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नवरात्रि में कन्या पूजन की कथा

नवरात्रि में कन्या पूजन की कथा

Navratri Kanya Pujan Katha: नवरात्रि में कन्या पूजन क्यों किया जाता है, जानें इससे जुड़ी कथा और महत्व

नवरात्रि में कन्या पूजन केवल धार्मिक परंपरा ही नहीं बल्कि देवी शक्ति के सम्मान का प्रतीक है। यह हमें यह संदेश देता है कि समाज में स्त्रियों और कन्याओं का स्थान सर्वोपरि है। इंद्रदेव की कथा इस परंपरा की गहराई को स्पष्ट करती है कि कैसे कन्याओं का पूजन कर मां दुर्गा की कृपा प्राप्त की जा सकती है।

कन्या पूजन से जुड़ी पौराणिक कथा

पुराणों के अनुसार, एक बार इंद्रदेव माता दुर्गा को प्रसन्न करना चाहते थे। इसके लिए वे ब्रह्माजी के पास पहुंचे और उपाय पूछा। तब ब्रह्माजी ने बताया कि देवी को प्रसन्न करने का श्रेष्ठ मार्ग कन्या पूजन है। ब्रह्माजी ने समझाया कि कन्याएं स्वयं देवी का स्वरूप मानी जाती हैं। अतः उनका आदर-सत्कार करने से माता दुर्गा प्रसन्न होकर आशीर्वाद देती हैं।

 ब्रह्माजी की सलाह मानकर इंद्रदेव ने नवरात्रि के दौरान कुंवारी कन्याओं को आमंत्रित किया, उनके चरण धोए, भोजन कराया और उनका पूजन किया। उनके सेवा भाव और श्रद्धा से प्रसन्न होकर मां दुर्गा ने इंद्रदेव को आशीर्वाद दिया। कहा जाता है कि तभी से नवरात्रि में कन्या पूजन की परंपरा शुरू हुई।

कन्या पूजन का महत्व

नवरात्रि के नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की आराधना की जाती है। इसी कारण कन्या पूजन में प्रायः नौ कन्याओं को बुलाने की परंपरा है। ये नौ कन्याएं मां के नौ रूपों का प्रतिनिधित्व करती हैं। इनके साथ एक बटुक को भी बुलाना चाहिए, जिसे भगवान भैरव का प्रतीक माना जाता है।

 मान्यता है कि कन्या पूजन से मां दुर्गा का आशीर्वाद प्राप्त होता है और घर-परिवार में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहती है। धार्मिक दृष्टि से यह अनुष्ठान न केवल पुण्य प्रदान करता है बल्कि आत्मिक और आध्यात्मिक विकास में भी सहायक होता है।

कैसे करें कन्या पूजन?

  • कन्या पूजन के लिए 1 से 10 वर्ष तक की कन्याओं को ही आमंत्रित करना चाहिए।
  • सबसे पहले उनके पैर धोकर स्वच्छ आसन पर बैठाएं।
  • उन्हें कुमकुम और अक्षत से तिलक करें और चुनरी ओढ़ाएं।
  • मां दुर्गा को भोग लगाने के बाद कन्याओं को पूड़ी, हलवा और काले चने का भोजन कराएं।
  • भोजन के बाद उन्हें दक्षिणा और उपहार देकर सम्मानपूर्वक विदा करें।
  • कन्याओं के चरण स्पर्श कर आशीर्वाद लेना शुभ माना जाता है।

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