उपनयन संस्कार, जिसे आमतौर पर जनेऊ संस्कार कहा जाता है, हिंदू धर्म के प्रमुख 16 संस्कारों में से एक है। जिसका अर्थ है “अंधकार से प्रकाश की ओर बढ़ना”। इसमें बालक को जनेऊ धारण कराया जाता है, जो धार्मिक और आध्यात्मिक जीवन की शुरुआत का प्रतीक है। जनेऊ तीन सूत्रों वाला पवित्र धागा है, जो ब्रह्मा, विष्णु और महेश का प्रतिनिधित्व करता है। मान्यता है कि उपनयन संस्कार के बाद ही बालक धार्मिक कार्यों में भाग ले सकता है। इस लेख में हम इसके महत्व, अर्थ और अक्टूबर में जनेऊ संस्कार के शुभ मुहूर्त जानेंगे।
उपनयन संस्कार, जिसे आमतौर पर जनेऊ संस्कार कहा जाता है, हिंदू धर्म के प्रमुख 16 संस्कारों में से एक है। यह बालक को "विद्यार्थी" बनने और आध्यात्मिक जीवन की शुरुआत का प्रतीक माना जाता है। लेकिन धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, चातुर्मास के दौरान इस पवित्र संस्कार को करना वर्जित होता है। चातुर्मास 2025 की अवधि: 6 जुलाई से 1 नवंबर तक है। इस समय भगवान विष्णु योगनिद्रा में रहते हैं। देवताओं के विश्राम काल में उपनयन, विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश जैसे शुभ संस्कार नहीं किए जाते। साथ ही, इस अवधि में ग्रह-नक्षत्रों की स्थिति भी स्थिर या प्रतिकूल मानी जाती है, जिससे शुभ कार्यों के प्रभाव कम हो सकते हैं। अतः यदि आप अपने पुत्र का उपनयन संस्कार करवाने की सोच रहे हैं, तो इसके लिए देवउठनी एकादशी (1 नवंबर 2025) के बाद का शुभ मुहूर्त चुनना अधिक उचित और फलदायक होगा। शास्त्रों के अनुसार, उपयुक्त समय पर किया गया जनेऊ संस्कार जीवन में धर्म, शिक्षा और मर्यादा की स्थापना करता है।
जनेऊ हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण प्रतीक है, जो जीवन के विभिन्न पहलुओं को दर्शाता है। इसके तीन धागे त्रिमूर्ति के साथ-साथ देवऋण, पितृऋण और ऋषिऋण का प्रतिनिधित्व करते हैं। जनेऊ की विशेषता यह है कि यह जीवन के विभिन्न आयामों को जोड़ता है। यह सत्व, रज और तम का प्रतीक है जो जीवन के तीन मुख्य गुणों को दर्शाता है। साथ ही यह गायत्री मंत्र के तीन चरणों का प्रतीक है जो जीवन के तीन मुख्य उद्देश्यों को दर्शाता है। जनेऊ की प्रत्येक जीवा में तीन तार होते हैं, जो कुल नौ तारों का निर्माण करते हैं।
यह जीवन के नौ मुख्य तत्वों को दर्शाता है जो हमारे जीवन को समृद्ध बनाते हैं। जनेऊ में पांच गांठें रखी जाती हैं जो जीवन के पांच मुख्य उद्देश्यों को दर्शाती हैं। ये गांठें ब्रह्म, धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष का प्रतिनिधित्व करती हैं, जो जीवन के पांच मुख्य आयामों को दर्शाती हैं। जनेऊ की लंबाई 96 अंगुल होती है, जो जीवन के 96 मुख्य तत्वों को दर्शाती है। यह हमें जीवन के विभिन्न पहलुओं को समझने और उन्हें संतुलित करने के लिए प्रेरित करती है।