हिंदू धर्म में सप्ताह के प्रत्येक दिन का संबंध किसी न किसी देवी-देवता से होता है। शनिवार का दिन न्याय के देवता शनि महाराज को समर्पित माना गया है। इस दिन शनि देव की पूजा और व्रत करने से जीवन में चल रही समस्याओं, कष्टों और बाधाओं से मुक्ति मिलती है। खासतौर पर जिन लोगों की कुंडली में शनि की साढ़ेसाती या ढैय्या चल रही होती है, उनके लिए शनिवार व्रत बहुत शुभ और लाभकारी माना जाता है। ऐसे में आइए जानते हैं कि शनिवार के दिन इनका पूजा करने का क्या है धार्मिक महत्व और क्या मिलता है लाभ।
शनिवार के दिन मुख्य रूप से शनि देव की पूजा की जाती है। लेकिन इस दिन हनुमान जी की पूजा भी शुभ मानी जाती है क्योंकि मान्यता है कि हनुमान जी की कृपा से शनि देव का क्रोध शांत होता है। इस दिन शनि देव को सरसों तेल और काले तिल चढ़ाना बहुत लाभकारी होता है। इससे शनि दोष से छुटकारा मिलता है और जीवन में सुख-शांति आती है।
शनिवार व्रत की शुरुआत सावन महीने के किसी भी शनिवार से करना बेहद शुभ माना जाता है। हालांकि आप चाहें तो किसी भी महीने के शुक्ल पक्ष में आने वाले शनिवार से भी इस व्रत की शुरुआत कर सकते हैं। व्रत की शुरुआत के बाद कम से कम लगातार 7 शनिवार तक व्रत अवश्य करें।
शनिवार व्रत करने से शनि की साढ़ेसाती, ढैय्या या अन्य अशुभ प्रभावों से राहत मिलती है। इसके साथ ही कार्यों में आ रही रुकावटें दूर होती हैं और दुर्भाग्य का प्रभाव कम होने लगता है। जो लोग जीवन में बार-बार संघर्षों और बाधाओं का सामना कर रहे हैं, उनके लिए यह व्रत बहुत लाभकारी माना गया है।