धन के देवता कुबेर: उत्तर दिशा के दिग्पाल और धन वृद्धि के लिए अपनाएं ये उपाय

उत्तर दिशा के दिग्पाल हैं धन के देवता कुबेर, इन बातों का ध्यान रखकर हो सकती है धन की वर्षा 


बिहार के मशहूर वास्तु विशेषज्ञ केपी सिंह के अनुसार उत्तर दिशा के स्वामी यक्ष धन कुबेर माने जाते हैं। शास्त्रों में इसलिए इन्हें धन का देवता भी कहा जाता है। यही कारण है कि ज्यादातर लोग उत्तर मुख वाले घर बनवाना चाहते हैं। केपी सिंह की मानें तो अगर आपके घर की उत्तर दिशा में किसी भी प्रकार का वास्तु दोष नहीं है तो घर में धन-दौलत में उत्तरोत्तर वृद्धि होती जाती है। इसके लिए जरूरी है कि सबसे पहले अपने घर का वास्तु ठीक करने के लिए प्रभावकारी उपाय किए जाएं। आइए वास्तु एक्सपर्ट से जानते हैं इन उपायों के बारे में….. 

 

जानें वास्तु ठीक ना होने के कुप्रभाव


केपी सिंह बताते हैं कि अगर आपके घर का वास्तु ठीक नहीं है तो आपके जीवन में तमाम तरह की कठिनाई और परेशानियां आ सकती हैं। वास्तु शास्त्र की मानें तो इससे मनुष्य की तरक्‍की, पैसा, सेहत और मान-सम्‍मान सीधे तौर पर जुड़ा हुआ है। इसलिए वास्तु खराब होने से जीवन पर इसका नकारात्मक असर पड़ता है। इंसान की आर्थिक तरक्की बंद हो जाती है। कई बार तो वास्तु के कारण ही मनुष्य पाई-पाई का मोहताज बन जाता है। वास्तु खराब होने की स्थिति में घर में नकारात्मकता का प्रवेश होने लगता है। इसके साथ ही घर के सदस्यों का भी स्वास्थ्य खराब होने लगता है। 


उत्तर दिशा के धन कुबेर हैं द्विगपाल  


वास्‍तु एक्सपर्ट केपी सिंह कहते हैं कि वास्‍तु शास्‍त्र के अनुसार उत्तर दिशा को धन के देवता यक्ष धन कुबेर की दिशा बताई गई है। हालांकि, ये भी सत्य है कि यक्ष धन कुबेर की पूजा भगवान के साथ नहीं की जाती है। लेकिन इनकी मूर्ति को घरों में रखा जा सकता है। धन कुबेर को माता लक्ष्मी के सहयोगी के रूप में भी पूजा जाता है। 


उत्तर दिशा में जल स्त्रोत से लाभ


केपी सिंह की मानें तो घर की उत्तर दिशा में जल स्त्रोत होने से कई तरह के लाभ मिलते हैं। खासकर अगर घर की बोरिंग उत्तर दिशा में है तो ये धन- धान्य, यश और समृद्धि देने वाला सिद्ध होता है। बता दें कि अगर उत्तर दिशा में बोरिंग या जल स्त्रोत ना हो तो यहां जल से भरे पात्रों को भी रखा जा सकता है। 


ऐसे करें उत्तर दिशा को जागृत


दरअसल, जल स्त्रोत के अलावा आपके घर का मुख्य दरवाजा उत्तर दिशा में हो तो ये भी काफी शुभ माना जाता है। घर का दरवाजा उत्तर दिशा में बनाने से घर में हमेशा सुख-समृद्धि और सकारात्‍मकता बनी रहती है। मां लक्ष्‍मी की कृपा से रुपयों- पैसों की भी कोई कमी नहीं होती। उत्तर दिशा को जागृत करने के लिए वहां बोरिंग या जल स्त्रोत की आवश्यकता होती है। अगर बोरिंग या जल स्त्रोत उत्तर दिशा में नहीं है तो उस स्थान पर जल स्रोत वाली एक बड़ी तस्वीर लगाई जा सकती है। इसके अलावा स्वर्ण मंदिर जैसी कोई ख़ास तस्वीर भी उत्तर दिशा के दीवार पर लगाई जा सकती है, इससे धन की समस्या दूर होती है। वहीं अगर उत्तर दिशा में धन के देवता कुबेर की प्रतिमा या फोटो लगी है तो इससे आपके करियर में खूब तरक्‍की होती है। 


जानिए यक्ष धन कुबेर के बारे में


यक्ष धन कुबेर हिंदू धर्म में धन के देवता और यक्षों के राजा माने जाते हैं। वे उत्तर दिशा के दिग्पाल और संसार के रक्षक यानी लोकपाल भी माने जाते हैं। जानिए धन कुबेर और उन्हें प्रसन्न करने के बारे में कुछ जरूरी बातें।। 


कुबेर, भगवान शिव के द्वारपाल भी हैं। 

 

कुबेर, रावण, कुंभकर्ण और विभीषण के सौतेले भाई हैं।  

 

कुबेर के पिता महर्षि विश्रवा और माता देववर्णिणी थीं। 

 

कुबेर को नौ निधियों का देवता भी माना जाता है।  

 

धनतेरस के दिन माता लक्ष्मी के साथ ही कुबेर की पूजा भी की जाती है। 

 

कुबेर को धनिया, कमलगट्टा, इत्र, सुपारी, लौंग, लाल पुष्प, इलायची और दूर्वा बहुत पसंद हैं। कुबेर को प्रसन्न करने के लिए इन्हीं चीज़ों को चढ़ाया जाता है। 

 

कुबेर का मंत्र

'ॐ ह्रीं श्रीं क्रीं श्रीं कुबेराय अष्ट-लक्ष्मी मम गृहे धनं पुरय पुरय नमः'


इस मंत्र का जाप करने से आर्थिक संकट दूर होते हैं और पद, प्रतिष्ठा और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। शुक्रवार की रात को इस मंत्र का जाप करना बहुत शुभ माना जाता है। 


डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।

संबंधित लेख