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शारदीय नवरात्रि 2025 कैलेंडर

शारदीय नवरात्रि 2025 कैलेंडर

Shardiya Navratri 2025 Date: इस बार 9 नहीं, 10 दिन की शारदीय नवरात्रि, देखें तिथि कैलेंडर, जानें नक्षत्र, योग, शुभ संयोग

शारदीय नवरात्रि का पर्व इस साल सोमवार, 22 सितंबर से शुरू हो रहा है और 1 अक्टूबर को महानवमी के साथ इसका समापन होगा। 2 अक्टूबर को विजयादशमी का पर्व मनाया जाएगा। खास बात यह है कि इस बार नवरात्रि 9 नहीं बल्कि 10 दिनों की रहेगी। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार यह सामान्य ज्योतिषीय गणना का परिणाम है, जिसमें कभी नवरात्र 8 दिन का होता है और कभी 10 दिन का।

क्यों 10 दिनों की पड़ी नवरात्रि?

पंचांग की गणना के अनुसार इस बार नवरात्रि में तिथि बढ़ने का योग बन रहा है। कई विद्वानों का मानना है कि इस साल तृतीया तिथि दो दिन पड़ रही है, तो कुछ का कहना है कि चतुर्थी तिथि दो बार पड़ रही है। ऐसे में 9 दिनों की जगह नवरात्रि 10 दिनों की हो जाएगी। यह कोई असामान्य स्थिति नहीं है, बल्कि हजारों साल पहले ऋषि-मुनियों ने इस तरह की गणना कर रखी है।

मां दुर्गा की सवारी का महत्व

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस बार मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर आ रही हैं। इसे अत्यंत शुभ माना गया है। हाथी की सवारी से वर्षा की प्रचुरता, खुशहाली, समृद्धि और शांति का संयोग बनता है। मान्यता है कि इस वाहन पर आने से देश में कृषि, व्यापार और पारिवारिक जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है।

शुभ संयोग और योग

इस साल नवरात्रि की शुरुआत कई शुभ संयोगों के साथ हो रही है। ग्रह-नक्षत्र की स्थिति इस प्रकार रहेगी- मंगल तुला राशि में, शुक्र सिंह राशि में, सूर्य कन्या राशि में, राहु कुंभ में, केतु सिंह में, गुरु कर्क में और शनि मीन राशि में रहेंगे। इसके अलावा हस्त नक्षत्र के साथ ब्रह्म योग और सर्वार्थ सिद्धि योग भी बन रहा है। ऐसे योग 9 साल बाद बन रहे हैं। इससे पहले 2016 में भी नवरात्रि 10 दिनों की हुई थी।

घटस्थापना का मुहूर्त

नवरात्रि की शुरुआत कलश स्थापना के साथ होगी। 22 सितंबर को घटस्थापना के लिए प्रातः 05:58 बजे से 07:52 बजे तक का समय उत्तम रहेगा। इसके अलावा अभिजीत मुहूर्त 11:37 बजे से 12:25 बजे तक भी शुभ माना गया है।

नौ देवियों की पूजा का क्रम

  • 22 सितंबर: प्रतिपदा – मां शैलपुत्री
  • 23 सितंबर: द्वितीया – मां ब्रह्मचारिणी
  • 24 सितंबर: तृतीया – मां चंद्रघंटा
  • 25 सितंबर: चतुर्थी साधना दिवस
  • 26 सितंबर: चतुर्थी – मां कूष्मांडा
  • 27 सितंबर: पंचमी – मां स्कंदमाता
  • 28 सितंबर: षष्ठी – मां कात्यायनी
  • 29 सितंबर: सप्तमी – मां कालरात्रि
  • 30 सितंबर: अष्टमी – मां महागौरी
  • 01 अक्टूबर: नवमी – मां सिद्धिदात्री
  • 02 अक्टूबर: विजयादशमी व दुर्गा विसर्जन

तिथि कैलेंडर

पहला दिन – 22 सितंबर 2025, सोमवार

  • तिथि: आश्विन शुक्ल प्रतिपदा
  • समय: 22 सितंबर की प्रतिपदा तिथि रात 01:23 बजे शुरू होकर 23 सितंबर को रात 02:55 बजे तक रहेगी।
  • महत्व: इस दिन घटस्थापना व मां शैलपुत्री की पूजा की जाएगी।

दूसरा दिन – 23 सितंबर 2025, मंगलवार

  • तिथि: आश्विन शुक्ल द्वितीया
  • समय: 23 सितंबर को 02:55 एएम से शुरू होकर 24 सितंबर को 04:51 एएम तक रहेगी।
  • महत्व: इस दिन मां ब्रह्मचारिणी की उपासना की जाती है।

तीसरा दिन – 24 सितंबर 2025, बुधवार

  • तिथि: आश्विन शुक्ल तृतीया
  • समय: 24 सितंबर को 04:51 एएम से शुरू होकर 25 सितंबर को 07:06 एएम तक रहेगी।
  • महत्व: मां चंद्रघंटा की पूजा का दिन।

चौथा दिन – 25 सितंबर 2025, गुरुवार

  • तिथि: आश्विन शुक्ल तृतीया (जारी)
  • समय: तृतीया तिथि 25 सितंबर को सुबह 07:06 बजे तक रहेगी।
  • महत्व: इस दिन तिथि का विस्तार होने से नवरात्रि का अतिरिक्त दिन जुड़ता है। इसे 

पांचवां दिन – 26 सितंबर 2025, शुक्रवार

  • तिथि: आश्विन शुक्ल चतुर्थी
  • समय: 25 सितंबर को सुबह 07:06 एएम से शुरू होकर 26 सितंबर को 09:32 एएम तक रहेगी।
  • महत्व: इस दिन मां कूष्मांडा की उपासना होती है।

छठा दिन – 27 सितंबर 2025, शनिवार

  • तिथि: आश्विन शुक्ल पंचमी
  • समय: 26 सितंबर को 09:32 एएम से शुरू होकर 27 सितंबर को 12:03 पीएम तक रहेगी।
  • महत्व: मां स्कंदमाता का पूजन

सातवां दिन – 28 सितंबर 2025, रविवार

  • तिथि: आश्विन शुक्ल षष्ठी
  • समय: 27 सितंबर को 12:03 पीएम से शुरू होकर 28 सितंबर को 02:27 पीएम तक रहेगी।
  • महत्व: मां कात्यायनी की आराधना।

आठवां दिन – 29 सितंबर 2025, सोमवार

  • तिथि: आश्विन शुक्ल सप्तमी
  • समय: 28 सितंबर को 02:27 पीएम से शुरू होकर 29 सितंबर को 04:31 पीएम तक रहेगी।
  • महत्व: मां कालरात्रि की पूजा।

नौवां दिन (अष्टमी) – 30 सितंबर 2025, मंगलवार

  • तिथि: आश्विन शुक्ल अष्टमी
  • समय: 29 सितंबर को 04:31 पीएम से शुरू होकर 30 सितंबर को 06:06 पीएम तक रहेगी।
  • महत्व: मां महागौरी की पूजा और अष्टमी व्रत का महत्व।

दसवां दिन (नवमी) – 1 अक्टूबर 2025, बुधवार

  • तिथि: आश्विन शुक्ल नवमी
  • समय: 30 सितंबर को 06:06 पीएम से शुरू होकर 1 अक्टूबर को 07:01 पीएम तक रहेगी।
  • महत्व: मां सिद्धिदात्री की पूजा और महानवमी का पर्व।

ग्यारहवां दिन – 2 अक्टूबर 2025, गुरुवार

  • तिथि: आश्विन शुक्ल दशमी (विजयादशमी)
  • समय: 1 अक्टूबर को 07:01 पीएम से शुरू होकर 2 अक्टूबर को 07:10 पीएम तक रहेगी।
  • महत्व: इस दिन विजयादशमी मनाई जाएगी और मां दुर्गा की प्रतिमाओं का विसर्जन किया जाएगा।

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