शारदीय नवरात्रि का पावन पर्व मां दुर्गा की भक्ति और साधना के लिए बेहद खास माना जाता है। इन नौ दिनों में भक्त देवी को प्रसन्न करने और उनका आशीर्वाद पाने के लिए व्रत रखते हैं। इस दौरान खान-पान का विशेष ध्यान रखना जरूरी है, इसलिए व्रत रखने से पहले यह जानना आवश्यक है कि नवरात्रि व्रत में क्या खाना चाहिए और किन चीजों से परहेज करना चाहिए। व्रत के दौरान विशेष नियमों का पालन करना भी महत्वपूर्ण है, जिसमें सात्विक और पवित्र आहार का सेवन करना शामिल है। ऐसे में आइये जानते हैं कि शारदीय नवरात्रि में क्या खाएं और क्या न खाएं? और व्रत से जुड़े नियम क्या है।
देवी उपासना में व्रत रखने वाले कुछ खास सात्विक आहार का सेवन करते हैं, जिन्हें शुद्ध और शुभ माना जाता है।। इनमें शामिल हैं:
1. फल
ताजे फल जैसे:
- केला
- सेब
- अनार
- पपीता
- अंगूर
- तरबूज
- संतरा
- अमरूद
2. सब्जियां
कुछ विशेष सब्जियां जैसे:
- आलू
- शकरकंद
- अरबी
- कद्दू
- लौकी
- खीरा
- कच्चा केला
3. आटे
व्रत में सामान्य अनाज की जगह विशेष आटे जैसे:
- कुट्टू का आटा
- सिंघाड़े का आटा
- समा के चावल
इनसे बनाई जा सकती हैं:
- पूड़ी
- रोटी
- खिचड़ी
4. डेयरी उत्पाद
- दूध
- दही
- पनीर
- घी
5. नमक और मसाले
- सेंधा नमक
- काली मिर्च पाउडर
- जीरा पाउडर
- हरी इलायची
- अदरक
6. अन्य चीजें
- साबूदाना
- मखाना
- मूंगफली
- बादाम
- काजू
- किशमिश
नवरात्रि व्रत के दौरान कुछ चीजों से परहेज करना आवश्यक है, जिनमें शामिल हैं:
1. अनाज और दालें
- गेहूं
- चावल
- बेसन
- सूजी
- मैदा
- किसी भी तरह की दालें
2. लहसुन और प्याज
तामसिक माने जाने के कारण इनका उपयोग वर्जित है।
3. सामान्य नमक
आयोडीन युक्त नमक का उपयोग नहीं करना चाहिए, केवल सेंधा नमक का प्रयोग करें।
4. मांस और शराब
नवरात्रि की पवित्रता बनाए रखने के लिए:
- मांस
- मछली
- अंडे
- शराब का सेवन पूरी तरह वर्जित है।
5. तले हुए और मसालेदार भोजन
अधिक तले-भुने और मसालेदार भोजन से बचना चाहिए, क्योंकि इससे मन अशांत हो सकता है।
6. पैकेज्ड फूड और प्रोसेस्ड भोजन
- चिप्स
- पैकेट वाले जूस
-अन्य प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए, क्योंकि इनमें सामान्य नमक या अन्य ऐसे तत्व हो सकते हैं जो व्रत के लिए सही नहीं हैं।
इन चीजों से परहेज करके आप नवरात्रि व्रत को सही तरीके से रख सकते हैं और अपनी आध्यात्मिक यात्रा को सफल बना सकते हैं।
इन बातों का ध्यान रखने से आप नवरात्रि व्रत का सही तरीके से पालन कर सकते हैं और आध्यात्मिक लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
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