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शनिवार देवी-देवता पूजा

शनिवार देवी-देवता पूजा

Shaniwar Devta Puja: शनिवार को किस देवता की पूजा होती है? जानिए पूजन विधि और नियम


हिंदू धर्म में सप्ताह के प्रत्येक दिन का संबंध किसी न किसी देवी-देवता से होता है। शनिवार का दिन न्याय के देवता शनि महाराज को समर्पित माना गया है। इस दिन शनि देव की पूजा और व्रत करने से जीवन में चल रही समस्याओं, कष्टों और बाधाओं से मुक्ति मिलती है। खासतौर पर जिन लोगों की कुंडली में शनि की साढ़ेसाती या ढैय्या चल रही होती है, उनके लिए शनिवार व्रत बहुत शुभ और लाभकारी माना जाता है। ऐसे में आइए जानते हैं कि शनिवार के दिन इनका पूजा करने का क्या है धार्मिक महत्व और क्या मिलता है लाभ।


शनि देव की पूजा का है विशेष महत्व

शनिवार के दिन मुख्य रूप से शनि देव की पूजा की जाती है। लेकिन इस दिन हनुमान जी की पूजा भी शुभ मानी जाती है क्योंकि मान्यता है कि हनुमान जी की कृपा से शनि देव का क्रोध शांत होता है। इस दिन शनि देव को सरसों तेल और काले तिल चढ़ाना बहुत लाभकारी होता है। इससे शनि दोष से छुटकारा मिलता है और जीवन में सुख-शांति आती है।


कब से करें शनिवार व्रत की शुरुआत?

शनिवार व्रत की शुरुआत सावन महीने के किसी भी शनिवार से करना बेहद शुभ माना जाता है। हालांकि आप चाहें तो किसी भी महीने के शुक्ल पक्ष में आने वाले शनिवार से भी इस व्रत की शुरुआत कर सकते हैं। व्रत की शुरुआत के बाद कम से कम लगातार 7 शनिवार तक व्रत अवश्य करें।


शनिवार व्रत की पूजन विधि

  • शनिवार को व्रत करने वाले जातकों को इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करना चाहिए और व्रत का संकल्प लेना चाहिए। 
  • इसके बाद शनि मंदिर जाकर शनि देव की विधिवत पूजा करें। 
  • इस बात का ध्यान रखें कि घर में शनि देव की मूर्ति नहीं रखनी चाहिए। 
  • पूजा में शनि देव को पंचामृत से स्नान कराएं, फिर उन्हें काले तिल, काले वस्त्र, नीले या काले फूल अर्पित करें और सरसों के तेल का दीपक जलाएं। 
  • इसके बाद शनि चालीसा का पाठ करें और 'ॐ शं शनैश्चराय नमः' मंत्र का जाप करें। 
  • पूजा के अंत में क्षमा याचना जरूर करें।


शनिवार व्रत के नियम

  • शनिवार के दिन व्रत करने वाले व्यक्ति को तामसिक भोजन जैसे मांस, प्याज, लहसुन, अंडा आदि से दूर रहना चाहिए। 
  • इस दिन नशीली चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए। 
  • इस दिन किसी से भी झूठ न बोलें और ही किसी का अपमान करें और छल-कपट करें वरना इससे व्रत का पूर्ण फल नहीं मिलता है।
  • इस दिन दान-पुण्य और जरूरतमंदों की मदद करने से शनि देव प्रसन्न होते हैं।


शनि व्रत से मिलते हैं चमत्कारी लाभ

शनिवार व्रत करने से शनि की साढ़ेसाती, ढैय्या या अन्य अशुभ प्रभावों से राहत मिलती है। इसके साथ ही कार्यों में आ रही रुकावटें दूर होती हैं और दुर्भाग्य का प्रभाव कम होने लगता है। जो लोग जीवन में बार-बार संघर्षों और बाधाओं का सामना कर रहे हैं, उनके लिए यह व्रत बहुत लाभकारी माना गया है। 


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