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गुरुवार के उपाय

गुरुवार के उपाय

Guruwar Ke Upay: भगवान विष्णु की कृपा पाने के लिए गुरुवार के दिन जरूर करें ये 5 आसान उपाय, हर संकट का होगा नाश


हिंदू धर्म और ज्योतिष शास्त्र में गुरुवार का दिन बेहद शुभ माना गया है। इस दिन भगवान विष्णु और बृहस्पति देव की पूजा की जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, गुरुवार के दिन देवगुरु बृहस्पति की पूजा करने से न केवल आर्थिक संकट दूर होते हैं बल्कि सुख, समृद्धि और सौभाग्य भी बढ़ता है। मान्यता है कि कुंडली में यदि बृहस्पति ग्रह मजबूत हो तो व्यक्ति को जीवन में कभी धन की कमी नहीं होती। लेकिन अगर गुरु ग्रह कमजोर हो तो आर्थिक परेशानियां बनी रहती हैं। इसलिए ज्योतिष में कई उपाय बताए गए हैं जिसे गुरुवार के दिन करने से गुरु ग्रह मजबूत होता है और भगवान विष्णु की कृपा भी प्राप्त होती है। ऐसे में आइए जानते हैं गुरुवार के दिन किए जाने वाले खास उपायों के बारे में।


1. घी का दीपक जलाएं

गुरुवार की सुबह जल्दी उठकर स्नान करके पहले सूर्य देव को जल चढ़ाएं। इसके बाद अपने घर के मंदिर में भगवान विष्णु की पूजा करें। पूजा के दौरान उनके सामने घी का दीपक जरूर जलाएं। दीपक में कलावे की बाती डालें और उसमें थोड़ा सा केसर मिला दें। ऐसा करना बेहद शुभ माना जाता है। मान्यता है कि इससे न केवल घर में सुख-शांति आएगी बल्कि आर्थिक स्थिति में भी सुधार होगा।


2. विष्णु चालीसा या विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें

गुरुवार के दिन विष्णु चालीसा या विष्णु नाम स्तोत्र का पाठ करना बहुत फलदायी माना गया है। इस दिन कुश के आसन पर बैठकर श्रद्धा से विष्णु चालीसा का पाठ करें। पाठ पूरा होने के बाद भगवान विष्णु को पीले रंग के मिठाई का भोग लगाएं। इससे भगवान विष्णु की विशेष कृपा प्राप्त होती है।


3. पीले फलों का दान करें

शास्त्रों के अनुसार गुरुवार के दिन पीले फलों का दान करने से बृहस्पति ग्रह की स्थिति मजबूत होती है। यह उपाय खासकर तब किया जाता है जब कुंडली में गुरु ग्रह कमजोर स्थिति में हो। आप ये फल किसी मंदिर में, गरीबों को या अस्पताल में मरीजों के बीच बांट सकते हैं। इससे पुण्य भी मिलेगा और गुरु ग्रह भी मजबूत होगा।  


4. दूध और केसर का उपाय

गुरुवार के दिन केसर का प्रयोग शुभ माना जाता है। इस दिन रात को दूध में केसर मिलाकर सेवन करें या फिर दूध और केसर की खीर बनाकर भगवान विष्णु को भोग लगाएं। इसके बाद इसे पूरे परिवार के साथ मिलकर खाएं। इससे न केवल ग्रहों की स्थिति में सुधारता होता है बल्कि परिवार के बीच प्रेम और सामंजस्य भी बढ़ाता है।


5. गुरु का आशीर्वाद लें

गुरुवार के दिन अपने किसी आध्यात्मिक गुरु या मेंटर से जरूर मिलें या कम से कम फोन पर उनका आशीर्वाद लें। इससे आपके जीवन में अनुशासन और दिशा दोनों मिलती हैं। गुरु के आशीर्वाद से मन में सकारात्मक ऊर्जा आती है और हर काम में सफलता मिलने की संभावना बढ़ती है।


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वृश्चिक संक्रांति की पूजा विधि

संक्रांति मतलब सूर्य का एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करना और इसका वृश्चिक राशि में प्रवेश वृश्चिक संक्रांति कहलाता है। यह दिन सूर्य देव की विशेष पूजा और दान करने के लिए शुभ है और व्यक्ति के भाग्योदय में होता है।

वृश्चिक संक्रांति का मुहूर्त

भगवान सूर्य देव की उपासना का दिन वृश्चिक संक्रांति हिन्दू धर्म के प्रमुख त्योहार में से एक है। मान्यता है कि इस दिन सूर्य देव की पूजा करने से व्यक्ति को धन वैभव की प्राप्ति के साथ दुःखों से मुक्ति मिलती है। लेकिन क्या आपको पता है इस साल वृश्चिक संक्रांति कब हैं। वृश्चिक संक्रांति 2824 को लेकर थोड़ा असमंजस है।

वृश्चिक संक्रांति पर विशेष योग

हर संक्रांति में भगवान सूर्य की पूजा की जाती है। माना जाता है कि इस दिन सूर्य एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं, इसलिए इसे संक्रांति कहा जाता है। मान्यता है कि इस दिन सूर्य भगवान की पूजा करने से धन और वैभव की प्राप्ति होती है

वृश्चिक संक्रांति का महत्व

वृश्चिक संक्रांति पौराणिक कथाओं के अनुसार एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योंहार है। यह हिंदू संस्कृति में सौर दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह दिन भगवान सूर्य जी की पूजा के लिए विशेष माना होता है। वृश्चिक संक्रांति के समय सूर्य उपासना के साथ ही मंगल ग्रह शांति एवं पूजा करने से मंगल ग्रह की कृपा होती है।

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