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शुक्रवार व्रत नियम

शुक्रवार व्रत नियम

Shukrawar Vrat Niyam: अगर आप शुक्रवार का व्रत रखना चाहते हैं तो इस सही विधि से करें पूजा, जानें नियम और महत्व


हिंदू धर्म में पूजा-पाठ का विशेष महत्व है। इसके लिए सप्ताह का हर दिन किसी न किसी देवी-देवता को समर्पित है। ऐसे ही शुक्रवार के दिन माता संतोषी और धन की देवी मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है। धार्मिक मान्यताओं अनुसार इस दिन देवी की अराधना करने से सुख, समृद्धि, सौभाग्य और धन-धान्य की प्राप्ति होती है। वहीं कई भक्त माता संतोषी और लक्ष्मी जी को प्रसन्न करने के लिए इस दिन व्रत भी रखते हैं। मान्यता है कि इस दिन उपवास रहने से जातकों की सारी मनोकामाएं पूर्ण हो जाती हैं। ऐसे में अगर आप भी शुक्रवार का व्रत शुरू करना चाहते हैं तो इससे पहले जानिए पूजा विधि और इस दिन का सही नियम। 

शुक्रवार का व्रत कब शुरू करें?

अगर आप शुक्रवार का व्रत शुरू करना चाहते हैं तो आप शुक्ल पक्ष के प्रथम शुक्रवार से कर सकते हैं। इस बात का खास ध्यान रखें कि इस व्रत को कभी भी 
पितृ पक्ष में शुरू न करें। जब भी व्रत शुरू करें तो 16 शुक्रवार तक उपवास जरूर रखें। ऐसा करने से जीवन की परेशानियां दूर होती हैं और मां संतोषी सुख और सौभाग्य का आशीर्वाद देती हैं। 

शुक्रवार व्रत पूजा विधि

  • अगर आप भी शुक्रवार का व्रत रख रहे हैं तो इस सबसे पहले इस दिन सूर्योदय में उठें।
  • सुबह जल्दी उठने के बाद अपने सभी दैनिक कार्यों को करने के बाद स्नान कर लें और लाल वस्त्र धारण करें। 
  • अब घर की मंदिर की साफ सफाई करें और गंगाजल का छिड़काव करें। 
  • उसके बाद एक पवित्र स्थान पर चौकी पर  माता संतोषी की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें।
  • मूर्ति या तस्वीर स्थापित करने के बाद एक पात्र में शुद्ध जल भर लें।
  • अब इस जल के ऊपर एक कटोरी में गुड़ और भुने हुए चने रखें।
  • इसके बाद देवी के सामने घी का दीपक जलाएं और विधिपूर्वक पूजा-अर्चना करें। 
  • इस दिन देवी को गुड़ और चने का भोग जरूर लगाएं। 
  • इसके बाद शुक्रवार व्रत की कथा सुनें। कथा सुनते वक्त अपने हाथों में गुड़ और भुने चने रखें।
  • शुक्रवार व्रत की कथा पूरी करने के बाद माता संतोषी की आरती करें। 
  • पूजा के बाद घर में जल का छिड़काव करें। 

शुक्रवार व्रत के मंत्र

  • ऊँ श्रींह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ऊँ महालक्ष्मी नम:।।
  • ऊँ श्रीं ल्कीं महालक्ष्मी महालक्ष्मी एह्येहि सर्व सौभाग्यं देहि मे स्वाहा।।

शुक्रवार व्रत का महत्व

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, शुक्रवार के दिन व्रत रखने से संतोषी माता प्रसन्न होती हैं और अपने भक्तों पर कृपा बरसाती है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन व्रत रखने वाले साधकों के जीवन में सुख-समृद्धि का आगमन होता है। साथ ही, दरिद्रता का नाश होता है। वहीं, अविवाहित लड़कियों को मनचाहा वर मिलता है।

शुक्रवार व्रत के नियम

  • अगर आप भी शुक्रवार का व्रत रखते हैं तो इस बात का ध्यान रखें कि इस दिन व्रती के साथ घर के बाकी सदस्यों को भी खट्टी चीजें का सेवन नहीं करना चाहिए।
  • शुक्रवार व्रत में तामसिक भोजन से परहेज करें।
  • इस दिन गरीबों और जरूरतमंदों को भोजन कराकर दक्षिणा अवश्य दें। ऐसा करने से देवी अपने भक्तों पर कृपा बरसाती है। 
  • इस बात का खास ध्यान रखें कि इस दिन की पूजा भगवान गणेश की अराधना से शुरू करें।

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