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जनवरी में पड़ने वाले व्रत-त्योहार

जनवरी में पड़ने वाले व्रत-त्योहार

January Vrat 2025 : नए साल में होगा महाकुंभ का आगाज, जनवरी में पड़ने वाले व्रत-त्योहार की लिस्ट देखें

नया साल हमेशा नए उम्मीदों और उत्साह से भरा होता है। लेकिन साल 2025 की शुरुआत तो मानो धार्मिक उत्सवों और आध्यात्मिक अनुभवों का पर्व लेकर आई है। इस महीने में कई महत्वपूर्ण व्रत और त्योहार मनाए जाएंगे। सबसे खास बात यह है कि इसी महीने मकर संक्रांति के साथ महाकुंभ का शुभारंभ होने जा रहा है। आइए, भक्त वत्सल के इस लेख में विस्तार से जानते हैं जनवरी 2025 में कौन-कौन से प्रमुख व्रत और त्योहार मनाएं जाएंगे?


जनवरी 2025 व्रत-त्योहार कैलेंडर लिस्ट यहां देखें


अंग्रेजी नववर्ष का शुभारंभ, 1 जनवरी, बुधवार

अंग्रेजी कैलेंडर के हिसाब से साल 2025 का आरंभ 01 जनवरी से होने जा रहा है। नया साल एक नई शुरुआत का प्रतीक है। लोग इस दिन नए संकल्प लेते हैं और अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने की कोशिश करते हैं।


वरद चतुर्थी, 3 जनवरी 2025, शुक्रवार

नए साल का पहला महीना गणेश जी के आशीर्वाद से शुरू होगा। जनवरी में वरद चतुर्थी का पर्व मनाया जाता है। इस दिन भक्तगण विघ्नहर्ता गणेश जी की पूजा-अर्चना करते हैं।


स्कंद षष्ठी, 5 जनवरी 2025, रविवार

स्कंद षष्ठी हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जो भगवान कार्तिकेय को समर्पित है। कार्तिकेय को युद्ध का देवता माना जाता है और उन्हें स्कंद, मुरुगन आदि नामों से भी जाना जाता है। यह त्योहार आमतौर पर कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाया जाता है।


गुरु गोबिंद सिंह जयंती, 6 जनवरी 2025, सोमवार

सिख धर्म के दसवें गुरु, गुरु गोबिंद सिंह जी की जयंती है। इस दिन सिख समुदाय बड़े उत्साह से जश्न मनाता है।


मासिक दुर्गा अष्टमी, 7 जनवरी 2025, मंगलवार

मासिक दुर्गा अष्टमी हर महीने के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाई जाती है। यह दिन देवी दुर्गा को समर्पित होता है और इस दिन भक्तगण माता की पूजा-अर्चना करते हैं। 7 जनवरी 2025 को पड़ने वाली मासिक दुर्गा अष्टमी का विशेष महत्व है।


मासिक कार्तिगाई दीपम, 9 जनवरी 2025, गुरुवार

मासिक कार्तिगाई दीपम एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है जो हर महीने मनाया जाता है। यह त्योहार विशेष रूप से तमिल समुदाय में प्रचलित है। कार्तिगाई नक्षत्र के दिन मनाया जाने वाला यह त्योहार भगवान शिव को समर्पित है।


वैकुंठ एकादशी और पौष पुत्रदा एकादशी, 10 जनवरी 2025, शुक्रवार

वैकुंठ एकादशी का दिन भगवान विष्णु की उपासना के लिए विशेष रूप से लाभकारी माना जाता है। यह दिन भक्तों के लिए स्वर्ग के द्वार खोलने का प्रतीक है। पौष मास में आने वाली इस एकादशी को पुत्रदा एकादशी भी कहा जाता है। जो दंपत्ति संतान सुख की इच्छा रखते हैं, वे इस दिन व्रत करके भगवान विष्णु की पूजा करते हैं।

शुभ मुहूर्त  - पौष शुक्ल एकादशी तिथि 9 जनवरी 2025 को दोपहर 12 बजकर 22 मिनट से शुरू होकर 10 जनवरी को सुबह 10 बजकर 19 मिनट पर समाप्त होगी।


शनि त्रयोदशी, कूर्म द्वादशी, रोहिणी व्रत और श्रीरामलला प्राण-प्रतिष्ठा की पहली वर्षगांठ 11 जनवरी 2025, शनिवार

शनि त्रयोदशी हर महीने के कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को आती है। जब यह त्रयोदशी शनिवार को आती है, तो इसे शनि त्रयोदशी कहा जाता है। 

कूर्म का अर्थ कछुआ होता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, समुद्र मंथन के दौरान भगवान विष्णु ने कूर्म अवतार लेकर मंदराचल पर्वत को अपनी पीठ पर धारण किया था। इसीलिए इस दिन को कूर्म द्वादशी के रूप में मनाया जाता है।

रोहिणी व्रत माता लक्ष्मी को समर्पित है। विवाहित महिलाएं इस व्रत को अपने पति की लंबी उम्र के लिए रखती हैं। वहीं रामलला की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी, 2024 को हुई थी। हालांकि, हिंदू पंचांग के अनुसार, यह त्योहार हर साल पौष शुक्ल द्वादशी को मनाया जाता है। 2025 में पौष शुक्ल द्वादशी 11 जनवरी को पड़ रही है। इसलिए, रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की पहली वर्षगांठ 11 जनवरी, 2025 को मनाई जाएगी। 11 जनवरी, 2025 को पड़ने वाली पौष शुक्ल द्वादशी को 'प्रतिष्ठा द्वादशी' कहा जाएगा।

इस साल 2025 में जनवरी महीने में शनि त्रयोदशी, कूर्म द्वादशी, रोहिणी व्रत और श्रीरामलला प्राण-प्रतिष्ठा की पहली वर्षगांठ है। 


स्वामी विवेकानंद जयंती, 12 जनवरी 2025, रविवार

भारत के महान संत और विचारक स्वामी विवेकानंद की जयंती। इस दिन देश भर में कई कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।


लोहड़ी और महाकुंभ का शुभारंभ 13 जनवरी 2025, सोमवार

लोहड़ी का त्योहार प्रमुख रूप से पंजाब और हरियाणा में मनाया जाता है, लेकिन अब यह पूरे भारत में धूमधाम से मनाया जाता है। यह त्योहार नई फसल के आगमन और सर्दियों के अंत का प्रतीक है। लोहड़ी का पर्व परिवार और समाज में प्रेम, एकता और सौहार्द का संदेश फैलाता है। वहीं महाकुंभ का आयोजन एक विशाल आयोजन है, जिसमें धार्मिक अनुष्ठान, साधु-संतों की उपस्थिति, धार्मिक भाषण और विचार-विमर्श होते हैं। यहाँ आने वाले श्रद्धालु शांति और साधना की ओर बढ़ते हैं, और यह उनके जीवन में महत्वपूर्ण मोड़ का प्रतीक बनता है।


गंगा सागर स्नान और मकर संक्रांति 14 जनवरी 2025, मंगलवार

14 जनवरी को मकर संक्रांति के पावन अवसर पर सूर्यदेव मकर राशि में प्रवेश करेंगे। यह दिन गंगा सागर स्नान और दान के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। इस वर्ष मकर संक्रांति और भी विशेष है, क्योंकि इसी दिन से महाकुंभ मेला का शुभारंभ हो रहा है।


सकट चौथ, 17 जनवरी 2025, शुक्रवार

सकट चौथ का दिन भगवान गणेश की विशेष पूजा के लिए अत्यधिक प्रसिद्ध है। इस दिन माताएं अपने बच्चों की लंबी उम्र और समृद्धि के लिए व्रत करती हैं। इसे तिल-कुट चौथ भी कहा जाता है। व्रत का समापन शाम को गणेश जी की पूजा के बाद चंद्रमा को अर्घ्य देकर करते हैं। 


कालाष्टमी, 21 जनवरी 2025, मंगलवार

कालाष्टमी के दिन भगवान भैरव की आराधना करने से भक्तों पर उनकी विशेष कृपा बरसती है। भगवान भैरव को बुरी शक्तियों का नाश करने वाला माना जाता है। इस दिन उनकी पूजा करने से बुरी शक्तियों से मुक्ति मिलती है। भगवान भैरव भक्तों की मनोकामनाओं को पूरा करने वाले देवता हैं। इस दिन की गई पूजा से मनोकामनाएं पूरी होती हैं।


सुभाष चन्द्र बोस जयंती, 23 जनवरी 2025, गुरुवार

नेताजी सुभाष चंद्र बोस एक ऐसे महान स्वतंत्रता सेनानी थे जिन्होंने भारत की आजादी के लिए अथक प्रयास किए। उनकी जयंती, 23 जनवरी को, पूरे देश में बड़े उत्साह के साथ मनाई जाती है। इस दिन हम उनके जीवन और कार्यों को याद करते हुए, देश के लिए उनके योगदान को नमन करते हैं।


षटतिला एकादशी, 25 जनवरी 2025, शनिवार

षटतिला एकादशी हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण व्रत है जो भगवान विष्णु को समर्पित है। यह व्रत हर साल माघ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को मनाया जाता है। वर्ष 2025 में यह व्रत 25 जनवरी को मनाया गया।


प्रदोष व्रत, 27 जनवरी 2025, सोमवार

प्रदोष व्रत हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण व्रत है जो भगवान शिव को समर्पित है। यह व्रत हर महीने के कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है। प्रदोष का अर्थ है 'दोषों का नाश करने वाला'। मान्यता है कि इस व्रत को करने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है और जीवन के सभी कष्ट दूर होते हैं। सोमवार का दिन भगवान शिव को समर्पित होता है। जब प्रदोष व्रत सोमवार को पड़ता है, तो इसे सोम प्रदोष व्रत कहते हैं। इस दिन भगवान शिव की पूजा करने का विशेष महत्व होता है। मान्यता है कि सोम प्रदोष व्रत करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।


माघ अमावस्या या मौनी अमावस्या , 29 जनवरी 2025, बुधवार

माह माह में पड़ने वाली अमावस्या तिथि को मौनी अमावस्या के नाम से जाना जाता है। वहीं इस साल यह अमावस्या 29 जनवरी 2025 को पड़ रही है। इस दिन पितरों का श्राद्ध किया जाता है और उन्हें तर्पण दिया जाता है। मान्यता है कि इस दिन पितरों को श्राद्ध देने से उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है।


माघ नवरात्रि, 30 जनवरी 2025, गुरुवार

माघ नवरात्रि हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण त्योहार है। इसे गुप्त नवरात्रि भी कहा जाता है। यह नवरात्रि चैत्र और शारदीय नवरात्रि की तुलना में कम प्रसिद्ध है, लेकिन धार्मिक दृष्टिकोण से यह उतना ही महत्वपूर्ण है। माघ महीने के शुक्ल पक्ष में मनाया जाने वाला यह त्योहार देवी दुर्गा को समर्पित है। इस दौरान देवी के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है।


जनवरी 2025 में होने वाले ग्रह गोचर 


बुध ग्रह राशि परिवर्तन -  बुध ग्रह, जिन्हें ग्रहों का राजकुमार भी कहा जाता है, नए साल के पहले सप्ताह में अपनी राशि बदलने जा रहे हैं। 4 जनवरी को वे वृश्चिक राशि से निकलकर धनु राशि में प्रवेश करेंगे। धनु राशि में लगभग तीन सप्ताह रहने के बाद, वे 24 जनवरी को मकर राशि में प्रवेश करेंगे। यह राशि परिवर्तन कई राशियों के जीवन पर असर डाल सकता है।


  • सूर्य ग्रह राशि परिवर्तन - हर साल जब सूर्य देव मकर राशि में प्रवेश करते हैं, तो हम मकर संक्रांति का त्योहार मनाते हैं। अगले साल, 14 जनवरी को सूर्य देव धनु राशि से निकलकर मकर राशि में आएंगे। जैसे ही सूर्य देव मकर राशि में प्रवेश करेंगे, खरमास भी खत्म हो जाएगा। इसके बाद कई राशियों के लोगों के जीवन में बदलाव आ सकते हैं।
  • मंगल ग्रह राशि परिवर्तन - ग्रहों के सेनापति मंगल देव वर्ष 2025 के जनवरी महीने में राशि परिवर्तन करने जा रहे हैं। 21 जनवरी को वे मिथुन राशि में प्रवेश करेंगे। वर्तमान में मंगल देव कर्क राशि में विराजमान हैं। इस राशि परिवर्तन से कई राशियों के जातकों को शुभ फल प्राप्त होंगे।
  • शुक्र ग्रह राशि परिवर्तन- सुख और वैभव के कारक शुक्र देव 28 जनवरी को अपनी राशि बदलेंगे। वे कुंभ राशि को छोड़कर मीन राशि में प्रवेश करेंगे। यह गोचर 30 मई तक रहेगा। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस दौरान मीन राशि के जातकों को विशेष लाभ मिलने की संभावना है।


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