इस वर्ष शारदीय नवरात्रि 22 सितंबर, सोमवार से शुरू हो गई है, जो देवी दुर्गा की पूजा करने और उनसे असीम आशीर्वाद प्राप्त करने का समय है। इस एक स्तोत्र को धार्मिक दृष्टि से शुभ और शक्तिशाली माना जाता है, क्योंकि यह कष्टों और नकारात्मकताओं को दूर करता है। ऐसा माना जाता है कि इस स्तोत्र का पाठ करने से करियर में सफलता मिलती है और घर में खुशियां आती हैं।
ललिता सहस्रनाम ब्रह्माण्ड पुराण का एक महत्वपूर्ण भाग है, जिसमें देवी ललिता अर्थात त्रिपुरा सुंदरी के हजारों नाम और उनके अर्थ हैं। प्रत्येक नाम उनकी कुशलता, ईश्वरीय शक्ति, रक्षा, सौंदर्य और करुणा को स्पष्ट रूप से बताता है। इसलिए इन नामों का जप करने से व्यक्ति को शक्ति और आंतरिक खुशी मिलती है।
ललिता सहस्रनाम स्तोत्र का प्रतिदिन पाठ करने से आस-पास का वातावरण शुद्ध होता है और मन को शांति भी मिलती है। ऐसा कहा जाता है कि जहां ललिता सहस्रनाम का नियमित जाप किया जाता है, वहां दुख, रोग और भय शीघ्र ही समाप्त हो जाते हैं।
विशेष रूप से जब इसे शारदीय नवरात्रि के नौ दिनों में प्रतिदिन किया जाता है तो यह मन को शुद्ध करता है और तनाव को मिटाता है। साथ ही, यह बुरी नजर और नकारात्मकता से बचाता है। धार्मिक मान्यता है कि नवरात्रि में प्रतिदिन इस पाठ को करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
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