राप्त होती है। धार्मिक मान्यता है कि इस एकादशी पर भगवान विष्णु चार महीने की योग निद्रा से जागते हैं जिसे देवोत्थानी एकादशी भी कहा जाता है। इस दिन से शुभ और मांगलिक कार्य शुरू होते हैं। इस शुभ तिथि पर साधक व्रत करते हैं और विधिपूर्वक भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना करते हैं। साथ ही विशेष चीजों का दान करते हैं। मान्यता है कि इस एकादशी व्रत को करने से जातक को सभी तरह के पापों से छुटकारा मिलता है। साथ ही शुभ फल की प्राप्ति होती है। लेकिन इस साल यानी 2024 में देवउठनी एकादशी व्रत की तारीख को लेकर संशय बना हुआ है कि आखिर किस तारीख पर एकादशी का व्रत रखा जाएगा। तो चलिए संशय को दूर करते हैं और जानते हैं कि 2024 में देवउठनी एकादशी का व्रत कब रखा जाएगा? साथ ही जानेंगे इससे जुड़े नियम, महत्व, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में। 


देवउठनी एकादशी व्रत 2024 कब रखा जाएगा?


पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को देवउठनी एकादशी मनाई जाती है। इस साल यानी 2024 देव प्रबोधिनी एकादशी तिथि की शुरुआत 11 नवंबर को संध्याकाल 06 बजकर 46 मिनट पर होगी जो 12 नवंबर को संध्याकाल 04 बजकर 04 मिनट तक जारी रहेगी। ऐसे में उदया तिथि के नियमानुसार  12 नवंबर को देवउठनी एकादशी का त्योहार मनाया जाएगा और इसी दिन व्रत भी रखा जाएगा। देवउठनी एकादशी व्रत का पारण 13 नवंबर को द्वादशी तिथि में सुबह 9 बजकर 30 मिनट तक कर लेना उत्तम रहेगा।

 

देवउठनी एकादशी व्रत 2024 पारण और पूजा शुभ मुहूर्त


देवउठनी एकादशी के दिन व्रती भगवान विष्णु की पूजा सुबह 6 बजकर 42 मिनट से कर सकते हैं। इसके अलावा 7 बजकर 52 बजे से सर्वार्थ सिद्धि योग में पूजा करना और भी फलदायी होगा। देवउठनी एकादशी पर ब्रह्म मुहूर्त प्रात:काल 4 बजकर 56 मिनट से 5 बजकर 49 मिनट तक है। वहीं, शुभ मुहूर्त या अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 44 मिनट से दोपहर 12 बजकर 27 मिनट तक है। वहीं, व्रत का पारण सुबह 6 बजकर 42 मिनट से सुबह 8 बजकर 51 मिनट तक किया करना शुभ रहेगा। 


देवउठनी एकादशी व्रत की पूजा विधि


1. देवउठनी एकादशी के दिन ब्रह्ममुहूर्त उठकर स्‍नान करके साफ कपड़े पहनें। 

2. इसके बाद पूजाघर को गंगाजल छिड़ककर पवित्र कर लें।

3. इसके बाद विष्णु भगवान का ध्‍यान करते हुए व्रत करने का संकल्‍प लें। 

4. इस दिन घर की ठीक से सफाई करें और आंगन में या फिर पूजाघर के बाहर भगवान के चरणों की आकृति बना लें।

5. घर में ओखली पर गेरू से भगवान विष्णु का चित्र बना लें।

6. इस चित्र पर मिठाई, फल, सिंघाड़े, गन्ना और आंवला अर्पित करें और भगवान विष्‍णु की पूजा करें। 

7. आरती करके पूजा संपन्‍न करें और प्रसाद को वितरित करें। 


देवउठनी एकादशी व्रत के नियम


1. व्रत के दिन सुबह स्नान करें और साफ कपड़े पहनें।

2. भगवान विष्णु की पूजा करें।

3. व्रत के दिन केवल फल और जल ग्रहण करें।

4. रात में भगवान विष्णु की पूजा करें और आरती करें।

5. अगले दिन व्रत खोलें और दान करें।

6. व्रत के दिन भगवान विष्णु की कथा सुनें।

7. व्रत के दिन भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप करें।

8. पूजा में तुलसी पत्र शामिल करना न भूलें। 


इन मंत्रों का करें जप


ॐ नारायणाय विद्महे वासुदेवाय धीमहि तन्नो विष्णु प्रचोदयात्
श्रीकृष्ण गोविन्द हरे मुरारे।
हे नाथ नारायण वासुदेवाय।।
विष्णु के पंचरूप मंत्र -
ॐ अं वासुदेवाय नम:।।
ॐ आं संकर्षणाय नम:।।
ॐ अं प्रद्युम्नाय नम:।।
ॐ अ: अनिरुद्धाय नम:।।
ॐ नारायणाय नम:।।
ॐ ह्रीं कार्तविर्यार्जुनो नाम राजा बाहु सहस्त्रवान। यस्य स्मरेण मात्रेण ह्रतं नष्‍टं च लभ्यते।।


देवउठनी एकादशी व्रत करने से लाभ 


1. भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है।

2. विवाह और संतान की कामना पूरी होती है।

3. सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है।

4. पापों से मुक्ति मिलती है।

5. मोक्ष की प्राप्ति होती है।

6. आध्यात्मिक उन्नति होती है।

 

देवउठनी एकादशी व्रत का महत्व 


देवउठनी एकादशी व्रत करने से भगवान विष्णु की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त होते हैं, जो जीवन में सुख, समृद्धि और आध्यात्मिक उन्नति के लिए आवश्यक हैं। इसके अलावा


  1.  भगवान विष्णु की कृपा: देवउठनी एकादशी व्रत करने से भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है।
  2.  विवाह और संतान: देवउठनी एकादशी व्रत करने से विवाह और संतान प्राप्ति की कामना पूरी होती है।
  3.  सुख और समृद्धि: देवउठनी एकादशी व्रत करने से सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है।
  4.  पापों की क्षमा: देवउठनी एकादशी व्रत करने से पापों की क्षमा होती है।
  5.  मोक्ष की प्राप्ति: देवउठनी एकादशी व्रत करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है।
  6.  आध्यात्मिक उन्नति: देवउठनी एकादशी व्रत करने से आध्यात्मिक उन्नति होती है।
  7.  भगवान विष्णु के आशीर्वाद: देवउठनी एकादशी व्रत करने से भगवान विष्णु के आशीर्वाद प्राप्त होते हैं।


देवउठनी एकादशी व्रत कथा


देवउठनी एकादशी पर व्रत रखने के साथ ही इसकी कथा सुनने और पढ़ने का भी बहुत महत्व है। आप इस लिंक पर क्लिक करके देवउठनी एकादशी व्रत कथा पढ़ सकते हैं। 

डिसक्लेमर

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