Logo

नवरात्रि के 9 दिन अलग-अलग भोग

नवरात्रि के 9 दिन अलग-अलग भोग

Shardiya Navratri 2025 Bhog: नवरात्रि के 9 दिन मां दुर्गा को लगाएं 9 अलग-अलग चीजों का भोग, जानें महत्व और लाभ

शारदीय नवरात्रि हर वर्ष आश्विन माह में मनाई जाती है, जिसमें नौ दिनों तक देवी दुर्गा को नौ अलग-अलग भोग अर्पित किये जाते हैं। इस वर्ष शारदीय नवरात्रि का पर्व 22 सितंबर, सोमवार से प्रारंभ होकर 30 सितंबर, मंगलवार को समाप्त होगा। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, प्रत्येक स्वरूप की अपनी विशेषता है और उसके अनुसार जो भोग या प्रसाद चढ़ाया जाता है, वह देवी की कृपा प्राप्त करने का एक विशेष माध्यम माना जाता है। 

एकम (मां शैलपुत्री)  

  • भोग: देसी घी/गाय का घी 
  • लाभ: देवी शैलपुत्री आपके जीवन को संतुलित बनाती हैं। 
  • कारण: देवी शैलपुत्री शक्ति और संतुलन का प्रतीक हैं, इसीलिए उन्हें घी अर्पित किया जाता है, क्योंकि घी में शक्ति भी होती है और यह स्वास्थ्य के लिए भी अच्छा होता है। 

द्वितीया (मां ब्रह्मचारिणी)

  • भोग: चीनी या मिश्री 
  • लाभ: देवी ब्रह्मचारणी आंतरिक शांति प्रदान करती हैं। 
  • कारण: देवी ब्रह्मचारणी पवित्रता, भक्ति और मिठास का प्रतीक हैं, इसलिए उन्हें चीनी चढ़ाई जाती है। 

तृतीया (मां चंद्रघंटा)

  • भोग: खीर या दूध से बनी मिठाई 
  • लाभ: यह घर में खुशी और संतुष्टि लाती है। 
  • कारण: मां चंद्रघंटा धैर्य की प्रतीक हैं, इसीलिए उन्हें खीर का भोग लगाया जाता है। 

चतुर्थी (मां कुष्मांडा)

  • भोग: मालपुआ 
  • लाभ: यह जीवन में समृद्धि लाता है।  
  • कारण: मां कुष्मांडा का रूप जगत की सृष्टि, ऊर्जा, और दिव्य प्रकाश से जुड़ा है। 

पंचमी (मां स्कंदमाता) 

  • भोग: केला
  • लाभ: यह आपको और आपके परिवार को अच्छे स्वास्थ्य का आशीर्वाद देता है। 
  • कारण: मां स्कंदमाता बच्चों के पालन-पोषण का प्रतिनिधित्व करती हैं और केला सरल व पौष्टिक माना जाता है।                       

षष्ठी (मां कात्यायनी) 

  • भोग: शहद
  • लाभ: यह रिश्तों से कड़वाहट को मिटाता है। 
  • कारण: देवी कात्यायनी साहस, क्रोध और धैर्य का प्रतीक हैं, इसीलिए उन्हें शहद चढ़ाया जाता है। 

सप्तमी (मां कालरात्रि) 

  • भोग: गुड़ 
  • लाभ: यह ताकत बढ़ाने में मदद करता है। 
  • कारण: गुड़ में शरीर को बीमारियों से बचाने की शक्ति होती है, क्योंकि मां कालरात्रि नकारात्मकता से रक्षा करती हैं।                                                           

अष्टमी (मां महागौरी) 

  • भोग: नारियल
  • लाभ: यह जीवन में नयापन लाता है। 
  • कारण: नारियल शुद्धता, सौंदर्य, संयम और पुनरुत्थान के गुणों का प्रतिनिधित्व करता है इसलिए इसे मां महागौरी को अर्पित की जाती है।                                     

नवमी (मां सिद्धिदात्री) 

  • भोग: तिल के बीज 
  • लाभ: यह शक्ति प्रदान करता है 
  • कारण: सिद्धिदात्री सिद्धियों की देवी हैं, जो संपूर्णता का प्रतिनिधित्व करती हैं।                                        

इन्हें भी पढ़े

........................................................................................................
HomeBook PoojaBook PoojaChadhavaChadhavaKundliKundliPanchangPanchang