Chhath Puja Vidhi 2025: छठ पूजा हिंदू धर्म का अत्यंत पवित्र पर्व है, जो मुख्य रूप से बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश और नेपाल के कुछ क्षेत्रों में मनाया जाता है। यह पर्व कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि पर की जाती है। कई बार ऐसा होता है कि व्रती किसी कारणवश घाट नहीं जा पाते। ऐसे में वे घर पर भी पूरे नियम और श्रद्धा से छठ पूजा कर सकते हैं। घर पर छठ पूजा करने के लिए व्रती को स्वच्छता, पवित्रता और नियमों का विशेष ध्यान रखना चाहिए। आइए जानते हैं उन खास नियमों के बारे में।
घर पर छठ पूजा करने के लिए एक साफ जगह चुनें, फिर एक पानी के टब का उपयोग करें या छोटा कृत्रिम घाट बनाने के लिए मिट्टी खोदें। इसके बाद घाट के सभी कोनों पर केला के पेड़ लगाएं और आम की पत्तियों का उपयोग करके उस स्थान को घाट की तरह सजाएं।
संध्या अर्घ्य छठ पूजा का सबसे महत्वपूर्ण भाग होता है। घर पर बने घाट में पश्चिम दिशा की ओर मुख करके डूबते सूर्य को अर्घ्य देना चाहिए। तांबे के लोटे में दूध और जल मिलाकर सूर्य देव को अर्पित करें। इस दौरान व्रती ‘ॐ सूर्याय नमः’ या ‘ॐ अधिज्योतिषे नमः’ मंत्र का जाप करें। अर्घ्य के साथ सूप में रखे प्रसाद को उठाकर सूर्य देव को अर्पित किया जाता है। साथ ही, परिवार के अन्य सदस्य भी हाथ जोड़कर सूर्य देव से सुख-समृद्धि की प्रार्थना करते हैं।
उषा अर्घ्य यानी उगते सूर्य को अर्घ्य देने का विशेष महत्व होता है। यह पूजा व्रती के तप, संयम और श्रद्धा का प्रतीक है। प्रातःकाल, जब सूर्य की पहली किरण जल पर पड़ती है, तब व्रती पुनः तांबे के लोटे में दूध-जल मिलाकर सूर्य देव को अर्घ्य अर्पित करते हैं। इस समय परिवार के सभी सदस्य व्रती के साथ होते हैं और सूर्य देव से स्वास्थ्य, समृद्धि और परिवार की रक्षा की प्रार्थना करते हैं। अर्घ्य के बाद व्रती पूजा स्थल की साफ-सफाई करते हैं और प्रसाद ग्रहण करके व्रत का पारण करते हैं।