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शारदीय नवरात्रि के व्रत नियम

शारदीय नवरात्रि के व्रत नियम

Shardiya Navratri 2025 Vrat Niyam: शारदीय नवरात्रि में इन 10 नियमों का रखें ध्यान, वरना टूट जाएगा व्रत

शारदीय नवरात्रि का पावन पर्व इस साल 22 सितंबर 2025 से शुरू होकर 1 अक्टूबर 2025 तक मनाया जाएगा। आश्विन शुक्ल प्रतिपदा से लेकर नवमी तक चलने वाला यह महापर्व देवी दुर्गा के नौ स्वरूपों की साधना और उपासना का समय है। भक्त पूरे नौ दिनों तक व्रत, जप और पूजा-पाठ कर मां की कृपा पाने का प्रयास करते हैं। मान्यता है कि अगर व्रत सही नियमों से न किया जाए तो उसका फल अधूरा रह जाता है। इसलिए नवरात्रि व्रत के दौरान कुछ विशेष नियमों का पालन करना जरूरी होता है।

नवरात्रि व्रत के 10 प्रमुख नियम

  • ब्रह्मचर्य का पालन करें – विवाहित हो या अविवाहित, व्रती को ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए। इसे व्रत की पवित्रता का आधार माना गया है।
  • तामसिक भोजन वर्जित – प्याज, लहसुन, मांस, मदिरा और धूम्रपान का सेवन पूर्णत: निषेध है।
  • फलाहार और सात्विक भोजन – व्रती फल, दूध या एक समय का सात्विक भोजन कर सकते हैं। भोजन में शाकाहार और सेंधा नमक का प्रयोग ही उचित है।
  • संकल्प जरूरी है – प्रतिपदा तिथि पर संकल्प लें कि पूरे नौ दिनों तक सात्विक आचरण करेंगे।
  • ग्रंथ पाठ करें – व्रती को दुर्गा सप्तशती का पाठ अवश्य करना चाहिए। यदि संभव हो तो देवी भागवत पुराण का पाठ भी लाभकारी है।
  • महिला शक्ति का सम्मान – नवरात्रि देवी की शक्ति को समर्पित है। इस दौरान महिलाओं का आदर करना अनिवार्य है।
  • कन्या पूजन करें – अष्टमी और नवमी को कन्या पूजन का विशेष महत्व है। मान्यता है कि इससे मां दुर्गा प्रसन्न होती हैं।
  • नकारात्मक भावनाओं से दूर रहें – क्रोध, लोभ, ईर्ष्या, घमंड और दूसरों से घृणा त्याग दें।
  • भावना शुद्ध होनी चाहिए – देवी आपकी निष्ठा और भावनाओं को देखती हैं। शुद्ध हृदय से की गई उपासना ही फलदायी होती है।
  • शरीर की शुद्धि का ध्यान रखें – नवरात्रि के दौरान नाखून, बाल और दाढ़ी काटना उचित नहीं माना गया है।

नवरात्रि व्रत में क्या न करें

  • व्रत के दौरान क्रोध और नकारात्मक सोच से बचें।
  • झूठ बोलना और किसी की बुराई करना व्रत की पवित्रता को भंग करता है।
  • लकड़ी के तख्त या जमीन पर सोना उत्तम है। मुलायम गद्दे का प्रयोग वर्जित है।
  • यदि एक समय भोजन का नियम रखा है तो बीच में फलाहार न करें।
  • जिन लोगों को गंभीर बीमारी है और नियमों का पालन संभव नहीं है, उन्हें व्रत करने से बचना चाहिए।
  • घर में तामसिक भोजन न पकाएँ और न ही परिवार के सदस्य उसका सेवन करें।

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