Kalash Sthapana Vidhi: शारदीय नवरात्रि में घर पर कैसे करें कलश स्थापना? जानें सरल विधि, पूजा विधि, सामग्री
Kalash Sthapana Vidhi: शारदीय नवरात्रि का पर्व शक्ति उपासना का सबसे बड़ा अवसर माना जाता है। इन नौ दिनों तक मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा होती है। नवरात्रि का शुभारंभ घटस्थापना या कलश स्थापना से होता है। मान्यता है कि कलश में सभी देवी-देवताओं का वास होता है और इसे ही शक्ति का प्रतीक माना जाता है। यदि कलश स्थापना सही विधि से की जाए तो घर में सुख-समृद्धि और शांति का आगमन होता है। आइए जानते हैं इस वर्ष शारदीय नवरात्रि घटस्थापना की विधि, पूजन सामग्री और विशेष बातें।
घटस्थापना के लिए आवश्यक सामग्री
कलश स्थापना से पहले सभी पूजन सामग्री एकत्र कर लेना जरूरी है।
- मिट्टी का कलश और दीया
- गंगाजल, पान, सुपारी, इलायची, नारियल
- रोली, कुमकुम, हल्दी, चावल
- आम या अन्य पवित्र पत्ते
- फूल और माला
- लौंग, इलायची, मौसमी फल
- देवी का चित्र या प्रतिमा
- लाल वस्त्र, चुनरी और मौली
कलश स्थापना की विधि
- सबसे पहले घर और पूजा स्थल को अच्छे से साफ करें।
- प्रातःकाल स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें और पूजा स्थल पर लाल कपड़ा बिछाकर लकड़ी की चौकी रखें।
- चौकी पर मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित करें और गंगाजल का छिड़काव कर स्थान को पवित्र करें।
- अब मां को रोली, कुमकुम और सिंदूर अर्पित करें। साथ ही सुपारी, लौंग और इलायची के साथ मौसमी फल चढ़ाएं।
- देवी को फूल और माला अर्पित कर घी का दीपक जलाएं।
कलश की तैयारी
- एक मिट्टी के बर्तन में मिट्टी भरकर उसमें जौ और गेहूं के दाने बो दें।
- मिट्टी को पानी से हल्का गीला करें और बर्तन को चौकी पर स्थापित करें।
- अब कलश में गंगाजल भरें और उसमें सुपारी, पान, सिक्का और पंचपल्लव (आम के पत्ते) डालें।
- कलश के मुख पर नारियल रखें और उसे लाल वस्त्र से ढक दें।
- कलश के चारों ओर आम के पत्ते लगाकर कलावा बांध दें।
पूजा की प्रक्रिया
कलश स्थापना के बाद मां दुर्गा का ध्यान करें और प्रार्थना करें कि नवरात्रि का यह पर्व सुख-समृद्धि लेकर आए। रोज सुबह और शाम दीपक जलाकर दुर्गा सप्तशती, चंडी पाठ या दुर्गा चालीसा का पाठ करें। कलश के पास बोए गए जौ पर प्रतिदिन हल्का पानी छिड़कें। नौवें दिन ये अंकुरित होकर मां की कृपा का प्रतीक माने जाते हैं।
धार्मिक महत्व
शास्त्रों के अनुसार, कलश में भगवान विष्णु, शिव, ब्रह्मा, नदियां और समस्त शक्तियों का वास माना जाता है। यही कारण है कि नवरात्रि के दौरान इसकी स्थापना को शुभ और अनिवार्य माना जाता है। भक्त श्रद्धा और विधि-विधान से कलश स्थापना कर नौ दिनों तक मां की आराधना करते हैं।
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