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छोटी होली इन 3 राशियों के लिए लाभकारी

छोटी होली इन 3 राशियों के लिए लाभकारी

छोटी होली पर बन रही विशेष ग्रह दशा, इन 3 राशि के जातकों को होगा लाभ


छोटी होली होलिका दहन के दिन मनाई जाती है, जो बुराई पर अच्छाई की जीत को दर्शाती है। इस दिन ग्रहों के नक्षत्र बहुत खास चल रहे होते हैं। इस समय कुछ राशियों को बहुत लाभ हो सकता है, आइए जानें उन 3 खास राशियों के बारे में:



छोटी होली है मीन राशि के लिए खास

जब सूर्य मीन राशि में प्रवेश करता है, तब से ही खरमास शुरू होता है। मगर यह मीन राशि को लाभ दे सकता है। छोटी होली के दिन होलाष्टक की तिथि खत्म होती है और सूर्य मीन राशि में प्रवेश करता है, इस दिन मीन संक्रांति भी मनाते हैं। इसलिए छोटी होली मीन राशि के लिए खास हो सकती है, जिससे उन्हें धन लाभ हो सकता है और कोई शुभ संदेश आने की संभावना है। वो छात्र जिनकी मीन राशि है, उन्हें पढ़ाई और करियर में कुछ सफलता मिल सकती है।



सिंह राशि को होगा छोटी होली पर फायदा


छोटी होली पर सिंह राशि का बन रहा है शुभ संयोग, यह दिन आपके लिए अच्छा है। इस दिन आपके सभी प्रयासों का फल मिलेगा और रुके हुए काम भी बन जाएंगे। छोटी होली के दिन आप चाहें तो कोई नया काम शुरू कर सकते हैं, क्योंकि यह दिन आपके और आपके परिवार में खुशियां लेकर आएगा और आर्थिक मजबूती भी मिलेगी।



छोटी होली है धनु राशि के लिए शुभ


ग्रहों के अनुसार धनु राशि के लिए छोटी होली का दिन शुभ बन रहा है। अगर आप लंबे समय से व्यापार या फंड्स में निवेश करना चाहते हैं तो यह दिन आपके लिए शुभ होगा। साथ ही यह दिन आपके परिवार में शांति और समृद्धि भी लाएगा और धन लाभ की भी संभावना है।



सभी राशि बना सकती है छोटी होली के दिन को खास


अगर बाकी की राशि के लोग भी छोटी होली के दिन सुबह स्नान कर भगवान विष्णु की पूजा करें और उन्हें पीले फूल चढ़ा कर विष्णु सहस्रनाम पढ़ें, फिर उनकी आरती कर पीला चंदन लगा दिन की शुरुआत करें, कोशिश करें कि उस दिन आप खुद भी पीले वस्त्र ही पहनें। अगर आप ऐसा करते हैं तो वह दिन सभी राशियों के लिए शुभ हो सकता है। क्योंकि छोटी होली इस बार गुरुवार को पड़ रही है, जो भगवान विष्णु का दिन माना जाता है और छोटी होली के दिन भक्त प्रह्लाद को भगवान विष्णु ने बचाया था, इसलिए यह बहुत शुभ संयोग बन रहा है।


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लिङ्गाष्टकम् (Lingashtakam)

ब्रह्ममुरारिसुरार्चितलिङ्गं निर्मलभासितशोभितलिङ्गम् । जन्मजदुःखविनाशकलिङ्गं तत् प्रणमामि सदाशिवलिङ्गम् ॥१॥

श्री रुद्राष्टकम् (Shri Rudrashtakam)

नमामीशमीशान निर्वाणरूपं
विभुं व्यापकं ब्रह्मवेदस्वरूपम् ।

शिवाष्ट्कम्: जय शिवशंकर, जय गंगाधर.. पार्वती पति, हर हर शम्भो

जय शिवशंकर, जय गंगाधर, करुणाकर करतार हरे,
जय कैलाशी, जय अविनाशी, सुखराशी सुख-सार हरे,

श्री शिवमहिम्न स्तोत्रम्

महिम्नः पारन्ते परमविदुषो यद्यसदृशी।
स्तुतिर्ब्रह्मादीनामपि तदवसन्नास्त्वयि गिरः॥

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